जो कर्म व फल की आसक्ति का त्याग करके आश्रय रहित और सदा तृप्त है, वह कर्मों...

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Published : Sep 16, 2022, 6:24 AM IST

Updated : Sep 16, 2022, 1:36 PM IST

राग, भय और क्रोध से सर्वथा रहित, परमात्मा में ही तल्लीन और आश्रित तथा ज्ञानरूप तप से पवित्र हुए बहुत-से भक्त परमात्मा के भाव प्राप्त को हो चुके हैं. जिस भाव से सारे लोग परमात्मा की शरण ग्रहण करते हैं, उसी के अनुरूप परमात्मा उन्हें फल देता है. निस्सन्देह इस संसार में मनुष्यों को सकाम कर्म का फल शीघ्र प्राप्त होता है. कर्मों की सिद्धि चाहने वाले मनुष्य देवताओं की उपासना किया करते हैं. परमात्मा पर किसी कर्म और कर्मफल का प्रभाव नहीं पड़ता, जो परमात्मा के सम्बन्ध में इस सत्य को जानता है, वह कभी भी कर्मों के पाश में नहीं बंधता. Geeta Saar. Todays Motivational Quotes
Last Updated : Sep 16, 2022, 1:36 PM IST

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