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तेलंगाना एनकाउंटर की जांच को SC ने गठित किया तीन सदस्यीय आयोग

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना एनकाउंटर में जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले के कुछ अहम पहलू हैं, जिनकी जांच होना जरूरी है. पढ़ें पूरी खबर...

supreme court on hyderabad encounter
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Published : Dec 12, 2019, 11:17 AM IST

Updated : Dec 12, 2019, 6:54 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना पुलिस एनकाउंटर में जांच के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले के कुछ तत्वों की जांच होनी चाहिए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच कमीशन के गठन का भी आदेश दिया है.

आपको बता दें, इस कमीशन में केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक डॉ. कार्तिकेय, बाम्बे हाई कोर्ट की पूर्व जज रेखा बालडोटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वी एस सिरपुरकर शामिल होंगे. इस संबंध में अधिवक्ता जी एस मणि ने मीडिया से बातचीत की.

जानकारी देते वकील जी एस मणि

वहीं पुलिस ने कोर्ट से कहा कि आरोपियों की पहचान पर शक का कोई सवाल नहीं उठता है. आपको बता दें, तेलंगाना पुलिस की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतागी अदालत में चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे के सामने दलीलें पेश कर रहे हैं. इस संबंध में अधिवक्ता ने मीडिया से बातचीत की. इस दैरान उन्होंने मीडिया ट्रायल से जुड़ी अहम जानकारी साझा की.

जानकारी देते वकील

बिंदुवार जानें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का विवरण :
चीफ जस्टिस : हम मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच करना चाहते हैं.

मुकुल रोहतागी : हम मामले की जांच का विरोध नहीं कर रहे हैं. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की है. उन्हें जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है.

चीफ जस्टिस : जांच के परिणामों का मूल्यांकन समिति द्वारा किया जाना चाहिए.

रोहतगी ने उन घटनाओं का हवाला दिया, जिनमें सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी. उन्होंने कहा कि समानांतर ट्रायल नहीं होना चाहिए.

चीफ जस्टिस : अगर आप निर्दोष हैं तो लोगों को सच जानना चाहिए. हम तथ्यों की कल्पना नहीं कर सकते.

चीफ जस्टिस ने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है कि उन पर आरोपियों द्वारा गोली चलाई गई और हत्या का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि वह मर सकते थे, अपराध किया गया.

चीफ जस्टिस : हत्या की कोशिश? हत्या?

मुकुल रोहतागी : हां.

चीफ जस्टिस : हम पुलिस की कार्रवाई की जांच कर रहे हैं. कोई अभियुक्त नहीं है इसलिए कोई भ्रम नहीं हो सकता.

मुकुल रोहतागी : लेकिन जज ये कह जरूर सकते हैं.

चीफ जस्टिस : किन सबूतों पर..

मुकुल रोहतागी : जज ये कह सकते हैं कि आप 10 लोग थे, जब आरोपियों ने हमला किया तो आप में से कोई भी घायल क्यों नहीं हुआ.

चीफ जस्टिस : आरोपियों ने आप लोगों पर हमला किया. जिसकी कोई दोबारा जांच नहीं होगी. तो फिर कौन जांच करेगा.

मुकुल रोहतागी : तो हर एनकाउंटर में आप जांच के ही आदेश देते हैं.

चीफ जस्टिस : हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप दोषी हैं, लेकिन आपने कुछ गलत किया है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना पुलिस एनकाउंटर में जांच के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले के कुछ तत्वों की जांच होनी चाहिए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच कमीशन के गठन का भी आदेश दिया है.

आपको बता दें, इस कमीशन में केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक डॉ. कार्तिकेय, बाम्बे हाई कोर्ट की पूर्व जज रेखा बालडोटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वी एस सिरपुरकर शामिल होंगे. इस संबंध में अधिवक्ता जी एस मणि ने मीडिया से बातचीत की.

जानकारी देते वकील जी एस मणि

वहीं पुलिस ने कोर्ट से कहा कि आरोपियों की पहचान पर शक का कोई सवाल नहीं उठता है. आपको बता दें, तेलंगाना पुलिस की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतागी अदालत में चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे के सामने दलीलें पेश कर रहे हैं. इस संबंध में अधिवक्ता ने मीडिया से बातचीत की. इस दैरान उन्होंने मीडिया ट्रायल से जुड़ी अहम जानकारी साझा की.

जानकारी देते वकील

बिंदुवार जानें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का विवरण :
चीफ जस्टिस : हम मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच करना चाहते हैं.

मुकुल रोहतागी : हम मामले की जांच का विरोध नहीं कर रहे हैं. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की है. उन्हें जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है.

चीफ जस्टिस : जांच के परिणामों का मूल्यांकन समिति द्वारा किया जाना चाहिए.

रोहतगी ने उन घटनाओं का हवाला दिया, जिनमें सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी. उन्होंने कहा कि समानांतर ट्रायल नहीं होना चाहिए.

चीफ जस्टिस : अगर आप निर्दोष हैं तो लोगों को सच जानना चाहिए. हम तथ्यों की कल्पना नहीं कर सकते.

चीफ जस्टिस ने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है कि उन पर आरोपियों द्वारा गोली चलाई गई और हत्या का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि वह मर सकते थे, अपराध किया गया.

चीफ जस्टिस : हत्या की कोशिश? हत्या?

मुकुल रोहतागी : हां.

चीफ जस्टिस : हम पुलिस की कार्रवाई की जांच कर रहे हैं. कोई अभियुक्त नहीं है इसलिए कोई भ्रम नहीं हो सकता.

मुकुल रोहतागी : लेकिन जज ये कह जरूर सकते हैं.

चीफ जस्टिस : किन सबूतों पर..

मुकुल रोहतागी : जज ये कह सकते हैं कि आप 10 लोग थे, जब आरोपियों ने हमला किया तो आप में से कोई भी घायल क्यों नहीं हुआ.

चीफ जस्टिस : आरोपियों ने आप लोगों पर हमला किया. जिसकी कोई दोबारा जांच नहीं होगी. तो फिर कौन जांच करेगा.

मुकुल रोहतागी : तो हर एनकाउंटर में आप जांच के ही आदेश देते हैं.

चीफ जस्टिस : हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप दोषी हैं, लेकिन आपने कुछ गलत किया है.

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Last Updated : Dec 12, 2019, 6:54 PM IST
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