नई दिल्ली: पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आवास पर पहुंच गए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को उत्पीड़न पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि सरकार पहलवानों के साथ उनकी मांगों पर बातचीत करने को तैयार है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने उत्पीड़न पर चर्चा के लिए भारत के शीर्ष पहलवानों को आमंत्रित किया है, जो भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों काे लेकर उनका विरोध कर रहे हैं.
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"We will discuss the proposal given by the government with our seniors and supporters. Only when everyone gives their consent that the proposal is fine, then will we agree. It won't happen that we will agree to anything that the government says and end our protest. No time fixed… pic.twitter.com/3MoVLYSR2Q
— ANI (@ANI) June 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 7, 2023
केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि बातचीत के लिए पहलवानों को एक बार फिर आमंत्रित किया है. इस मामले पर रेसलर साक्षी मलिक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे. जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम मानेंगे. ऐसा नहीं होगा कि हम सरकार की किसी भी बात को मान लें और अपना धरना समाप्त कर दें. बैठक के लिए अभी तक कोई समय तय नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार किया जाए.
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Delhi | Wrestler Bajrang Punia and farmer leader Rakesh Tikait arrive at the residence of Union Sports Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/XWwhO5PWIg
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इस बीच, देश के कुश्ती महासंघ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया ने रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी है. इन सभी पहलवानों ने इस साल की शुरुआत से ही बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दबाव बना रहे हैं.
जंतर-मंतर और उसके आस पास के इलाकों में 28 मई को क्षेत्र में धारा 144 लागू होने के बावजूद, पहलवानों ने नई संसद के सामने एक मार्च और विरोध की योजना बनाई थी. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक कर हिरासत में लिया. बाद ने पहलवानों के आईपीसी की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353, पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने धरना-प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को जंतर-मंतर से हटा दिया.
इन सबके बाद पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने की योजना बनाई. हालांकि, बाद में अपना फैसला वापस ले लिया और उन्होंने किसान नेता नरेश टिकैत को अपने मेडल सौंद दिए. वहीं, टिकैत ने सरकार को पांच दिन के भीतर विवाद को सुलझाने की चेतावनी दी. दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ 10 शिकायतें और दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. इसमें एक एफआईआर एक नाबालिग की ओर से दर्ज कराए गए हैं. यह मामला यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया. वहीं, एक अन्य मामला महिलाओं की मर्यादा को ठेस पहुंचाने से संबंधित है. इस दौरान बृजभूषण ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं.
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने नए संसद भवन तक मार्च के दौरान पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है. इसमें डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. वहीं, पहलवानों के खिलाफ की गई कार्रवाई की आलोचना की. साथ ही अब तक की जांच के नतीजों पर असंतोष व्यक्त किया. संस्थाने संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया है.
(एएनआई)