नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन प्रदान कर भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे गुरुग्राम में एक अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी 2019 का आयोजन कर रहा है. इससे ठीक पहले एक अंतरराष्ट्रीय रेलवे सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
आगामी प्रदर्शनी के बारे में बताते हुए रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल ने कहा, 'शायद ऑटो सेक्टर में मंदी है, ऑटो सप्लायर और सहायक भी रोलिंग स्टॉक सेक्टर का हिस्सा बनना शुरू कर सकते हैं. इससे उन्हें विविधता लाने का मौका मिलेगा.'
साथ ही उन्होंने बताया जैसा कि रोलिंग स्टॉक के निर्माण का केंद्र एशिया में स्थानांतरित होने जा रहा है. यह उम्मीद की गई है कि भारत इस क्षेत्र में आईआरईई (IREE) के माध्यम से महत्वपूर्ण स्थान हासिल करेगा. वर्तमान में रोलिंग स्टॉक का भारतीय उत्पादन बमुश्किल 2-3 प्रतिशत है, चीन पहले से ही 25 प्रतिशत है.
वह आगे बताते हैं कि जहां तक अर्थव्यवस्था की बात की तो हम पूरी तरह से खेती पर निर्भर हैं, पर अब समय बदलाव का है. इसे बदल कर औद्योगिक अर्थव्यवस्था बनाना है. पिछले साल हमने रेलवे रोलिंग स्टॉक में अपना उत्पादन 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब बढ़ाया, हमने लगभग 20-25 प्रतिशत की वृद्धि की है. इस साल हम इसे 1.5 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं.
आईआरईई 2019 के साथ भारतीय रेल कमिशन (IRC) का 13वां संस्करण 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जबकि अगली पीढ़ी के रेल ढांचे, आधुनिकीकरण और मशीनीकरण ड्राइव के साथ-साथ रेलवे के लिए नई प्रथाओं को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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राजेश अग्रवाल ने कहा, 'यह एक ऐसी घटना होगी, जो भारत के विकास की कहानी को आगे बढ़ाएगी और विनिर्माण, जीडीपी विकास, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, रोजगार में वृद्धि और अन्य क्षेत्रों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.'
भारतीय रेलवे ने कई सरकारी मंत्रालयों को भी आमंत्रित किया है, जो इस पहल के लिए प्रासंगिक हैं. वह इस अभ्यास का एक सक्रिय हिस्सा है.