'मेक इन इंडिया' के सामने हैं कई चुनौतियां : रिटायर्ड ब्रिगेडियर

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कोरोना वायरस की वजह इस समय देश पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी क्षेत्रों को राहत देने के लिए स्पेशल पैकेज का एलान किया है. अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से किए गए चौथे पैकेज की घोषणा के दौरान रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक हथियारों के उत्पादन में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है. वहीं इस मुद्दे पर ऑल इंडिया डिफेंस ब्रदर हुड एसोसिएशन के पंजाब के अध्यक्ष रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह कहलों ने कहा कि सरकार का ये फैसला सराहनीय है. इसमें धीरे-धीरे आगे बढ़ा जा सकता है. फिलहाल 70 फीसदी हथियार और गोला-बारूद बाहर से निर्यात किया जाता है. 30% उत्पादन भारत में होता है. मेक इन इंडिया के तहत विदेशों से निर्यात तुरंत बंद करना संभव नहीं है इसलिए इसमें धीरे-धीरे ही आगे बढ़ा जाएगा. साथ सिंह ने यह कहा है कि रक्षा खरीदारी में हथियारों के साथ हथियारों की टेक्नोलॉजी को भी साथ में लिया जाना चाहिए, ताकि दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो पाए.

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