नई दिल्ली : देश में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 16.3 प्रतिशत घटकर 71 अरब डॉलर रहा. एक दशक में यह पहली बार है जब किसी वित्त वर्ष में एफडीआई प्रवाह घटा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, इसके पीछे वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी मुख्य कारण रहा. वित्त वर्ष 2021-22 में सकल एफडीआई प्रवाह 81.97 अरब डॉलर था, जो उससे पिछले वित्त वर्ष से 10 प्रतिशत ज्यादा था.
सकल एफडीआई में पिछली गिरावट वित्त वर्ष 2012-13 में हुई थी, जब निवेश 26 प्रतिशत घटकर 34.29 अरब डॉलर रह गया था. आरबीआई के ताजा मासिक बुलेटिन में प्रकाशित लेख के अनुसार, 'वित्त वर्ष 2022-23 में सकल एफडीआई प्रवाह 71 अरब डॉलर रहा, जो सालाना आधार पर 16.3 प्रतिशत कम है.' विज्ञप्ति के अनुसार, समीक्षाधीन वित्त वर्ष में शुद्ध एफडीआई भी सालाना आधार पर लगभग 27 प्रतिशत घटकर 28 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 38.6 अरब डॉलर था. समीक्षाधीन वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में एफडीआई प्रवाह में गिरावट सबसे ज्यादा विनिर्माण, कंप्यूटर सेवा और संचार सेवा क्षेत्रों में रही.
अगर नेट बेसिस पर देखें तो भी एफडीआई 27.5 प्रतिशत घटकर 28 बिलियन डॉलर हो गया है. जनवरी में जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में, चीन में एफडीआई का प्रवाह 8 प्रतिशत बढ़कर 189 बिलियन डॉलर हो गया था. आंकड़ों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में एफडीआई में सबसे ज्यादा कमी आई है, उनमें विनिर्माण, कंप्यूटर सेवाएं और संचार सेवाएं शामिल हैं. इस दौरान अमेरिका, स्विट्जरलैंड और मॉरीशस से एफडीआई कम हुआ है. वित्त वर्ष 2021-22 में नेट एफडीआई का आंकड़ा 38.6 बिलियन डॉलर रहा था, जो पिछले वित्त वर्ष में कम होकर 28 बिलियन डॉलर रह गया.
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(एजेंसी)