कोविड-19 से सुरक्षा में सबसे ज्यादा अहम माने जाने वाली हाथों की सुरक्षा तथा उनकी स्वच्छता की जरूरत को वर्तमान समय में दुनिया भर में माना जा रहा है। साफ तथा स्वच्छ हाथ ना सिर्फ कोरोनावायरस बल्कि और भी कई प्रकार के संक्रमण तथा रोगों से बचाव करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की माने तो सही तरीके से हाथों की स्वच्छता को बरकरार रख लगभग 50 फीसदी तक स्वास्थ्य सेवाओं तथा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लोग गंभीर संक्रमणों से बच सकते हैं। इसी जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने तथा लोगों को हाथ के स्वास्थ्य का ध्यान रखने तथा उसकी स्वच्छता बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रयासों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 5 मई को वर्ल्ड हैंड हाइजीन दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह आयोजन 'अचिविंग हैंड हाइजीन एट द पॉइंट ऑफ केयर' यानी सुरक्षा के मद्देनजर हाथों के स्वास्थ्य को बनाए रखना थीम पर 'सेकेंड्स सेव लाइफ, क्लीन योर हैंड' स्लोगन के साथ मनाया जा रहा है।
जानकारी के बावजूद मानकों की अनदेखी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सही तरीके से हाथों की स्वच्छता तथा सुरक्षा के लिए उपाय अपनाकर बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी कोरोना तथा अन्य संक्रमणों से बच सकते हैं। लेकिन इस जानकारी के बावजूद अभी भी स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में लोग विशेषकर स्वास्थ्य कर्मी विभिन्न कारणों से हाथों की स्वच्छता के लिए जरूरी सफाई के मानकों का पालन नहीं करते हैं। इस संबंध में जारी डब्ल्यूएचओ के आंकड़े चिंतित करने वाले हैं। आंकड़ों के अनुसार;
- हर 4 में से 1 अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छ पानी की कमी रहती है। यानी लगभग 1.8 बिलियन लोग वर्तमान समय में अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र जरूरी मात्रा में पानी की कमी का सामना करते हैं तथा लगभग 712 मिलियन लोग नल के पानी का उपयोग नहीं कर पाते हैं।
- हर 3 में से 1 स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा के मद्देनजर हाथों को सही प्रकार से धोने तथा उन्हें स्वच्छ रखने के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती हैं।
- मध्यम तथा कम आय वाले देशों में केवल 9 प्रतिशत गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगी हाथों को संक्रमण मुक्त तथा स्वच्छ रखने के लिए सफाई के सही मानकों का उपयोग करते है।
- यही नहीं उच्च आय वाले देशों में भी मात्र 70 प्रतिशत लोग सही तरीके से हाथ साफ रखने के लिए बताए गए जरूरी मानकों का पालन करते हैं।
साबुन से हाथ धोने के फायदे
योग नियंत्रण तथा बचाव केंद्र (सीडीसी) के अनुसार साबुन से सही तरीके से हाथ धोने की आदत का पालन करने पर ना सिर्फ लोगों की सेहत बल्कि सम्पूर्ण समाज को स्वास्थ संबंधी फायदे पहुंचते है। साबुन से हाथ धोने के कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार हैं;
- डायरिया के गंभीर रोगियों की संख्या में 23 से 40 प्रतिशत तक की कमी।
- डायरिया जनित रोगों तथा उनके चलते कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के मामलों में लगभग 58 प्रतिशत तक की कमी।
- आम जनता में श्वसन संबंधी रोग जैसे सर्दी -खासी के मामलों में 16 से 21 प्रतिशत तक की कमी।
- विशेष रूप से बच्चों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं तथा अन्य पेट संबंधी समस्याओं के मामलों में 29 से 57 प्रतिशत तक की कमी।
हाथ धोने के पांच चरण
किसी भी प्रकार का संक्रमण आमतौर पर हमारे हाथों से ही फैलता है। जब हम गंदे और संक्रमण युक्त हाथों से अपनी नाक, आंख या मुंह को छूते हैं, तो संक्रमण हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है और हमारे तंत्रों को प्रभावित करना शुरू कर देता है। सीडीसी के अनुसार हाथों की स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए हाथ धोने के सही तरीके के पांच चरण इस प्रकार हैं;
- चलते हुए नल से गर्म या ठंडे पानी में हाथों को गिला करें, जिसके उपरांत नल को बंद करें और हाथों पर साबुन लगाएं।
- साबुन लगे हाथों को आपस में मले। ध्यान दें कि हाथ मलते समय उंगलियों के बीच का हिस्सा, नाखूनों के ऊपर का हिस्सा तथा हाथों के पीछे के हिस्से को भी सही तरह से साफ किया जाए।
- साबुन लगाकर हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक रगड़े। समय का अंदाजा लगाने के लिए हैप्पी बर्थडे गीत को शुरुआत से अंत तक दो बार गायें। क्योंकि सामान्य तौर पर यह गीत एक बार में 10 सेकंड में पूरा होता है।
- साफ और चलते हुए पानी में हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- मुलायम तौलिए या फिर एयर ड्रायर की मदद से हाथों को अच्छे से सुखा लें।
हाथों की सुरक्षा के साथ पानी को बचाना भी जरूरी है, इसलिए जरूरत ना होने पर पानी के नल को हमेशा बंद रखें, और हाथों को धोते समय पानी को लगातार ना चलाएं।
सैनिटाइजर भी हैं उपयोगी
साबुन तथा पानी से हाथों की सफाई किसी भी प्रकार की कीटाणु जीवाणु तथा विषाणु से हाथों को सुरक्षित रखने का सबसे आसान और सबसे बेहतरीन उपाय है। लेकिन यदि हाथों की सुरक्षा के लिए साबुन और पानी का उपयोग करना संभव ना हो तो ऐसी स्थिति में अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा कम से कम 60 प्रतिशत तक हो। यहां यह जानना भी जरूरी है कि सैनिटाइजर के उपयोग से हाथों की शत-प्रतिशत सुरक्षा संभव नहीं है। इसलिए जहां तक संभव हो हाथों को साफ रखने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें।