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केंद्र में 'मिनिस्ट्री ऑफ पीस' की स्थापना की जाए, गांधीवादी विचारकों ने की मांग

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर गांधीवादी विचारकों ने पीएम मोदी से अपील की है. गांधीवादी विचारकों का कहना है कि केंद्र में शांति मंत्रालय की स्थापना की जानी चाहिए. जानें इस संबंध में एकता परिषद के नेता ने क्या कुछ कहा...

गांधीवादी फॉरम ने पीएम से केंद्र में शांति मंत्रालय की स्थापना की अपील की
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Published : Sep 25, 2019, 5:39 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:59 PM IST

नई दिल्लीः गांधी विचारकों के एक मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति मंत्रालय की स्थापना को लेकर आग्रह किया है. दरअसल इस मंच ने पीएम से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार में शांति मंत्रालय स्थापित करने का आग्रह किया है.

एकता परिषद के नेता ने रमेश शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ बैठक में उन्होंने उनसे देश में शांति मंत्रालय स्थापित करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में करीब 17 देशों ने शांति मंत्रालय की स्थापना की है.

जय जगत की सलाहकार समिति के सदस्य और प्रख्यात गांधीवादी राजगोपाल पीवी ने आगे कहा, जय जगत फाउंडेशन ने इसी उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा, राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों ने शांति विभाग की स्थापना के संदर्भ में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.

गांधीवादी फॉरम ने की केंद्र में मिनिस्ट्री ऑफ पीस की मांग

उन्होंने आगे कहा कि अब तक कुछ भी ठोस नहीं हुआ है, लेकिन हम सरकारों से मंत्रालय स्थापित करने का आग्रह करते रहेंगे. इस संबंध में राजगोपाल ने ईटीवी भारत से बातचीत भी की.

राजगोपाल ने कहा कि गांधी जी की 150 जयंती के अवसर पर शांति और अहिंसा एक ग्लोबल मार्च निकाला जाएगा. जिसे 'जय जगत 2020' कहा जाएगा. यह मार्च दिल्ली स्थित राजघाट से शुरू होगा. साथ ही 2 अक्टूबर 2020 को यह मार्च जेनेवा, स्विटजरलैंड पहुंचेगा.

पढ़ेंः दुनिया के नेताओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं गांधी

राजगोपाल ने आगे कहा कि यह ग्लोबल मार्च भारत से बाहर अन्य देशों की यात्रा करने से पहले चार महीने तक भारत के अंदर ही यात्रा करेगा.

मार्च के प्रमुख आयोजकों में से एक जिल कैर-हैरिस ने भी ईटीवी भारत से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि जलवायु आपदा सिर्फ हम ही नहीं बल्कि कई सारे देश झेल रहे हैं, इस मुद्दे पर सभी को मिलकर साथ काम करने की जरुरत है. यदि लोग साथ आकर काम करेंगे तो हमें जल्द से जल्द निदान भी मिल सकेगा.

हैरिस ने आगे कहा कि जय जगत 2020 का मतलब ही इस मंच पर लोगों को एक साथ लाकर काम करना है.

गौरतलब है कि तकरीबन 200 लोग भारत से इस मार्च में शामिल होंगे, जबकि 50 लोग 365 दिनों में अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए 10 देशों की यात्रा करेंगे.

यह मार्च ईरान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, सर्बिया, इटली जैसे देशों को कवर करेगा.

नई दिल्लीः गांधी विचारकों के एक मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति मंत्रालय की स्थापना को लेकर आग्रह किया है. दरअसल इस मंच ने पीएम से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार में शांति मंत्रालय स्थापित करने का आग्रह किया है.

एकता परिषद के नेता ने रमेश शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ बैठक में उन्होंने उनसे देश में शांति मंत्रालय स्थापित करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में करीब 17 देशों ने शांति मंत्रालय की स्थापना की है.

जय जगत की सलाहकार समिति के सदस्य और प्रख्यात गांधीवादी राजगोपाल पीवी ने आगे कहा, जय जगत फाउंडेशन ने इसी उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा, राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों ने शांति विभाग की स्थापना के संदर्भ में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.

गांधीवादी फॉरम ने की केंद्र में मिनिस्ट्री ऑफ पीस की मांग

उन्होंने आगे कहा कि अब तक कुछ भी ठोस नहीं हुआ है, लेकिन हम सरकारों से मंत्रालय स्थापित करने का आग्रह करते रहेंगे. इस संबंध में राजगोपाल ने ईटीवी भारत से बातचीत भी की.

राजगोपाल ने कहा कि गांधी जी की 150 जयंती के अवसर पर शांति और अहिंसा एक ग्लोबल मार्च निकाला जाएगा. जिसे 'जय जगत 2020' कहा जाएगा. यह मार्च दिल्ली स्थित राजघाट से शुरू होगा. साथ ही 2 अक्टूबर 2020 को यह मार्च जेनेवा, स्विटजरलैंड पहुंचेगा.

पढ़ेंः दुनिया के नेताओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं गांधी

राजगोपाल ने आगे कहा कि यह ग्लोबल मार्च भारत से बाहर अन्य देशों की यात्रा करने से पहले चार महीने तक भारत के अंदर ही यात्रा करेगा.

मार्च के प्रमुख आयोजकों में से एक जिल कैर-हैरिस ने भी ईटीवी भारत से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि जलवायु आपदा सिर्फ हम ही नहीं बल्कि कई सारे देश झेल रहे हैं, इस मुद्दे पर सभी को मिलकर साथ काम करने की जरुरत है. यदि लोग साथ आकर काम करेंगे तो हमें जल्द से जल्द निदान भी मिल सकेगा.

हैरिस ने आगे कहा कि जय जगत 2020 का मतलब ही इस मंच पर लोगों को एक साथ लाकर काम करना है.

गौरतलब है कि तकरीबन 200 लोग भारत से इस मार्च में शामिल होंगे, जबकि 50 लोग 365 दिनों में अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए 10 देशों की यात्रा करेंगे.

यह मार्च ईरान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, सर्बिया, इटली जैसे देशों को कवर करेगा.

Intro:New Delhi: Jai Jagat, a forum of Gandhian thinkers has urged Prime Minister Narendra Modi to establish Ministry of Peace in the Union government to mark the 150th birth anniversary of Mahatma Gandhi.


While speaking at a press conference in New Delhi, Ramesh Sharma, Ekta Parishad leader said that during a meeting with Prime Minister Narendra Modi they have requested him to establish Ministry of Peace in the country.

He further said that in last 10 years close to 17 countries have established Ministry of Peace.



Body:Advisory committee member of Jai Jagat and eminent Gandhian Rajagopal PV further added, "Jai Jagat foundation has written letter to Union government and many state governments for the similar purpose."

"The governments of Rajasthan and Madhya Pradesh have responded positively in terms of setting up Department of Peace. Nothing concrete has happened as of now but we will keep urging the governments to establish the ministry," he added.

While talking to ETV Bharat, Rajagopal said, on October 2, 2019- the 150th anniversary of Mahatma Gandhi's birth, a 14,000 km, one-year global march for justice and peace, called Jai Jagat 2020, will start from Rajghat, New Delhi to Geneva, Switzerland. The global march will travel through India for four months before going out of India, he added.


Jill Carr-Harris, one of the lead organisers of the March, while talking to ETV Bharat recounts Gandhi's understanding on ecological development. "Climate mitigation should not come with greater poverty and social discrimination. It needs to go together. This is where the Sustainable Development Goals (SDGs) are a good receipe," she added.




the government of Rajasthan and Madhya Pradesh have responded positively
.


Conclusion:According to Rajagopal PV, the global peace march initiative urges the implementation of UN SDGs in a dialogue with UN agencies in Geneva.
Around 200 people will join the march in India while 50 people will travel 10 countries to spread the message of non-violence in 365 days. The march will cover countries like Iran, Armenia, Georgia, Bulgaria, Croatia, Serbia, Italy, etc.


Last Updated : Oct 1, 2019, 11:59 PM IST
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