एएमयू छात्रों के हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र पर उलेमा को ऐतराज, कहा- शरीयत के खिलाफ - मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी
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लाउडस्पीकर पर अजान और जवाब में धार्मिक आजादी के नाम पर अजान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने की कवायद लगातार सुर्खियों में है. धार्मिक सौहार्द बना रहे, इस उद्देश्य से कई जगहों से मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा स्वेच्छा से हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनाने जैसी गतिविधियों की सकारात्मक खबरें भी सामने आती हैं. ताजा घटनाक्रम में गायत्री मंत्र जाप और हनुमान चालीसा पढ़ी गई है. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में हिन्दू-मुस्लिम एकता को बनाए रखने के मकसद से हनुमान चालीसा के पाठ के साथ ही गायत्री मंत्र का जाप किया गया. हालांकि, एएमयू में हनुमान चालीसा पर यूपी के ही सहारनपुर के देवबंदी उलेमा मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यह शरीयत के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भाई-चारा बनाए रखना एक अलग बात है, लेकिन किसी दूसरे को धार्मिक रीति-रिवाजों और उसूलों का पालन करने को मजबूर नहीं किया जा सकता. उलेमा मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना, एक-दूसरे के काम आना, कदम से कदम मिलाकर एक-दूसरे के साथ चलना भाईचारा है. भाईचारे के लिए एएमयू छात्रों का हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र पढ़ना उचित नहीं है. उलेमा मौलाना मुफ्ती असद कासमी, सहारनपुर के मदरसा जामिया शेखुल हिंद में मोहतमिम (प्रबंधक) हैं.