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करतारपुर गलियारे पर 90 प्रतिशत कार्य पूरा, गुरु नानक जयंती पर हो सकता उद्गाटन

पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे पर जीरो लाइन से गुरद्वारा साहिब तक 90 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है. इसमें जीरो लाइन से गुरुद्वारा साहिब तक मुख्य सड़क, पुल और इमारतों का निर्माण शामिल है. पढ़ें पूरी खबर...

करतारपुर गलियारा
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Published : Aug 3, 2019, 9:53 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे पर जीरो लाइन से गुरद्वारा साहिब तक 90 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष नवंबर तक गुरु नानक की 550वीं जयंती के मौके पर इसका उद्घाटन किया जाएगा.

बता दें, गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा मिलेगी. इन श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट प्राप्त करना होगा.

खबरों के अनुसार भारत से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था नौ नवम्बर को पाकिस्तान पहुंचेगा. हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इन श्रद्धालुओं की संख्या कितनी होगी. पाकिस्तान द्वारा करतारपुर गलियारे का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. इसमें जीरो लाइन से गुरुद्वारा साहिब तक मुख्य सड़क, पुल और इमारतों का निर्माण शामिल है.

खबर में कहा गया है, सीमा के पाकिस्तान की ओर गलियारे का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा द्वारा नवम्बर में बाबा गुरु नानक जयंती के मौके पर किये जाने की संभावना है.

दोनों पक्ष संपर्क बनाये रखने और समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए हैं.

पढ़ें- J-K: लौटने लगे यात्री, टिकट मिलने में हो रही दिक्कत

खबर में कहा गया है कि गलियारे के लिए निर्बाध सम्पर्क सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी दल फिर बैठक करेंगे, जिससे तीर्थयात्रा गुरु नानक की 550वीं जयंती पर शुरू हो सके.

गौरतलब है, करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब में गुरुद्वारे तक वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा मिलने की उम्मीद है. करतारपुर साहिब पाकिस्तान-भारत सीमा से चार किलोमीटर दूर नरोवाल में एक छोटा सा नगर है, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताये थे.

पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण करेगा, जबकि गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से सीमा तक गलियारे के दूसरे भाग का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे पर जीरो लाइन से गुरद्वारा साहिब तक 90 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष नवंबर तक गुरु नानक की 550वीं जयंती के मौके पर इसका उद्घाटन किया जाएगा.

बता दें, गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा मिलेगी. इन श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट प्राप्त करना होगा.

खबरों के अनुसार भारत से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था नौ नवम्बर को पाकिस्तान पहुंचेगा. हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इन श्रद्धालुओं की संख्या कितनी होगी. पाकिस्तान द्वारा करतारपुर गलियारे का 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. इसमें जीरो लाइन से गुरुद्वारा साहिब तक मुख्य सड़क, पुल और इमारतों का निर्माण शामिल है.

खबर में कहा गया है, सीमा के पाकिस्तान की ओर गलियारे का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा द्वारा नवम्बर में बाबा गुरु नानक जयंती के मौके पर किये जाने की संभावना है.

दोनों पक्ष संपर्क बनाये रखने और समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए हैं.

पढ़ें- J-K: लौटने लगे यात्री, टिकट मिलने में हो रही दिक्कत

खबर में कहा गया है कि गलियारे के लिए निर्बाध सम्पर्क सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी दल फिर बैठक करेंगे, जिससे तीर्थयात्रा गुरु नानक की 550वीं जयंती पर शुरू हो सके.

गौरतलब है, करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब में गुरुद्वारे तक वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा मिलने की उम्मीद है. करतारपुर साहिब पाकिस्तान-भारत सीमा से चार किलोमीटर दूर नरोवाल में एक छोटा सा नगर है, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताये थे.

पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण करेगा, जबकि गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से सीमा तक गलियारे के दूसरे भाग का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा.

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.ISLAMABAD FGN17
PAK-KARTARPUR
Pakistan completes 90 per cent work on Kartarpur Corridor: Report
By Sajjad Hussain
         Islamabad, Aug 3 (PTI) Pakistan has completed 90 per cent work on the Kartarpur Corridor from the zero line to Gurdwara Sahib and plans to inaugurate it on the 550 birth celebrations of Guru Nanak in November this year, according to a media report.
          The corridor will connect Darbar Sahib in Pakistan's Kartarpur with Dera Baba Nanak shrine in Gurdaspur district and facilitate visa-free movement of Indian Sikh pilgrims, who will have to just obtain a permit to visit Kartarpur Sahib, which was established in 1522 by Sikh faith founder Guru Nanak Dev.
         The first batch of pilgrims from India will arrive in Pakistan on November 9, however, the number has not yet been specified, the Express Tribune reported.
         According to the report, 90 per cent work on the Kartarpur Corridor, including the construction of the main road, bridge and buildings from zero line to Gurdwara Sahib has been completed by Pakistan.
         "From the Pakistani side of the border, Prime Minister Imran Khan and Chief of the Army Staff General Qamar Javed Bajwa are likely to inaugurate the corridor on the occasion of Baba Guru Nanak's anniversary in November," the report said.
         Both sides have agreed to maintain a channel of communication and work towards finalisation of the agreement. The technical teams will meet again to ensure seamless connectivity for the corridor is operational in time so that the pilgrimage can begin on the 550 birth celebrations of Guru Nanak this year, the report added.
         In November 2018, India and Pakistan agreed to set up a border crossing linking Gurdwara Darbar Sahib in Pakistan's Kartarpur - the final resting place of Guru Nanak - to Dera Baba Nanak in Punjab's Gurdaspur district.
         The shrine is visible from the Indian side of the border and every day a larger number of Sikh devotees gather to perform Darshan or sacred viewings of the site.
         The Kartarpur corridor is expected to provide visa-free access to Indian Sikh pilgrims to the gurdwara in Kartarpur Sahib a small town in Narowal, four kilometres from the Pakistan-India border, where Guru Nanak spent the last 18 years of his life.
         This will also be the first visa-free corridor between the two nuclear-armed neighbours since their independence in 1947.
         Pakistan will build the corridor from the Indian border to the Gurdwara Darbar Sahib in Kartarpur, while the other part from Dera Baba Nanak in Gurdaspur up to the border will be constructed by India. PTI SH
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