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महिलाओंं में घातक हो सकती है यौन अस्वस्थता - Sexual health affected

क्या आप जानते हैं कि शारीरिक संबंधों में असुविधा या किसी प्रकार की परेशानी अस्वस्थ यौन स्वास्थ्य का परिणाम होता है? और यहीं अस्वस्थता कई प्रकार के मानसिकऔरशारीरिक विकारों का घोतक होता है. यदि हम सिर्फ महिलाओं की बात करें तो ये विकार उनके सुखी पारिवारिक जीवन के लिए घातक हो सकते है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते है.

sexual health
यौन स्वास्थ्य
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Published : Jul 5, 2020, 10:00 AM IST

Updated : Jul 6, 2020, 9:52 AM IST

महिलाएं संबंधी बहुत सी बीमारियों के बारे में हम आम तौर पर सुनते और चर्चा करते आए हैं. शारीरिक और मानसिक समस्याओं के अलावा एक व्यस्क महिला को यौन समस्याएं भी हो सकती हैं. आखिर क्या होता हैं यौन समस्याएं? यौन समस्याएं अर्थात स्त्री पुरुष के अन्तरसंबंधों को प्रभावित करने वाली समस्याएं. इस बारे में आम तौर पर लोग खास तौर पर महिलाएं या तो जानती ही नहीं है और यदि जानती भी हैं तो इन समस्याओं को परेशानी या बीमारी से नहीं जोड़ती हैं, और अति निजी बातें मानते हुए इस बारे में दूसरों से बात करने में भी हिचकिचाती हैं. इसका मुख्य कारण है कि आज भी हमारे समाज में पुरुष स्त्री संबंधों के बारे में बात करने अथवा उनमें आने वाली परेशानियों को लेकर चर्चा करना अच्छा नहीं माना जाती है.

इस संबंध में बात करने पर एन्डरोकेयर तथा एन्डरोलॉजी संस्थान हैदराबाद के सलाहकार डॉ. राहुल रेड्डी ने बताया कि शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी आना, कामोत्तेजना की चरम स्थिति को प्राप्त करने में परेशानी होना, संबंध बनाते समय निजी अंगों में दर्द महसूस होना आदि कारकों को हम आम तौर पर यौन समस्याओं में गिनते हैं. ज्यादातर मानसिक परेशानियों, युगल के बीच आपसी सामंजस्य न होने, मधुमेह और थायराइड जैसी बीमारियों, हारमोनल समस्याएं, विटामिन डी की कमी और पीसीओडी जैसी बीमारियों के कारण और कई बार मेनोपॉज जैसी समस्याओं के कारण भी महिलाओं का यौन स्वास्थ्य प्रभावित होता है. यही नहीं कई बार जानकारी के अभाव में और कई बारशारीरिक अपराध के कारण भी महिलाओं को शारीरिक संसर्ग में समस्याएं आती है.

महिलाओं को 14से16साल की उम्र से ही उनके यौन स्वास्थ्य तथा यौन शिक्षा के बारे में जागरूक करने की पुरजोरवकालत करते हुए डॉ. रेड्डी कहते हैं कि इससे न सिरिफ वह खुद को अलगअलग तरह के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से बचा पाएंगी, बल्कि अपने स्वास्थ्य का भी अच्छे से ध्यान रख पाएंगी. इसके साथ ही बेहतर यौन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि महिलाएं प्रोटीन, वविटामिन से भरपूर रेशेदार भोजन करें.

मनो चिकित्सीय सलाहकार डॉ. वीना कृष्णन कहती हैं कि अस्वस्थ आपसी संबंधों का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर ही पड़ता है. सदियों से हमारे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के शारीरिक संबंधों के बारे में बात करने को वर्जित माना गया है. संबंधों के दौरान भी पुरुष की इच्छा ही हावी रहती है. स्त्री की इच्छा, उसकी परेशानी और जरूरतों पर आम तौर पर ध्यान भी नहीं दिया जाता है. ऐसे में कई प्रकार की कुंठाएं उनके मन में घर करने लगती है, जिसके फलस्वरूप गृहस्थ्य जीवन में तनाव, शारीरिक संबंधों में अरूचि, जीवन साथी से अलगाव, अनैतिक संबंध जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है. यहीं नहीं कई बार परिस्थितियां इतनी बिगड़ जाती हैं कि महिलाएं आत्महत्या जैसा आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम भी उठा लेती है. ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपनी परेशानियों को अपने किसी खास दोस्त या परिवार के किसी सदस्य के साथ सांझा करें.यदि इससे कोई खास मदद नहीं मिले तो चिकित्सीय परामर्श लें.

आगे डॉ. कृष्णन कहती हैं कि यौन स्वास्थ्य की जानकारी देने के साथ जरूरी है कि हम कम उम्र से ही बच्चियों को ये भी समस्याएं कू परेशानियां छुपाएं नहीं बल्कि ऐसे व्यक्तियों से सांझा करें जिन पर वह विश्वास करती हो, साथ ही चिकित्सकों से भी परामर्श लें.

अधिक जानकारी और परामर्श के लिए एन्डरोलॉजिस्ट डॉ. राहुल रेड्डी से andrologistdoctor@gmail.com के जरिए संपर्क करें.

महिलाएं संबंधी बहुत सी बीमारियों के बारे में हम आम तौर पर सुनते और चर्चा करते आए हैं. शारीरिक और मानसिक समस्याओं के अलावा एक व्यस्क महिला को यौन समस्याएं भी हो सकती हैं. आखिर क्या होता हैं यौन समस्याएं? यौन समस्याएं अर्थात स्त्री पुरुष के अन्तरसंबंधों को प्रभावित करने वाली समस्याएं. इस बारे में आम तौर पर लोग खास तौर पर महिलाएं या तो जानती ही नहीं है और यदि जानती भी हैं तो इन समस्याओं को परेशानी या बीमारी से नहीं जोड़ती हैं, और अति निजी बातें मानते हुए इस बारे में दूसरों से बात करने में भी हिचकिचाती हैं. इसका मुख्य कारण है कि आज भी हमारे समाज में पुरुष स्त्री संबंधों के बारे में बात करने अथवा उनमें आने वाली परेशानियों को लेकर चर्चा करना अच्छा नहीं माना जाती है.

इस संबंध में बात करने पर एन्डरोकेयर तथा एन्डरोलॉजी संस्थान हैदराबाद के सलाहकार डॉ. राहुल रेड्डी ने बताया कि शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी आना, कामोत्तेजना की चरम स्थिति को प्राप्त करने में परेशानी होना, संबंध बनाते समय निजी अंगों में दर्द महसूस होना आदि कारकों को हम आम तौर पर यौन समस्याओं में गिनते हैं. ज्यादातर मानसिक परेशानियों, युगल के बीच आपसी सामंजस्य न होने, मधुमेह और थायराइड जैसी बीमारियों, हारमोनल समस्याएं, विटामिन डी की कमी और पीसीओडी जैसी बीमारियों के कारण और कई बार मेनोपॉज जैसी समस्याओं के कारण भी महिलाओं का यौन स्वास्थ्य प्रभावित होता है. यही नहीं कई बार जानकारी के अभाव में और कई बारशारीरिक अपराध के कारण भी महिलाओं को शारीरिक संसर्ग में समस्याएं आती है.

महिलाओं को 14से16साल की उम्र से ही उनके यौन स्वास्थ्य तथा यौन शिक्षा के बारे में जागरूक करने की पुरजोरवकालत करते हुए डॉ. रेड्डी कहते हैं कि इससे न सिरिफ वह खुद को अलगअलग तरह के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से बचा पाएंगी, बल्कि अपने स्वास्थ्य का भी अच्छे से ध्यान रख पाएंगी. इसके साथ ही बेहतर यौन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि महिलाएं प्रोटीन, वविटामिन से भरपूर रेशेदार भोजन करें.

मनो चिकित्सीय सलाहकार डॉ. वीना कृष्णन कहती हैं कि अस्वस्थ आपसी संबंधों का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर ही पड़ता है. सदियों से हमारे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के शारीरिक संबंधों के बारे में बात करने को वर्जित माना गया है. संबंधों के दौरान भी पुरुष की इच्छा ही हावी रहती है. स्त्री की इच्छा, उसकी परेशानी और जरूरतों पर आम तौर पर ध्यान भी नहीं दिया जाता है. ऐसे में कई प्रकार की कुंठाएं उनके मन में घर करने लगती है, जिसके फलस्वरूप गृहस्थ्य जीवन में तनाव, शारीरिक संबंधों में अरूचि, जीवन साथी से अलगाव, अनैतिक संबंध जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है. यहीं नहीं कई बार परिस्थितियां इतनी बिगड़ जाती हैं कि महिलाएं आत्महत्या जैसा आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम भी उठा लेती है. ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपनी परेशानियों को अपने किसी खास दोस्त या परिवार के किसी सदस्य के साथ सांझा करें.यदि इससे कोई खास मदद नहीं मिले तो चिकित्सीय परामर्श लें.

आगे डॉ. कृष्णन कहती हैं कि यौन स्वास्थ्य की जानकारी देने के साथ जरूरी है कि हम कम उम्र से ही बच्चियों को ये भी समस्याएं कू परेशानियां छुपाएं नहीं बल्कि ऐसे व्यक्तियों से सांझा करें जिन पर वह विश्वास करती हो, साथ ही चिकित्सकों से भी परामर्श लें.

अधिक जानकारी और परामर्श के लिए एन्डरोलॉजिस्ट डॉ. राहुल रेड्डी से andrologistdoctor@gmail.com के जरिए संपर्क करें.

Last Updated : Jul 6, 2020, 9:52 AM IST
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