पंचकूला: हरियाणा में किसानों ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसानों ने पंचकूला के सेक्टर- 5 धरना स्थल पर तीन दिवसीय महापड़ाव डाला है. किसानों के महापड़ाव का आज दूसरा दिन है. इस महापड़ाव में शिरकत करने के लिए भारी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं. आज किसानों की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. आज की बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा होने वाली है. आखिर किसान आंदोलन का रूप कैसा रहने वाला है बैठक में इस पर रणनीति बनेगी. हालांकि किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए धरना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.
क्या है किसानों की मांगें?: आखिर किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं. किसानों की मांगें क्या हैं आइए जानते हैं. बता दें कि किसानों की मुख्य मांगें हैं कि सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी, किसानों के कर्ज माफ किए जाएं, बिजली संशोधन बिल 2022 रद्द हो. इसके अलावा किसानों ने चार लेबर कोड निरस्त करने औप न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए निर्धारित करने की मांग की है.
दिल्ली में जो आंदोलन किसानों ने स्थगित किया था. उस वक्त की मांगों को सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है. इन मांगों में एमएसपी गारंटी कानून बनाने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, बिजली के बिल माफ करने और कर्ज मुक्त करना शामिल है. जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. ये महापड़ाव 72 घंटे का रखा गया है. - रतन मान, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन
किसानों के महापड़ाव को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात: बता दें कि किसानों के महापड़ाव के दौरान कहीं किसी तरह की कोई विवाद ना हो इसको लेकर धरना स्थल के आस पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा से लगती सीमाओं पर चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेडिंग की है. इसके अलावा मुख्य चौक और चौराहों पर भी भारी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती गई है. इसके साथ ही जगह-जगह आंसू गैस के गोलों की गाड़ियां और वाटर कैनन की गाड़ियां भी तैनात की गई है ताकि स्थिति गंभीर ना हो. इसके अलावा किसानों के महापड़ाव को देखते हुए पैरामिलिट्री फोर्स को भी पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर तैनात किया गया है.
राकेश टिकैत किसानों के आंदोलन में पहुंचे : पंचकूला में चल रहे किसानों के आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंच गए हैं. राकेश टिकैत ने आंदोलन में पहुंचने के बाद धरना स्थल पर किसानों से बातचीत भी की. साफ है कि राकेश टिकैत के आने से किसानों के आंदोलन को बूस्ट मिलेगा और वे अपनी मांगों को और ज्यादा प्रभावशाली ढंग से सरकार के सामने रख पाएंगे.
ये भी पढ़ें: पंचकूला में किसानों का महापड़ाव: हरियाणा और पंजाब बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी, इन मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
ये भी पढ़ें: हरियाणा और पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़ कूच करने का फैसला टाला