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सुप्रीम कोर्ट ने दी पुरी में जगन्नाथ यात्रा की अनुमति, नियमों का करना होगा पालन

जगन्नाथ रथ यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा
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Published : Jun 22, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 6:16 PM IST

15:39 June 22

सुप्रीम कोर्ट से जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा को मिली मंजूरी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर संबंधित दिशा-निर्देशों के साथ रथ यात्रा महोत्सव को मंजूरी दे दी है. इसकी जिम्मेदारी मंदिर न्यास और राज्य की होगी कि वह सभी दिशानिर्देशों का पालन कराते हुए यात्रा का आयोजन करें.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यों पीठ ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ पुरी में विशेष दिशा-निर्देशों के साथ रथ यात्रा महोत्सव की अनुमति होगी. नागपुर में वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए मुख्य न्यायाधीश सुनवाई की. आपको बता दें कि इससे पहले एकल खंडपीठ में रथयात्रा की सुनवाई चल रही थी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को वार्षिक पुरी रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी. कोरोना महामारी की वजह से पुरी रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गईं. आपको बता दें कि यह रथ यात्रा 23 जून को होनी थी, लेकिन कोरोना संकट के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी.

विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट से यात्रा को हरी झंडी मिलने के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने भी निर्णय का स्वागत किया है.

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि चार दिन से बाबा जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों की सांसे रुकी हुई थीं और अब सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने उन्हें ऑक्सीजन देने का काम किया है, जाहिर तौर पर सभी भक्त नियमों का पालन करते हुए ही यात्रा में भाग लेंगे.

विहिप प्रवक्ता ने आगे कहा कि यात्रा में भक्तों की भीड़ कम रखने के लिये राज्य सरकार यात्रा के सीधा प्रसारण की व्यवस्था कर सकती है, जिससे सभी श्रद्धालु घर बैठे ही भव्य यात्रा को देख सकें. विहिप ने कहा है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विहिप कार्यकर्ता मंदिर न्यास और प्रसाशन को किसी भी तरह के सहयोग के लिये तत्पर हैं. यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन हो और व्यवस्था बनी रहे इसके लिये जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी विहिप कार्यकर्ता उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाएंगे.

गौरतलब है कि विश्व हिन्दू परिषद के अलावा एक 19 वर्षीय मुस्लिम छात्र ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. याचिकाकर्ता छात्र का नाम आफताब हुसैन है. छात्र ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की तरफ से कहा था कि सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता. यह करोड़ों की आस्था का सवाल है. यदि भगवान जगन्नाथ कल नहीं आएंगे, तो वह 12 साल तक परंपराओं के अनुसार नहीं आ सकते हैं. श्रीजगदगुरू आदिशंकराचार्य द्वारा तय किए गए अनुष्ठानों में वह सभी सेवायत भाग ले सकते हैं, जिनका कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है. साथ ही लोग टीवी पर लाइव टेलीकास्ट भी देख सकते हैं.

यह रथ यात्रा महोत्सव 10 से 12 दिन चलता है, जो 23 जून को शुरू होने वाला था और रथ यात्रा की वापसी 'बहुदा जात्रा' की तारीख एक जुलाई निर्धारित है.

15:39 June 22

सुप्रीम कोर्ट से जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा को मिली मंजूरी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर संबंधित दिशा-निर्देशों के साथ रथ यात्रा महोत्सव को मंजूरी दे दी है. इसकी जिम्मेदारी मंदिर न्यास और राज्य की होगी कि वह सभी दिशानिर्देशों का पालन कराते हुए यात्रा का आयोजन करें.

मुख्य न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यों पीठ ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ पुरी में विशेष दिशा-निर्देशों के साथ रथ यात्रा महोत्सव की अनुमति होगी. नागपुर में वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए मुख्य न्यायाधीश सुनवाई की. आपको बता दें कि इससे पहले एकल खंडपीठ में रथयात्रा की सुनवाई चल रही थी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को वार्षिक पुरी रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी. कोरोना महामारी की वजह से पुरी रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गईं. आपको बता दें कि यह रथ यात्रा 23 जून को होनी थी, लेकिन कोरोना संकट के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी.

विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट से यात्रा को हरी झंडी मिलने के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने भी निर्णय का स्वागत किया है.

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि चार दिन से बाबा जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों की सांसे रुकी हुई थीं और अब सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने उन्हें ऑक्सीजन देने का काम किया है, जाहिर तौर पर सभी भक्त नियमों का पालन करते हुए ही यात्रा में भाग लेंगे.

विहिप प्रवक्ता ने आगे कहा कि यात्रा में भक्तों की भीड़ कम रखने के लिये राज्य सरकार यात्रा के सीधा प्रसारण की व्यवस्था कर सकती है, जिससे सभी श्रद्धालु घर बैठे ही भव्य यात्रा को देख सकें. विहिप ने कहा है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विहिप कार्यकर्ता मंदिर न्यास और प्रसाशन को किसी भी तरह के सहयोग के लिये तत्पर हैं. यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन हो और व्यवस्था बनी रहे इसके लिये जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी विहिप कार्यकर्ता उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाएंगे.

गौरतलब है कि विश्व हिन्दू परिषद के अलावा एक 19 वर्षीय मुस्लिम छात्र ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. याचिकाकर्ता छात्र का नाम आफताब हुसैन है. छात्र ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की तरफ से कहा था कि सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता. यह करोड़ों की आस्था का सवाल है. यदि भगवान जगन्नाथ कल नहीं आएंगे, तो वह 12 साल तक परंपराओं के अनुसार नहीं आ सकते हैं. श्रीजगदगुरू आदिशंकराचार्य द्वारा तय किए गए अनुष्ठानों में वह सभी सेवायत भाग ले सकते हैं, जिनका कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है. साथ ही लोग टीवी पर लाइव टेलीकास्ट भी देख सकते हैं.

यह रथ यात्रा महोत्सव 10 से 12 दिन चलता है, जो 23 जून को शुरू होने वाला था और रथ यात्रा की वापसी 'बहुदा जात्रा' की तारीख एक जुलाई निर्धारित है.

Last Updated : Jun 22, 2020, 6:16 PM IST
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