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4 राज्यों को बिजली मंत्री की सलाह, मॉनसून से पहले स्टॉक के लिए आयात करें कोयला - कोयला आयात करने की सलाह

एक ओर देश भर के पावर स्टेशन कोयले की किल्लत से जूझ रहे हैं, दूसरी ओर मॉनसून भी दस्तक देने वाला है. इस हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 4 राज्य सरकारों से कोयला आयात करने की सलाह दी है.

coal imports
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Published : May 18, 2022, 8:06 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्यों को मॉनसून के आने के पहले कोयले से चलने वाले पावर स्टेशनों के लिए चाक चौबंद तैयारी करने की हिदायत दी है. केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने चार राज्योंं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और वेस्ट बंगाल के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखा है. इस चिट्ठी में उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि वह अपने-अपने राज्यों में बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को कोयला आयात करने के निर्देश दें.

बिजली मंत्री ने चिट्ठी में लिखा है कि बिजली संयंत्रों में कुल कोयले की खपत में भी वृद्धि हुई है. आप राज्य में पावर प्रोडक्शन कंपनियों को मॉनसून के दौरान आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोयले का आयात करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कह सकते हैं. बिजली मंत्री ने चिंता व्यक्त की कि इन चार राज्यों में कोयला आयात की टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है या पूरी नहीं हुई है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, 2018-19 में ब्लेंडिंग के लिए कुल 21.4 मिलियन टन कोयले का आयात किया गया था. 2019-20 में कुल आयात 23.8 मिलियन टन था जबकि 2021-22 में यह केवल 8.3 मिलियन टन रहा. इस कारण कोयले की उपलब्धता पर असर पड़ा है. बिजली मंत्रालय पहले भी राज्य बिजली उत्पादन कंपनियों को ब्लेंडिंग के लिए कुल जरूरत का 10 प्रतिशत कोयला आयात करने की सलाह दे चुका है.

बिजली मंत्रालय का कहना है कि विभाग ने समय रहते ही सलाह जारी कर दी थी ताकि 30 जून तक 50 प्रतिशत मात्रा की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके. तय समय के अनुसार, कंपनियों को आयात के 40 प्रतिशत कोयले की डिलिवरी 31 अगस्त और शेष 10 प्रतिशत की डिलिवरी 31 अक्टूबर सुनिश्चित करनी होगी. मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने पत्र में, केंद्रीय बिजली मंत्री ने कहा कि राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियां स्टॉक बनाने के लिए आरसीआर मोड के तहत पेश किए गए कोयले की पूरी मात्रा को तेजी से उठा सकती हैं. बिजली मंत्री ने इन राज्यों को चेतावनी दी है कि मॉनसून सीजन के दौरान अगर किसी कारण से कोयले का स्टॉक कम होता है तो घरेलू खादानों से आपूर्ति संभव नहीं होगी. यदि वर्तमान स्थिति आगे भी जारी रहती है, तो इससे राज्यों में मॉनसून के दौरान कोयले की कमी हो सकती है, जिससे वहां बिजली आपूर्ति की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

बिजली मंत्रालय ने सभी जेनको को भी ब्लेंडिंग के लिए 31 मई तक कोयले के आयात के लिए ऑर्डर देने के निर्देश दिए हैं. आयातित कोयले को पावर स्टेशन तक पहुंचाने के लिए 15 जून की मोहलत दी है. इसके अलावा 15 पर्सेंट कोयला अक्टूबर में भी आयात करना होगा. उन्होंने जेनको को अक्टूबर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए कोयले का स्टॉक बनाने के निर्देश दिया है.

पढ़ें : ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडेरेशन का श्वेत पत्र, कोयला संकट के लिए केंद्र की पॉलिसी जिम्मेदार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्यों को मॉनसून के आने के पहले कोयले से चलने वाले पावर स्टेशनों के लिए चाक चौबंद तैयारी करने की हिदायत दी है. केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने चार राज्योंं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और वेस्ट बंगाल के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखा है. इस चिट्ठी में उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि वह अपने-अपने राज्यों में बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को कोयला आयात करने के निर्देश दें.

बिजली मंत्री ने चिट्ठी में लिखा है कि बिजली संयंत्रों में कुल कोयले की खपत में भी वृद्धि हुई है. आप राज्य में पावर प्रोडक्शन कंपनियों को मॉनसून के दौरान आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोयले का आयात करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कह सकते हैं. बिजली मंत्री ने चिंता व्यक्त की कि इन चार राज्यों में कोयला आयात की टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है या पूरी नहीं हुई है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, 2018-19 में ब्लेंडिंग के लिए कुल 21.4 मिलियन टन कोयले का आयात किया गया था. 2019-20 में कुल आयात 23.8 मिलियन टन था जबकि 2021-22 में यह केवल 8.3 मिलियन टन रहा. इस कारण कोयले की उपलब्धता पर असर पड़ा है. बिजली मंत्रालय पहले भी राज्य बिजली उत्पादन कंपनियों को ब्लेंडिंग के लिए कुल जरूरत का 10 प्रतिशत कोयला आयात करने की सलाह दे चुका है.

बिजली मंत्रालय का कहना है कि विभाग ने समय रहते ही सलाह जारी कर दी थी ताकि 30 जून तक 50 प्रतिशत मात्रा की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके. तय समय के अनुसार, कंपनियों को आयात के 40 प्रतिशत कोयले की डिलिवरी 31 अगस्त और शेष 10 प्रतिशत की डिलिवरी 31 अक्टूबर सुनिश्चित करनी होगी. मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने पत्र में, केंद्रीय बिजली मंत्री ने कहा कि राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियां स्टॉक बनाने के लिए आरसीआर मोड के तहत पेश किए गए कोयले की पूरी मात्रा को तेजी से उठा सकती हैं. बिजली मंत्री ने इन राज्यों को चेतावनी दी है कि मॉनसून सीजन के दौरान अगर किसी कारण से कोयले का स्टॉक कम होता है तो घरेलू खादानों से आपूर्ति संभव नहीं होगी. यदि वर्तमान स्थिति आगे भी जारी रहती है, तो इससे राज्यों में मॉनसून के दौरान कोयले की कमी हो सकती है, जिससे वहां बिजली आपूर्ति की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

बिजली मंत्रालय ने सभी जेनको को भी ब्लेंडिंग के लिए 31 मई तक कोयले के आयात के लिए ऑर्डर देने के निर्देश दिए हैं. आयातित कोयले को पावर स्टेशन तक पहुंचाने के लिए 15 जून की मोहलत दी है. इसके अलावा 15 पर्सेंट कोयला अक्टूबर में भी आयात करना होगा. उन्होंने जेनको को अक्टूबर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए कोयले का स्टॉक बनाने के निर्देश दिया है.

पढ़ें : ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडेरेशन का श्वेत पत्र, कोयला संकट के लिए केंद्र की पॉलिसी जिम्मेदार

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