भारत की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो RCEP का कोई मतलब नहीं है : पूर्व राजदूत - भारत की बड़ी चिंताओं पर ध्यान
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पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से कहा कि भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) पर हस्ताक्षर नहीं किया है. हम भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. देश की चिंताओं का समाधान जब तक न हो तब तक इसमें शामिल होने का मतलब नहीं है. जब हम अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं तो इसका मतलब होता है कि बाजारों में हमारी अधिक पंहुच है. अब हम सेवाओं का आवागमन चाहते हैं. भारत की बड़ी चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए. अगर इन्हें संशोधित नहीं किया जा रहा है तो इसमें सुधार करने का कोई लाभ नहीं है. RCEP देशों के साथ पिछले कुछ सालों में व्यापार में घाटा बढ़ा है. 2016 में ASSOCHAM की सार्वजनिक रिपोर्ट के अनुसार भारत को ASEAN के साथ व्यापार घाटा में इजाफा हुआ है और सबसे ज्यादा भारत को इंडोनेशिया के साथ हुआ है.