सभी जानते हैं कि शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखने में पोषक तत्वों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अन्य पोषक तत्वों की भांति विटामिन के विभिन्न प्रकारों को शरीर के विकास के साथ ही सभी अंगों के सुचारु रूप से कार्य करने, बीमारियों से दूर रखने तथा स्वास्थ्य के साथ ही सौन्दर्य को भी दुरुस्त रखने के लिए जरूरी माना आता है.
विटामिन कई प्रकार के होते हैं जिनसे शरीर को अलग-अलग फायदे होते हैं, लेकिन महिलाओं व पुरुषों तथा बच्चों व बड़ों में उनकी जरूरत अलग-अलग हो सकती है. जैसे कुछ विशेष प्रकार के विटामिन की आवश्यकता महिलाओं को ज्यादा मात्रा में हो सकती है तथा कुछ की पुरुषों को.
पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं विशेषतौर पर महिलाओं को अलग-अलग उम्र तथा अवस्थाओं में विटामिन के विभिन्न प्रकारों की अलग अलग मात्रा में जरूरत हो सकती है जैसे, बालपन में , गर्भावस्था में, महावारी में समस्या होने पर तथा उम्र बढ़ने पर.
कितने प्रकार के होते हैं विटामिन
महिलाओं के लिए कब कौन सा विटामिन ज्यादा मात्रा में जरूरी होता है इसके बारें में जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है विटामिन कितने प्रकार के होते हैं तथा सभी के लिए उनके कौन कौन से फायदे होते हैं. डॉ. दिव्या बताती हैं कि वैसे तो विटामिन के एक दर्जन से ज्यादा प्रकार माने जाते हैं, लेकिन उनमें से सबसे प्रमुख और जरूरी विटामिन इस प्रकार हैं.
विटामिन ए
'विटामिन ए' श्वसन व पांचन अंगो तथा मूत्र नली के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है. उसके सही मात्रा में सेवन से सर्दी जुकाम व अन्य प्रकार के संक्रमणों से बचाव होता है. यह हमारी त्वचा के सौन्दर्य को बनाए रखने तथा आंखो की रोशनी को तीव्र बनाए रखने का कार्य करता है. एक व्यक्ति को आहार के माध्यम से एक दिन में लगभग 5000 यूनिट विटामिन ए ग्रहण करना चाहिए.
विटामिन बी
आहार से शक्ति तथा ऊर्जा प्राप्त करने के लिए विटामिन बी सबसे जरूरी होता है. एक व्यक्ति को प्रतिदिन बी.1 की 10 ग्राम मात्रा में तथा बी. 2 की 2 मिलिग्राम मात्रा में आवश्यकता होती है. दरअसल विटामिन बी कॉम्पलेक्स एक नही भिन्न भिन्न प्रकार के विटामिनों का एक समूह है. जिसमें बी.1, बी.2, बी.3, बी.5, बी.6, बी.7 तथा बी.12 आदि शामिल होते हैं.
विटामिन सी
विटामिन सी उत्तकों, हड्डियों, छोटी रक्त नलिकाओं, दांतो व मसूडों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमतायें बढ़ाने के लिए आवश्यक माना जाता है. एक व्यक्ति एक दिन में लगभग 10 मिलिग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए.
विटामिन डी
हड्डियों के निर्माण, उनके विकास तथा आहार से अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी काफी जरूरी माना जाता है. इसका एक मुख्य कार्य शरीर में कैल्शियम तथा फॉसफोरस के मध्य संतुलन बनाए रखना है. उम्र तथा लिंग के आधार पर लोगों में इसकी जरूरत अलग अलग हो सकती है जैसे एक व्यस्क व्यक्ति के लिए एक दिन में लगभग 200 यूनिट विटामिन डी जरूरी होता है. वहीं बच्चों तथा गर्भवती स्त्रियों में इसकी आवश्यकता प्रतिदिन लगभग 800 यूनिट होती है.
विटामिन ई
विटामिन ई थ्रोमोसिस से बचाव करता है तथा घावों को शीघ्र भरने व प्रजनन क्रियाओं में मदद करता है, हृदय की सभी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है तथा रक्त परिसंचरण को सुचारू बनाने में मदद करता है. सेहत को अलग अलग तरह से फायदे पहुँचने के साथ ही सौन्दर्य को बनाए रखने में भी यह मदद करता है. साथ ही इसका बाहरी उपयोग त्वचा पर दागधब्बों को कम करने में भी मदद करता है.
विटामिन के
यह विटामिन शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है. यह रक्त में विशेष प्रकार के प्रोटीन, मिनरल और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों को सक्रिय करके उससे जमने से रोकता है. यह विशेषतौर पर हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है.
महिलाओं के लिए जरूरी विटामिन
डॉ दिव्या बताती हैं कि हमारे देश की अधिकांश महिलाओं में पोषण की कमी पाई जाती है. क्योंकि ज्यादातर महिलायें अपने आहार और स्वास्थ्य को लेकर ध्यान नही देती है. लापरवाही, आहार को लेकर अज्ञानता तथा कई बार अलग-अलग प्रकार की हार्मोनल व अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते उनकी सेहत व सौन्दर्य दोनों प्रभावित होने लगते हैं. साथ ही उन पर उम्र का प्रभाव जल्दी नजर आने लगता है. उम्र के हर चरण में शरीर में बदलाव व समस्याओं के होने की अवस्था में सभी महिलाओं को कुछ विशेष विटामिन की जरूरत अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा में होती है. महिलाओं के लिए कब तथा कौन से विटामिन जरूरी होते हैं, आइए जानते हैं.
महिलाओं के लिए जरूरी विटामिन
- विटामिन बी9: गर्भावस्था के दौरान विशेषतौर पर महिलाओं को कई प्रकार के विटामिन की जरूरत होती है अन्यथा माता व गर्भ में बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पर सकता है. विशेषतौर पर इस दौरान विटामिन बी-9 यानी फोलिक एसिड महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है. इसलिए गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स भी दिए जाते हैं.
- विटामिन डी: वैसे तो हर उम्र में महिलाओं के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी होता है, लेकिन उम्र बढ़ने पर प्राकृतिक तौर पर महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है. हड्डियों, नेत्र तथा अन्य प्रकार की समस्याओं व रोगों से बचने के लिए बहुत जरूरी है महिलायें अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन डी युक आहार की मात्रा बढ़ाएं . साथ ही इस दौरान चिकित्सीय सलाह पर विटामिन डी के लिए सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं.
- विटामिन ई: हर उम्र में त्वचा को सेहतमंद तथा बालों और नाखूनों को खूबसूरत बनाए रहने के लिए महिलाओं को विटामिन ई की ज्यादा जरूरत होती है. विटामिन ई त्वचा में नमी बनाए रखने, झुर्रियां व दाग-धब्बे की समस्या को कम या दूर करने तथा त्वचा पर उम्र के असर को कम में मदद करता है.
- विटामिन ए: वैसे तो उम्र के हर दौर में महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव आते हैं लेकिन महिलाओं को जब 40 से 45 के बीच रजोनिवृत्ति से गुजरना पड़ता है तो उस दौरान हार्मोनल बदलाव तथा अन्य कारणों से उन्हे कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन समस्याओं पर नियंत्रण तथा उनके प्रभाव को कम करने में विटामिन ए की भूमिका कफी अहम होती है.
- विटामिन के: विटामिन के महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान ज्यादा रक्तस्राव होने तथा बच्चे के जन्म के समय ज्यादा रक्तस्राव होने की अवस्था में मदद करता है.