शारीरिक संसर्ग (sexual intercourse) के दौरान महिलाओं की योनि में दर्द न सिर्फ उन्हे एक असन्तुष्ट और दर्द भरे सेक्स का अनुभव देता है बल्कि उनमें अंतरंग रिश्तों के प्रति एक प्रकार की उदासीनता भी ला सकता है. जिसका न सिर्फ उनके और उनके साथी के शारीरिक बल्कि भावनात्मक संबंधों पर भी असर पड़ सकता है. संसर्ग के दौरान योनि में दर्द के कई कारणों से हो सकता हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक अलगाव या प्रेम की कमी, सेक्स को लेकर अनिच्छा, तनाव, क्रोध या अन्य समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयलक्ष्मी शर्मा बताती है कि यदि सेक्स के दौरान योनि में दर्द के शारीरिक कारणों के बारे में बात करें तो सामान्य तौर पर पेशाब नली में संक्रमण, उसमें सुखेपन के कारण, वैजाइनिसमस (vaginismus, योनि के आसपास की मांसपेशियों का बार-बार सिकुड़ना) तथा कई बार किसी चोट के कारण महिलाओं को आंतरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द महसूस हो सकता है. ऐसी परिस्तिथ्यों में महिला की चिकित्सीय जांच तथा इलाज बहुत जरूरी होता है. अन्यथा समस्या बढ़ने का खतरा होता है. वे बताती हैं कि इस तरह के ज्यादातर मामलों में इलाज पूरा होने तक महिलाओं को सेक्स से परहेज करने की बात कही जाती है.
पंजाब में महिलाओं की बेहतरी तथा उनके विकास के लिए कार्य कर रही विभिन्न संस्थाओं से जुड़ी तथा निजी प्रैक्टिस करने वाली मनोचिकित्सक डॉ. अपर्णा गुप्ता बताती हैं कि कई बार बिना किसी शारीरिक समस्या के भी महिलायें संसर्ग के दौरान योनि में दर्द महसूस करती हैं। जिसका कारण मानसिक उथल-पुथल, परेशानी, डर, आपसी रिश्तों में तनाव जैसे कई कारणों के चलते उनका सेक्स के लिए मानसिक रूप से तैयार न हो पाना हो सकता है. वह बताती हैं कि कई बार उनके पास ऐसे मामले आते हैं जहां महिलायें अनिच्छा से अपने पति के साथ संसर्ग के लिए तैयार हो जाती हैं की कहीं वह झगड़ा न करने लगे या उनका मूड खराब न हो जाय. ऐसे परिसतिथ्यों में जब वह मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है तो उनका शरीर उनके पति के स्पर्श पर प्रतिक्रिया नही देता है, नतीजा संबंध बनाने के दौरान योनि में पर्याप्त नमी नही होती है और पुरी प्रक्रिया दर्दभरा अनुभव देती हैं.
डॉ. गुप्ता बताती हैं कि यह समस्या न सिर्फ ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी बहुत ही आम है। कई बार पुरुष बगैर यह समझे की अच्छे और सुखद सेक्स के लिए महिला साथी का भी मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना जरूरी है , उत्तेजना के प्रभाव में आ जाते हैं. ऐसे में सेक्स संबंध महिला के लिए एक दर्दनाक अनुभव बन कर रह जाता है।
इसके अलावा कई बार मानसिक तनाव, चिंता, बढ़ती उम्र के साथ शरीर में आने वाले परिवर्तन और अपने साथी के साथ भावनात्मक लगाव में कमी आदि के कारण महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर अनिच्छा उत्पन्न होने लगती हैं. डॉ. गुप्ता बताती हैं कि यह समस्या इतनी आम है की हर महिला अपने जीवन में कम से कम एक बार इसका अनुभव करती ही है.
जाहीर सी बात है की यदि समस्या शारीरिक है तो तत्काल चिकित्सक से जांच करवाकर उसकी दवाई ली जा सकती है, लेकिन यदि समस्या मानसिक ही तो बहुत जरूरी है की महिलायें अपने साथी से बात करें और उन्हे अपनी समस्या तथा मनोस्तिथि समझाने का प्रयास करें. डॉ. गुप्ता बताती हैं कि सेक्स सिर्फ शारीरिक संतुष्टि नही देता है बल्कि मानसिक आनंद भी देता है , यदि ऐसा न हो तो रिश्ते पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए दोनों पार्टनर्स का आपसी व्यवहार, भावनात्मक जुड़ाव, एक-दूसरे की सेक्स संबंधी जरूरतों को समझना तथा उन्हे मान देना बहुत जरूरी है.