यूक्रेन संकट : पोलैंड और गुजरात के कनेक्शन से मिली भारतीयों को मदद
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यूक्रेन संकट पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, उन्हें उम्मीद थी कि विदेश नीति पर भारत की तमाम सरकारों की नीतियां एक जैसी ही रही हैं, और उसी पर बात की जाएगी. हालांकि, चर्चा के दौरान ऐसा लगा कि भारत की विदेश नीति 1947 के बाद ही बनी और उसके पहले कोई नीति ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि पोलैंड और रोमानिया जैसे देशों में हमारे लोग गए और वहां की सरकारों ने मदद भी की. उन्होंने कहा कि वेद पुराणों में कहा गया है, साई इतना दीजिए जामे कुटुंब समाए. उन्होंने जामनगर के राजा दिग्विजय सिंह जडेजा का जिक्र कर रहा, दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद जब लोगों को कहीं शरण नहीं मिल रही थी, तो जामनगर के राजा ने पोलैंड के लोगों को गुजरात में शरण (poland jamnagar king gujarat connection) दी. बकौल निशिकांत, यही कारण है कि जब नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो इसी गुजराती कनेक्शन के कारण पोलैंड की सरकार ने भारत के लोगों का साथ (poland jamnagar king digvijay singh connection) दिया. इसलिए ऐसा मानना कि विदेश नीति नेहरू से नहीं है, सही नहीं है. निशिकांत ने कहा कि 2014 में सरकार बनाने के बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तय किया गया कि भारत की विदेश नीति पंचामृत के आधार पर चलेगी. पंचामृत नीति की व्याख्या करते हुए निशिकांत ने कहा, हमने तय किया कि भारत के लोग सम्मान के साथ जिएंगे, संवाद करेंगे, समृद्धि के साथ जिएंगे. उन्होंने वक्तव्य के अंत में कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जो काम हुआ है यह न भूतो न भविष्यति है.