नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 संकट के बीच छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के उद्देश्य से अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिये 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को यह घोषणा की.
मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को छोटा किया गया है.
निशंक ने ट्वीट किया, 'देश और दुनिया में व्याप्त असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए सीबीएसई को पाठ्यक्रम संशोधित करने और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों पर से भार कम करने की सलाह दी गई थी.'
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Held a meeting with officials of @HRDMinistry and Delhi University today to discuss a synchronized calendar for DU admissions & #CBSE board examination results etc.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
I would like to assure everyone that we at MHRD are committed to students' health and quality education. pic.twitter.com/wRfDezYFHp
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— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 7, 2020
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उन्होंने लिखा, 'मैंने इस फैसले पर, कुछ सप्ताह पहले शिक्षाविदों से सुझाव मांगे थे और मुझे खुशी है कि हमें डेढ़ हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए. इस शानदार प्रतिक्रिया के लिये सभी को धन्यवाद.'
उन्होंने कहा, 'शिक्षा के महत्व के मद्देनजर मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संबंधित पाठ्यक्रम समिति ने, बोर्ड के निदेशक मंडल की अनुमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव को अंतिम रूप दिया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बोर्ड ने स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि जिन विषयों को हटा दिया गया है, उन्हें दूसरे विषयों से जोड़ने के लिये जरूरत के हिसाब से पढ़ाया जाना चाहिये. हालांकि आंतरिक मूल्यांकन और साल के अंत में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के विषयों में कोई कमी नहीं की गई है.'
पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए, राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पहले ही एक वैकल्पिक कैलेंडर और अध्ययन के तरीकों को अधिसूचित कर चुकी है.
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देशभर के विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं.
कोविड-19 के चलते 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जो अगले दिन से लागू हो गया था. हालांकि सरकार कई तरह की पाबंदियों में ढील दे चुकी है, लेकिन स्कूल तथा कॉलेज अब भी बंद हैं.
सिलेबस कटौती में NCERT ने किया सहयोग
वहीं सीबीएसई द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि हेड ऑफ स्कूल और शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि जो सिलेबस में कटौती की गई है. छात्रों को उस टॉपिक के बारे में भी बताएंगे. लेकिन जो सिलेबस में कटौती किया गया है. वह इंटरनल एसेसमेंट और वार्षिक परीक्षा का हिस्सा नहीं होगा. बता दें कि एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम को कम करने में सहायता दी है.