नई दिल्ली : ब्रिक्स देशों के नेताओं ने गुरुवार को अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को समूह के नए सदस्यों के रूप में शामिल करने का फैसला किया, जिससे एक लंबी प्रक्रिया पर मुहर लग गई. इस फैसले की घोषणा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में की.
रामफोसा ने घोषणा की कि नए सदस्य एक जनवरी, 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे. उन्होंने कहा कि विस्तार प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के बाद नए सदस्यों के बारे में निर्णय पर सहमति बनी.
रामफोसा ने जोहानिसबर्ग में समूह के शिखर सम्मेलन के अंत में कहा, 'ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया के पहले चरण पर हमारी आम सहमति है.' उन्होंने कहा, 'हमने अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा, 'हम ब्रिक्स के साथ साझेदारी बनाने में अन्य देशों के हितों को महत्व देते हैं और हमने अपने विदेश मंत्रियों को ब्रिक्स साझेदारी मॉडल तथा संभावित देशों (जो समूह में शामिल होना चाहते हैं) की सूची विकसित करने का काम सौंपा है.'
इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल शिखर सम्मेलन के लिए रामफोसा को बधाई दी और ब्रिक्स सदस्यता के विस्तार के लिए भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया. पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'भारत का हमेशा से मानना रहा है कि नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में और मजबूत होगा और इससे हमारे साझा प्रयासों को नई गति मिलेगी. इससे बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में कई देशों का विश्वास भी मजबूत होगा.' पीएम मोदी ने कहा कि भारत के नए ब्रिक्स सदस्यों के साथ बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग में नए आयाम भी जुड़ेंगे. ब्रिक्स का विस्तार और आधुनिकीकरण एक संदेश है कि दुनिया के सभी संस्थानों को बदलते समय के अनुसार खुद को ढालने की जरूरत है.
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