भोपाल गैस त्रासदी के बाद कितनी जिम्मेदार बनी राजनीति, देखें एक खास रिपोर्ट - Bhopal gas tragedy
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भोपाल गैस त्रासदी के भले ही 35 वर्ष पूरे हो गए हैं. लेकिन अब तक जहरीले कचरे के निष्पादन की कोई नीति नहीं बनाई गई है. जिसका नतीजा यह है कि गैस प्रभावित क्षेत्र फिर से एक रासायनिक त्रासदी झेलने के मुहाने पर है. यूनियन कार्बाइड के आसपास की 32 बस्तियों का भूजल प्रदूषित हो चुका है. इसे सरकारी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा कि साल 2014 तक गैस पीड़ित इसी प्रदूषित भूजल को पीते रहे. वहीं मौजूदा कांग्रेस सरकार का कहना है कि हमारी सरकार लगातार पीड़ितों के लिए काम कर रही है. देखें एक स्पेशल रिपोर्ट