झारखंड के युवक ने किया कमाल, जुगाड़ तकनीक से बना डाली इलेक्ट्रिक बाइक
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देश में जहां आज भी इलेक्ट्रिक बाइक आम आदमी के लिए सपना बना हुआ है, लेकिन इस सपने को गिरिडीह के एक युवक ने साकार कर दिखाया है. युवक ने जुगाड़ से एक पुरानी बाइक को नया रूप दिया है. यह बाइक इलेक्ट्रिक है. जिस बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक बनाई गई है वह है राजदूत, जो अब सड़कों पर न के बराबर नजर आता है. चूंकि, इसका निर्माण बंद हो गया है और जिनके पास यह बाइक है वे कम ही चलाते हैं. बढ़ते पेट्रोल की कीमत के बीच राजदूत चलाना अब सबकी बस की बात नहीं है. ऐसे में युवक की यह जुगाड़ कबाड़ में रखे राजदूत को सड़क पर लाने में कारगर साबित हो सकता है. युवक का नाम है राजकुमार राणा और वह बगोदर बाजार के हरिहरधाम रोड का रहने वाला है. बीए की पढ़ाई पूरी कर चुका राजकुमार बगोदर में हार्डवेयर की दुकान चलाता है. युवक के दादा स्व. रेशो मिस्त्री अंग्रेजी के जमाने के समय बगोदर इलाके के जाने माने मैकेनिक हुआ करते थे. पिता मुन्नी प्रसाद राणा भी मैकेनिक हैं. ऐसे में राजकुमार को भी कुछ मैकेनिकल अनुभव है. बाइक बनाने वाले राज ने बताया कि बढ़ते पेट्रोल की कीमत को देखते हुए उन्होंने इस बाइक को बनाया है. राजकुमार ने बताया कि जिस बाइक को उसने इलेक्ट्रिक बाइक का रूप दिया है वह 40 साल पुरानी है. पेट्रोल की बढ़ती कीमत को देखते हुए कई सालों से बाइक कबाड़ में पड़ा हुआ था. ऐसे में युवक के मन में यह सवाल आया कि क्यों न इस बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक बनाकर चलाई जाए. फिर इस पर मेहनत करनी शुरू की और तीन महीने में इलेक्ट्रिक बाइक तैयार कर दी. इलेक्ट्रिक बाइक में 12-12 वोल्ट के चार बैट्री लगे हुए हैं. बैट्री को बिजली से चार्ज किया जाता है. इसे चार्ज करने में तीन से चार घंटे लगते हैं. एक बार चार्ज होने के बाद यह बाइक 30 से 35 किमी तक चलता है. बाइक की अधिकतम स्पीड 45 किलोमीटर प्रति घंटा है. बाइक स्टार्ट करने में भी कोई परेशानी नहीं होती. चाबी लगाकर स्विच ऑन करते ही बाइक स्टार्ट हो जाती है. बाइक चालू होने के बाद न बाइक की शोरगुल और न ही प्रदूषण का खतरा. इसके अलावा न क्लच और गियर का भी कोई झंझट नहीं. इलेक्ट्रिक बाइक को बनाने में तीन महीने का समय लगा है और इसमें 25 हजार रूपए खर्च हुए हैं. राजकुमार बताते हैं कि अब वे इस तरह की बाइक को महज से तीन से चार दिनों में कंप्लीट कर देंगे.