ओलंपिक 'हैट्रिक गर्ल' वंदना ने साझा किया 'हरिद्वार से टोक्यो' तक का सफर, जानिए संघर्ष गाथा
🎬 Watch Now: Feature Video
महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान ओलंपिक की हैट्रिक गर्ल ने हरिद्वार से लेकर टोक्यो ओलंपिक तक का अपना सफर साझा किया. साथ ही अपने संघर्ष और चुनौतियों के बारे में बताया. वंदना कटारिया ने कहा कि जिस तरह देश के लोगों ने पूरी भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन को सराहा है, यह इस बात का एहसास कराता है कि भले ही टीम जीत का ताज अपने सर पर नहीं सजा पाई, लेकिन पूरी महिला हॉकी टीम ने भारतीयों के दिलों में जगह जरूर बनाई है. वंदना ने कहा कि वो रोशनाबाद गांव के एक बेहद ही सामान्य परिवार से हैं. भारत से टोक्यो ओलंपिक तक का सफर उनके लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण और कठिनाइयों भरा रहा है. परिवार की आर्थिक तंगी की वजह से कई बार वंदना कटारिया के पास प्रैक्टिस के लिए जूते तक नहीं होते थे. ऐसे में कभी वह अपनी बहन के जूते पहनकर प्रैक्टिस करने निकल जातीं तो कभी बिना जूतों के ही प्रैक्टिस के लिए निकल पड़ती. वंदना मानती हैं कि किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने खेल के प्रति दृढ़ संकल्प की भावना रखना बेहद ही जरूरी है, तभी एक खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा कर सकता है.