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विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2020 - patient safety day celebrations

चिकित्सकों के क्षेत्र में रोगी की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। लेकिन रोगी की देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। विशेषकर कोविड 19 के इस दौर में। रोगी तथा उसकी देखभाल में लगे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में 17 सितंबर को “विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” 2020  मनाया जा रहा है।

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Safety In Health Care
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Published : Sep 17, 2020, 10:48 AM IST

चिकित्सा शास्त्र के सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक है रोगी की जिम्मेदारी और सुरक्षा सर्वोपरि। रोगियों की सुरक्षा तथा उनकी समस्याओं का निवारण एक चिकित्सक की पहली प्राथमिकता होती है। लेकिन बाजारिकरण के इस दौर का असर चिकित्सा के क्षेत्र पर भी पड़ा है। चिकित्सा सुविधाओं में कमी, उपकरणों में कमी, चिकित्सक तथा सहायक कर्मियों के अनुभव तथा उचित व्यवहार में कमी आदि कई कारण है जो चिकित्सा क्षेत्र तथा उसके महान उद्देश्यों को प्रभावित करता है। रोगी की सुरक्षा तथा उसकी संभाल चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 17 सितंबर को पूरे देश में “विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” 2020 मनाया जा रहा है।

“विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” 2020 की वार्षिक थीम

“ स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा तथा रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता” थीम पर आधारित इस वार्षिक आयोजन में दुनिया भर में विभिन्न आयोजनों तथा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू. एच. ओ) ने भी इस विशेष अवसर पर एक पत्र जारी किया है जिसमे रोगियों की सुरक्षा उनके सही इलाज के तरीकों को लेकर जानकारियाँ दी गई है। कोविड 19 जैसी वैश्विक बीमारी के इस दौर में स्वास्थ्य कर्मियों पर कठिन जिम्मेदारियों तथा उनके अनुपालन व साथ ही इस मुश्किल दौर में रोगियों की सुरक्षा के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए डब्ल्यू. एच. ओ ने कार्यक्षेत्र के लिए सुरक्षा के मानकों से सभी को अवगत करने तथा स्वास्थ्य कर्मियों की सही कार्यप्रणाली यानि तरीकों के बारें में जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया है। इसके साथ ही जिम्मेदारियों के निर्वहन के दौरान चिकित्सक तथा अन्य स्वस्थकर्मी कैसे सुरक्षित रहे, इसके लिए भी लोगो को जागरूक करने पर बल दिया है।

“विश्व रोगी सुरक्षा दिवस”का इतिहास

वैश्विक स्तर पर रोगी की सुरक्षा को सबसे जरूरी मानते हुए पिछले साल वर्ष मई 2019 में 72 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में डब्ल्यू. एच. ओ के सभी 194 सदस्यों ने उद्देश्य डब्ल्यूएचए 72.6 के तहत विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से दुनिया भर में रोगियों के सुरक्षा के लिए जरूरी बातों, तथा नीतियों और नए व बेहतर तरीकों के बारें में जागरूकता फैलाना है।

रोगी सुरक्षा स्तिथियाँ

डब्ल्यू.एच.ओ के अनुसार हर साल दुनिया के लगभग सभी देशों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के चलते अंदाजन 134 मिलियन जानलेवा दुर्घटनाएं घटती है। इन दुर्घटनाओ की संख्या उन क्षेत्रों में ज्यादा होती है जहां आधुनिक चिकित्सा सेवाओं की कमी है। चिकित्सा सेवाओं में कमी इस बात पर भी निर्भर करती है की अस्पताल , प्राथमिक चिकित्सा केंद्र या चिकित्सा प्रदान करने वाली कोई भी इकाई किस क्षेत्र में और किस लागत से बनाई जा रही है। इसके साथ ही केंद्र में प्रशिक्षित चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद हैं या नहीं। सही जानकारी, जानकार तथा जरूरी उपकरणों के अभाव में ऐसे केंद्रों के संचालन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । कुछ अन्य कारणों से भी रोगियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है । जैसे ..

  • गलत चिकित्सा
  • स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित संक्रमण
  • ऑपरेशन या चोटिल होने पर सही तरीके से इलाज ना होना
  • इन्जेक्शन देने का असुरक्षित तरीका
  • गलत जांच
  • विकिरण त्रुटियाँ
  • सेप्टिक होना
  • खून के थक्के बनना

कोरोना से जंग लड़ते स्वास्थ्यकर्मी

कोरोना महामारी के इस दौर में लगातार बढ़ते मामलों के कारण दुनिया भर में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग अत्यधिक बोझ और तनाव का सामना कर रहे है। अति शीघ्रता से फैलने वाले इस इस संक्रमण के बीच स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की परवाह ना करते हुए दिन रात रोगियों की सेवा में लगें है। लेकिन बहुत जरूरी है की रोगियों के साथ साथ चिकित्सकों और अन्य सहयोगियों के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाए। इसी के चलते डब्ल्यू. एच. ओ ने कुछ विशेष कदम उठाने पर जोर दिया है ।

  • रोगी सुरक्षा के साथ चिकित्साकर्मियों तथा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाए।
  • रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अलग- अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों से जानकारी इकट्ठा करके ,मल्टी मॉडल रणनीतियों बनाई जाए।
  • रणनीतियों को निर्धारित कर उन्हे तत्काल लागू करने का प्रयास किया जाए।
  • सिर्फ चिकित्सकों ही नहीं बल्कि तमाम स्वास्थ सुरक्षा कर्मियों को उनकी कड़ी मेहनत और निष्ठा को लेकर प्रोत्साहन दिया जाए ।

रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम

  • अस्पतालो तथा सभी प्रकार के चिकित्सा केंद्रों में सही ढंग से प्रक्षालक या सेनेटटाईजेशन ।
  • कोरोना का चलते ना सिर्फ हमारे देश में बल्कि पुरे विश्व में स्वास्थ्य तथा चिकित्सा कर्मियों पर काफी भार आ गया है। जरूरी है की उनकी देखभाल का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
  • अस्पतालों में हर बार नई सेनेटाइजेशन किट का ही इस्तेमाल किया जाए ।
  • मरीज को उसकी बीमारी तथा उसके इलाज के बारे में सही तरीके से समझाया जाना आवश्यक है।
  • मरीजों के परिजनाओ के साथ से भी नियमित रूप से भी संवाद बनाए रखे ।

डब्ल्यूएचओ ने चिकित्सा प्रदान करने के लिए विभिन्न चरणों में रोगी की बीमारी, उसका सुरक्षित व सम्पूर्ण इलाज, रोग तथा इलाज को लेकर सही जानकारी देने की बात कही है। इसके अलावा सही जांच, सही इलाज, तथा इन सबसे उभरने के बाद बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी निर्देशों को देने की भी बात काही गई है।

चिकित्सा शास्त्र के सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक है रोगी की जिम्मेदारी और सुरक्षा सर्वोपरि। रोगियों की सुरक्षा तथा उनकी समस्याओं का निवारण एक चिकित्सक की पहली प्राथमिकता होती है। लेकिन बाजारिकरण के इस दौर का असर चिकित्सा के क्षेत्र पर भी पड़ा है। चिकित्सा सुविधाओं में कमी, उपकरणों में कमी, चिकित्सक तथा सहायक कर्मियों के अनुभव तथा उचित व्यवहार में कमी आदि कई कारण है जो चिकित्सा क्षेत्र तथा उसके महान उद्देश्यों को प्रभावित करता है। रोगी की सुरक्षा तथा उसकी संभाल चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 17 सितंबर को पूरे देश में “विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” 2020 मनाया जा रहा है।

“विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” 2020 की वार्षिक थीम

“ स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा तथा रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता” थीम पर आधारित इस वार्षिक आयोजन में दुनिया भर में विभिन्न आयोजनों तथा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू. एच. ओ) ने भी इस विशेष अवसर पर एक पत्र जारी किया है जिसमे रोगियों की सुरक्षा उनके सही इलाज के तरीकों को लेकर जानकारियाँ दी गई है। कोविड 19 जैसी वैश्विक बीमारी के इस दौर में स्वास्थ्य कर्मियों पर कठिन जिम्मेदारियों तथा उनके अनुपालन व साथ ही इस मुश्किल दौर में रोगियों की सुरक्षा के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए डब्ल्यू. एच. ओ ने कार्यक्षेत्र के लिए सुरक्षा के मानकों से सभी को अवगत करने तथा स्वास्थ्य कर्मियों की सही कार्यप्रणाली यानि तरीकों के बारें में जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया है। इसके साथ ही जिम्मेदारियों के निर्वहन के दौरान चिकित्सक तथा अन्य स्वस्थकर्मी कैसे सुरक्षित रहे, इसके लिए भी लोगो को जागरूक करने पर बल दिया है।

“विश्व रोगी सुरक्षा दिवस”का इतिहास

वैश्विक स्तर पर रोगी की सुरक्षा को सबसे जरूरी मानते हुए पिछले साल वर्ष मई 2019 में 72 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में डब्ल्यू. एच. ओ के सभी 194 सदस्यों ने उद्देश्य डब्ल्यूएचए 72.6 के तहत विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से दुनिया भर में रोगियों के सुरक्षा के लिए जरूरी बातों, तथा नीतियों और नए व बेहतर तरीकों के बारें में जागरूकता फैलाना है।

रोगी सुरक्षा स्तिथियाँ

डब्ल्यू.एच.ओ के अनुसार हर साल दुनिया के लगभग सभी देशों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के चलते अंदाजन 134 मिलियन जानलेवा दुर्घटनाएं घटती है। इन दुर्घटनाओ की संख्या उन क्षेत्रों में ज्यादा होती है जहां आधुनिक चिकित्सा सेवाओं की कमी है। चिकित्सा सेवाओं में कमी इस बात पर भी निर्भर करती है की अस्पताल , प्राथमिक चिकित्सा केंद्र या चिकित्सा प्रदान करने वाली कोई भी इकाई किस क्षेत्र में और किस लागत से बनाई जा रही है। इसके साथ ही केंद्र में प्रशिक्षित चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद हैं या नहीं। सही जानकारी, जानकार तथा जरूरी उपकरणों के अभाव में ऐसे केंद्रों के संचालन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । कुछ अन्य कारणों से भी रोगियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है । जैसे ..

  • गलत चिकित्सा
  • स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित संक्रमण
  • ऑपरेशन या चोटिल होने पर सही तरीके से इलाज ना होना
  • इन्जेक्शन देने का असुरक्षित तरीका
  • गलत जांच
  • विकिरण त्रुटियाँ
  • सेप्टिक होना
  • खून के थक्के बनना

कोरोना से जंग लड़ते स्वास्थ्यकर्मी

कोरोना महामारी के इस दौर में लगातार बढ़ते मामलों के कारण दुनिया भर में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग अत्यधिक बोझ और तनाव का सामना कर रहे है। अति शीघ्रता से फैलने वाले इस इस संक्रमण के बीच स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की परवाह ना करते हुए दिन रात रोगियों की सेवा में लगें है। लेकिन बहुत जरूरी है की रोगियों के साथ साथ चिकित्सकों और अन्य सहयोगियों के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाए। इसी के चलते डब्ल्यू. एच. ओ ने कुछ विशेष कदम उठाने पर जोर दिया है ।

  • रोगी सुरक्षा के साथ चिकित्साकर्मियों तथा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाए।
  • रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अलग- अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों से जानकारी इकट्ठा करके ,मल्टी मॉडल रणनीतियों बनाई जाए।
  • रणनीतियों को निर्धारित कर उन्हे तत्काल लागू करने का प्रयास किया जाए।
  • सिर्फ चिकित्सकों ही नहीं बल्कि तमाम स्वास्थ सुरक्षा कर्मियों को उनकी कड़ी मेहनत और निष्ठा को लेकर प्रोत्साहन दिया जाए ।

रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम

  • अस्पतालो तथा सभी प्रकार के चिकित्सा केंद्रों में सही ढंग से प्रक्षालक या सेनेटटाईजेशन ।
  • कोरोना का चलते ना सिर्फ हमारे देश में बल्कि पुरे विश्व में स्वास्थ्य तथा चिकित्सा कर्मियों पर काफी भार आ गया है। जरूरी है की उनकी देखभाल का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
  • अस्पतालों में हर बार नई सेनेटाइजेशन किट का ही इस्तेमाल किया जाए ।
  • मरीज को उसकी बीमारी तथा उसके इलाज के बारे में सही तरीके से समझाया जाना आवश्यक है।
  • मरीजों के परिजनाओ के साथ से भी नियमित रूप से भी संवाद बनाए रखे ।

डब्ल्यूएचओ ने चिकित्सा प्रदान करने के लिए विभिन्न चरणों में रोगी की बीमारी, उसका सुरक्षित व सम्पूर्ण इलाज, रोग तथा इलाज को लेकर सही जानकारी देने की बात कही है। इसके अलावा सही जांच, सही इलाज, तथा इन सबसे उभरने के बाद बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी निर्देशों को देने की भी बात काही गई है।

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