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तनाव घटाने पर भारत-चीन राजी, पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर बनी सहमति

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Published : Sep 11, 2020, 6:55 AM IST

Updated : Sep 11, 2020, 11:39 AM IST

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मॉस्को में गुरुवार रात बैठक हुई. दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव न बढ़ाने पर सहमति जताई है. हालांकि, भारतीय पक्ष ने साफ कर दिया है कि एलएसी के पास भारी संख्या में चीनी सैनिक और उपकरणों की तैनाती ठीक नहीं है. भारत ने कहा कि चीन सभी प्रोटोकॉल का आदर करे.

Jaishankar and Wang Yi
जयशंकर और वांग के बीच हुई अहम वार्ता

नई दिल्ली/ मॉस्को: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच गुरुवार रात मॉस्को में हुई बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव खत्म करने को लेकर अहम सहमति बनी है. खबर है कि दोनों पक्षों के बीच पांच सूत्री सहमति बनी है.

पांच सूत्री सहमति

दोनों देशों के बीच संधियों और प्रोटोकॉल का आदर करे चीन

आपसी मतभेदों को विवाद न बनने दें

एलएसी से पीछे हटे सेना

दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहनी चाहिए

चीन तनाव बढ़ाने वाले कदम न उठाए

एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत गुरुवार रात आठ बजे (भारतीय समयानुसार) के बाद शुरू हुई और कम से कम दो घंटे तक चली. बातचीत का एकमात्र लक्ष्य सीमा पर तनाव को कम करना और गतिरोध के स्थल से सैनिकों की वापसी का था.

बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि एस जयशंकर और वांग यी ने सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दोनों पक्षों को नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए और मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने बैठक में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों पर हुए घटनाक्रम पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा की. बयान के अनुसार, भारत-चीन आपसी संवाद जारी रखने, सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने, उचित दूरी बनाए रखने और तनाव को कम करने पर सहमत हुए हैं.

वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत के लिए दो पड़ोसी देशों के रूप में मतभेद होना सामान्य है. महत्वपूर्ण यह है कि इन मतभेदों को उचित द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में रखना.

यह भी पढ़ें- सेना के शूरवीरों ने फिंगर-4 की ऊंची चोटियों पर जमाया कब्जा

गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है. मई की शुरुआत में वस्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी. पिछले हफ्ते शुक्रवार को मॉस्को में ही दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी.

इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी. उसके दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस झड़प में कुछ चीनी सैनिकों की भी मृत्यु हुई थी, लेकिन चीन ने अपनी संख्या नहीं बताई है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, चीन के 35 सैनिक मारे गए थे.

गुरुवार को दिन में जयशंकर और वांग ने आठ सदस्यीय एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था. द्विपक्षीय वार्ता से पहले दोनों नेताओं की मुलाकात रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हुई थी.

नई दिल्ली/ मॉस्को: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच गुरुवार रात मॉस्को में हुई बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव खत्म करने को लेकर अहम सहमति बनी है. खबर है कि दोनों पक्षों के बीच पांच सूत्री सहमति बनी है.

पांच सूत्री सहमति

दोनों देशों के बीच संधियों और प्रोटोकॉल का आदर करे चीन

आपसी मतभेदों को विवाद न बनने दें

एलएसी से पीछे हटे सेना

दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहनी चाहिए

चीन तनाव बढ़ाने वाले कदम न उठाए

एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत गुरुवार रात आठ बजे (भारतीय समयानुसार) के बाद शुरू हुई और कम से कम दो घंटे तक चली. बातचीत का एकमात्र लक्ष्य सीमा पर तनाव को कम करना और गतिरोध के स्थल से सैनिकों की वापसी का था.

बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि एस जयशंकर और वांग यी ने सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दोनों पक्षों को नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए और मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने बैठक में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों पर हुए घटनाक्रम पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा की. बयान के अनुसार, भारत-चीन आपसी संवाद जारी रखने, सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने, उचित दूरी बनाए रखने और तनाव को कम करने पर सहमत हुए हैं.

वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत के लिए दो पड़ोसी देशों के रूप में मतभेद होना सामान्य है. महत्वपूर्ण यह है कि इन मतभेदों को उचित द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में रखना.

यह भी पढ़ें- सेना के शूरवीरों ने फिंगर-4 की ऊंची चोटियों पर जमाया कब्जा

गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है. मई की शुरुआत में वस्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी. पिछले हफ्ते शुक्रवार को मॉस्को में ही दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी.

इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी. उसके दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस झड़प में कुछ चीनी सैनिकों की भी मृत्यु हुई थी, लेकिन चीन ने अपनी संख्या नहीं बताई है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, चीन के 35 सैनिक मारे गए थे.

गुरुवार को दिन में जयशंकर और वांग ने आठ सदस्यीय एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था. द्विपक्षीय वार्ता से पहले दोनों नेताओं की मुलाकात रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हुई थी.

Last Updated : Sep 11, 2020, 11:39 AM IST
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