वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन- विकास और सहयोग की एक नोटेबल जर्नी को देखें - विकास और सहयोग की एक नोटेबल जर्नी को देखें
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Published : Dec 20, 2023, 2:20 PM IST
गुजरात: भूकंप के बाद के खराब हालात से लेकर निवेश के लिए वैश्विक केंद्र तक, वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन ने राज्य को बदल दिया है. आज गुजरात भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 20 साल पहले हमने एक छोटा सा बीज बोया था. आज वो इतना विशाल और वृहद, वाइब्रेंट वट वृक्ष बन गया है. वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में भागीदारी 2007 में 12 देशों से बढ़कर 2019 में 135 देशों तक पहुंच गई. ये इसके वैश्विक विस्तार को दर्शाता है.
वाइब्रेंट गुजरात में 2007 में प्रतिनिधियों की संख्या 200 से बढ़कर 2019 में 42 हजार हो गई और भागीदार संगठनों की संख्या 2007 में दो से बढ़कर 2019 में 11 हो गई है. 2003 में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के पहले संस्करण का आयोजन तीन हजार वर्ग मीटर में हुआ था. 2009 में आयोजन की जगह बढ़कर 19,200 वर्ग मीटर और 2019 में 1.5 लाख वर्ग मीटर हो गई.
गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव ने क्या कहा?
गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव पी. के. लाहिरी ने कहा कि जब हमने इसे शुरू किया तो मिस्टर मोदी ने सोचा कि उनका पूरे तौर पर इसमें शामिल होना बेहतर रहेगा. उनके पास गुजरात से चलने वाली तीन हजार यूनिटों की लिस्ट थी, चाहे वो आईपीसीएल हो, गेल हो, गवर्नमेंट कंपनी हो या फिर टॉरेंट और अंबुजा जैसी प्राइवेट कंपनी हो. उन्हें हर कंपनी से बात की और उनसे पहली मीटिंग में शामिल होने की गुजारिश की है.
लाहिरी जैसी हस्तियां शुरू से ही वाइब्रेंट गुजरात से जुड़ी रही हैं. वे शिखर सम्मेलन की वैश्विक कामयाबी का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और गुजरात के विकास पर उनके फोकस को देते हैं. वाइब्रेंट गुजरात की भविष्य की योजना नवाचार, स्थिरता और वैश्विक सहयोग से आर्थिक विकास को गति देने, प्रगति और समृद्धि को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका को मजबूत करने का प्रयास करती है.