नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए विभिन्न क्षेत्रों को दिए जा रहे राहत उपायों और आर्थिक नीतियों पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछले छह वर्षों से भारत की जीडीपी वृद्धि में लगातार गिरावट आ रही है. कोरोना महामारी से पहले भी संकट मंडरा रहा था. लॉकडाउन के अचानक झटके ने अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बंद कर दिया है.
खड़गे ने कहा कि 62 दिनों के लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गंभीर संकट में डाल दिया है. पर्यटन, आतिथ्य, एयरलाइंस, परिवहन, खुदरा, रेस्तरां, निर्माण जैसे क्षेत्रों में अपने पुनरुद्धार के लिए विशिष्ट उपायों की आवश्यकता है.
इसके लिए सरकार को एक क्षेत्रवार योजना बनानी चाहिए. उन्होंने कहा पिछले सप्ताह घोषित किए गए उपायों से यह स्पष्ट है कि सरकार को संकट की समझ नहीं है. उसने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने से मना कर दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को अपने वित्तीय पैकेज के साथ आपूर्ति की मांग और क्रेडिट चक्र को पुनर्जीवित करके अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता थी.
आर्थिक पैकेज सिर्फ यह साबित नहीं करता है कि सरकार निष्ठाहीन है. पैकेज यह भी बताता है कि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. अभूतपूर्व संकट के दौरान पीएम मोदी की घोषणाएं बहुत विचार-विमर्श और गंभीरता के साथ होनी चाहिए.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सुधारों के नाम पर कोरोना राहत की आड़ में सरकार का एजेंडा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेच रहा है.
खड़गे ने कहा कि यदि पहले लॉकडाउन के समय सीधे नकद हस्तांतरण की घोषणा की जाती, तो शायद इन हजारों लोगों को अपने घरों में वापस जाने की आवश्यकता महसूस नहीं होती.
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने अदालत के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है अगर उद्योग बंद है तो उन्हें श्रमिकों को वेतन देने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार से राज्यों को जीएसटी भुगतान करने की भी मांग की है.