हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है मालविका का परिवार - -Story of Malavika and Lukmanul Saba
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कोरोना का यह दौर कईं जगहों मुश्किल भरा साबित हो रहा है लेकिन इसके कुछ सकारात्मक प्रभाव भी हैं. कई जगहों लॉकडाउन में लोग मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला है केरल के मंजेरी इलाके का, जहां एक हिंदू छात्रा के परिवार ने मुस्लिम छात्रा लुकमानुल को आश्रय दिया है. बता दें कि जब मालविका 22 मार्च को एंट्रेंस एग्जाम के कोचिंग सेंटर के लिए जा रही थी, तो उसने देखा कि उसकी साथी लुकमानुल हॉस्टल में अकेली और उदास है. उसी वक्त मालविका ने उसे अपने घर ले जाने का फैसला लिया. बता दें कि साबाह लक्षद्वीप की निवासी है, जो यहां मंजेरी में हॉस्टल में रहती है और मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम की कोचिंग ले रही थी. कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से वह अपने घर वापस नहीं जा पाई. जब उसके साथ पढ़ने वाली मालविका ने यह देखा तो वह उसे अपने घर ले आई. परिवार वालों ने साबाह को न सिर्फ आश्रय दिया बल्कि रमजान के रोजे रखने में उसे सहयोग किया. साथ ही इफ्तारी के लिए अन्य मुस्लिम परिवारों की ही तरह जश्न मनाया, ताकि घर से दूर साबाह को परिवार की कमी न खले.