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राज्यपाल से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने 3 दिन का महापड़ाव किया खत्म, 11 दिसम्बर को हिसार में होगी बैठक - Farmers Protest in Haryana

Farmers protest ends in Panchkula हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने 3 दिन का महापड़ाव खत्म कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 दिसम्बर को हिसार में बैठक का ऐलान किया है. इस बैठक में आगामी रणनीति तैयार होने वाली है.

Farmers protest ends in Panchkula
राज्यपाल से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने महापड़ाव खत्म किया.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 2:33 PM IST

राज्यपाल से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने महापड़ाव खत्म किया.

चंडीगढ़: हरियाणा के पंचकूला में तीन दिवसीय महापड़ाव समाप्त हो गया है. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने महापड़ाव खत्म करने का ऐलान कर दिया है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों ने धरना समाप्त करने का ऐलान किया. इसके साथ ही किसान धरना स्थल से अपने घर के लिए वापस लौटने लगे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि 11 दिसंबर को हिसार में दोबारा बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में अगला फैसला लिया जाएगा. दिल्ली कूच करने का भी ऐलान किया जा सकता है.

11 दिसंबर को हिसार में बैठक: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपने के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रदेश अध्यक्ष रत्नमान सिंह ने कहा कि 72 घंटो के प्रदर्शन के बाद हमारा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला. मजदूरों और किसानों की तरफ किसानों का 21 सदस्यीय डेलिगेशन राज्यपाल से मिला. उन्होंने कहा कि राज्यपाल हमसे बहुत अच्छे से मिले. उन्होंने हमें आश्वस्त किया कि आपकी सारी मांगों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

किसान नेताओं का क्या कहना है?: वहीं किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा कि हम मोदी सरकार को स्पष्ट चेतावनी देना चाहते हैं, यह देश सबका है. हमारी मांगें मानी जाए, नहीं तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन का किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एमएसपी का मतलब इनकम की गारंटी है और वह किसान को दी जाए.

क्या हैं किसानों की मांगें?: रत्नमान सिंह ने कहा कि हमारी मुख्य मांगें यह है कि एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून बनाया जाए. लखीमपुर खीरी मामले में न्याय मिलना चाहिए, जिन किसानों हिरासत में लिया गया है उन्हें रिहा किया जाए. एमएसपी पर कमेटी बनाने की बात कही गई थी, जिसमें किसान नेताओं को भी शामिल किया जाना था लेकिन किसान नेताओं को कमेटी में शामिल नहीं किया गया है.

किसान महापड़ाव से राकेश टिकैत की हुंकार: महापड़ाव के दूसरे दिन पंचकूला पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के जरिए किसान अपनी मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में बड़ा आंदोलन हुए 2 साल हो गए हैं. ऐसे में पंचकूला में 3 दिन का महापड़ाव इसलिए रखा गया है कि लोग आंदोलन करना भूल न जाएं. राकेश टिकैत ने कि आने वाले समय में एक बड़े आंदोलन करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: पंचकूला में जारी है किसानों का महापड़ाव, राकेश टिकैत बोले- आंदोलन के जरिए सरकार को दे रहे संदेश

ये भी पढ़ें: पंचकूला में किसानों का महापड़ाव, आज आगामी आंदोलन को लेकर बनेगी रणनीति, किसान नेता राकेश टिकैत भी किसानों के बीच पहुंचे

राज्यपाल से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने महापड़ाव खत्म किया.

चंडीगढ़: हरियाणा के पंचकूला में तीन दिवसीय महापड़ाव समाप्त हो गया है. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन ने महापड़ाव खत्म करने का ऐलान कर दिया है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों ने धरना समाप्त करने का ऐलान किया. इसके साथ ही किसान धरना स्थल से अपने घर के लिए वापस लौटने लगे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि 11 दिसंबर को हिसार में दोबारा बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में अगला फैसला लिया जाएगा. दिल्ली कूच करने का भी ऐलान किया जा सकता है.

11 दिसंबर को हिसार में बैठक: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपने के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रदेश अध्यक्ष रत्नमान सिंह ने कहा कि 72 घंटो के प्रदर्शन के बाद हमारा प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला. मजदूरों और किसानों की तरफ किसानों का 21 सदस्यीय डेलिगेशन राज्यपाल से मिला. उन्होंने कहा कि राज्यपाल हमसे बहुत अच्छे से मिले. उन्होंने हमें आश्वस्त किया कि आपकी सारी मांगों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

किसान नेताओं का क्या कहना है?: वहीं किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा कि हम मोदी सरकार को स्पष्ट चेतावनी देना चाहते हैं, यह देश सबका है. हमारी मांगें मानी जाए, नहीं तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन का किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एमएसपी का मतलब इनकम की गारंटी है और वह किसान को दी जाए.

क्या हैं किसानों की मांगें?: रत्नमान सिंह ने कहा कि हमारी मुख्य मांगें यह है कि एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून बनाया जाए. लखीमपुर खीरी मामले में न्याय मिलना चाहिए, जिन किसानों हिरासत में लिया गया है उन्हें रिहा किया जाए. एमएसपी पर कमेटी बनाने की बात कही गई थी, जिसमें किसान नेताओं को भी शामिल किया जाना था लेकिन किसान नेताओं को कमेटी में शामिल नहीं किया गया है.

किसान महापड़ाव से राकेश टिकैत की हुंकार: महापड़ाव के दूसरे दिन पंचकूला पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के जरिए किसान अपनी मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में बड़ा आंदोलन हुए 2 साल हो गए हैं. ऐसे में पंचकूला में 3 दिन का महापड़ाव इसलिए रखा गया है कि लोग आंदोलन करना भूल न जाएं. राकेश टिकैत ने कि आने वाले समय में एक बड़े आंदोलन करने की जरूरत है.

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