ETV Bharat / bharat

Chardham Yatra 2023: 22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट, 26 से शुरू होगी केदारनाथ यात्रा

उत्तराखंड में सरकार चारधाम यात्रा की तैयारियों में लगी है. वहीं आज केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गई है. चारधाम यात्रा 2023 के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि भी घोषित कर दी गई है. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि गुरुवार को ही घोषित हो गई थी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 27, 2023, 2:01 PM IST

देहरादून: चारधाम यात्रा 2023 का शंखनाद हो चुका है. चारों धामों के कपाट खुलने की तिथियां घोषित हो गई हैं. केदारनाथ धाम के कपाट इस साल 26 अप्रैल को खुल रहे हैं. केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. वहीं गंगोत्री धाम के कपाट इस बार 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. यमुनोत्री धाम के कपाट भी 22 अप्रैल को ही खुलेंगे. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने तीनों धामों के कपाट खुलने की तिथियों की आज घोषणा की. इस तरह इस बार 22 अप्रैल से चारों धामों के दर्शन के लिए तीर्थयात्री उत्तराखंड पहुंच जाएंगे.

22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं. गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. गंगोत्री (Gangotri) प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है. गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है. गंगोत्री का गंगाजी मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है. यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है.

गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था. वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था. प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते हैं. इस साल 22 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं. यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं.

22 अप्रैल को खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट: यमुनोत्री के कपाट भी 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. ये धाम उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3235 मी. ऊंचाई पर स्थित देवी यमुना का मंदिर है. यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. ऋषिकेश से 210 किलोमीटर और हरिद्वार से 255 किलोमीटर सड़क मार्ग से जुड़ा समुद्रतल से 10 हज़ार फीट ऊंचा एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ है. चार धामों में से एक धाम यमुनोत्री से यमुना का उद्गम मात्र एक किमी की दूरी पर है. यहां बंदरपूंछ चोटी (6315 मी) के पश्चिमी अंत में फैले यमुनोत्री ग्लेशियर को देखना अत्यंत रोमांचक है. गढ़वाल हिमालय की पश्चिम दिशा में उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है. यमुना पावन नदी का स्रोत कालिंदी पर्वत है.

26 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट: भगवान भोलेनाथ के धाम केदारनाथ के कपाट 26 अप्रैल को खुल रहे हैं. केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है. उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है. पत्‍थरों से कत्यूरी शैली में बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था. यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है. आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया.
ये भी पढ़ें: Badrinath Yatra 2023: 27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट: बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई थी. इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुल रहे हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे. कपाट खुलने की तिथि का ऐलान नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने किया गया था. बदरीनाथ अथवा बदरीनारायण मंदिर उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक हिंदू मंदिर है. यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है.

बदरीनाथ मंदिर का निर्माण 7वीं-9वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं. मंदिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बदरीनाथ ही कहा जाता है. भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊंचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है. यह भारत के कुछ सबसे व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है.

देहरादून: चारधाम यात्रा 2023 का शंखनाद हो चुका है. चारों धामों के कपाट खुलने की तिथियां घोषित हो गई हैं. केदारनाथ धाम के कपाट इस साल 26 अप्रैल को खुल रहे हैं. केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. वहीं गंगोत्री धाम के कपाट इस बार 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. यमुनोत्री धाम के कपाट भी 22 अप्रैल को ही खुलेंगे. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने तीनों धामों के कपाट खुलने की तिथियों की आज घोषणा की. इस तरह इस बार 22 अप्रैल से चारों धामों के दर्शन के लिए तीर्थयात्री उत्तराखंड पहुंच जाएंगे.

22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं. गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. गंगोत्री (Gangotri) प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है. गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है. गंगोत्री का गंगाजी मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है. यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है.

गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था. वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था. प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते हैं. इस साल 22 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं. यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं.

22 अप्रैल को खुलेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट: यमुनोत्री के कपाट भी 22 अप्रैल को खुल रहे हैं. ये धाम उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3235 मी. ऊंचाई पर स्थित देवी यमुना का मंदिर है. यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. ऋषिकेश से 210 किलोमीटर और हरिद्वार से 255 किलोमीटर सड़क मार्ग से जुड़ा समुद्रतल से 10 हज़ार फीट ऊंचा एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ है. चार धामों में से एक धाम यमुनोत्री से यमुना का उद्गम मात्र एक किमी की दूरी पर है. यहां बंदरपूंछ चोटी (6315 मी) के पश्चिमी अंत में फैले यमुनोत्री ग्लेशियर को देखना अत्यंत रोमांचक है. गढ़वाल हिमालय की पश्चिम दिशा में उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है. यमुना पावन नदी का स्रोत कालिंदी पर्वत है.

26 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट: भगवान भोलेनाथ के धाम केदारनाथ के कपाट 26 अप्रैल को खुल रहे हैं. केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है. उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है. पत्‍थरों से कत्यूरी शैली में बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था. यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है. आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया.
ये भी पढ़ें: Badrinath Yatra 2023: 27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट: बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई थी. इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुल रहे हैं. बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे. कपाट खुलने की तिथि का ऐलान नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने किया गया था. बदरीनाथ अथवा बदरीनारायण मंदिर उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक हिंदू मंदिर है. यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है.

बदरीनाथ मंदिर का निर्माण 7वीं-9वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं. मंदिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बदरीनाथ ही कहा जाता है. भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊंचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर वर्ष के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है. यह भारत के कुछ सबसे व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.