स्तन कैंसर गंभीर बीमारी है, लेकिन यह लाइलाज नहीं है. स्तन की छोटी सी गांठ या असमानता स्तन कैंसर का लक्षण हो सकती है, इसलिए आमतौर पर महिला रोग विशेषज्ञ महिलाओं को स्तनों में किसी भी प्रकार की गांठ या समस्या होने पर तत्काल जांच कराने की सलाह देते हैं. सही समय पर इसकी पुष्टि होने तथा इलाज समय पर शुरू हो जाने से इससे पुरी तरह से छुटकारा पाया जा सकता है.
दुनिया भर में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान तथा कार्यक्रम चलाए जाने का नतीजा है कि महिलायें इस रोग को लेकर सचेत रवैया अपनाने लगीं हैं. लेकिन यह जागरूकता ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में ही देखने को मिलती है. छोटे शहरों और देश के गांवों में अभी भी स्तन कैंसर के लक्षणों और उसके इलाज को लेकर लोग अधिक जागरुक नहीं हैं. इसीलिए दुनिया भर में सभी बड़े, छोटे शहरों में स्तन कैंसर को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल अक्टूबर माह को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है.
क्या कहते हैं आंकड़े
विश्व कैंसर अनुसंधान निधि के अनुसार वर्ष 2018 में पूरे विश्व में 2 मिलियन से अधिक स्तन कैंसर के मामले देखे गए थे. वहीं 2020 तक स्तन कैंसर के लगभग 19.3 मिलियन मामले संज्ञान में आये. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ ) ने स्तन कैंसर से वैश्विक स्तर पर निपटने के लिए नौ मार्च को एक नए अभियान की शुरुआत की थी . जिसका उद्देश्य वर्ष 2040 तक स्तन कैंसर से होने वाली मौतों को ढाई फीसदी कम करना है.
क्या है स्तन कैंसर
ब्रैस्ट कैंसर, स्तन के कोशिकाओं के असाधारण रूप से विकसित होने की अवस्था में पनपना शुरू होता है. यही कोशिकाएं बाद में टयूमर के रूप में विकसित होने लगती हैं जिन्हे स्तन में गांठ के रूप में महसूस भी किया जा सकता है.
यहां यह जानना बहुत जरूरी है की स्तन में हर गांठ कैंसर नहीं होती है , लेकिन फिर भी सावधानी स्वरूप इनकी जांच करवाना बेहतर होता है . स्तन कैंसर की जानकारी यदि पहली स्टेज में ही लग जाये तो दवाइयों और थेरेपी की मदद से उसका जड़ से निस्तारण संभव है. लेकिन यह भी सत्य है की इसका इलाज सरल नही होता है.
ब्रेस्ट कैंसर की 4 स्टेज होती है. अगर कैंसर पहली स्टेज यानी शुरुआती अवस्था में है तो मरीज के ठीक होने की उम्मीद 80% तक होती है. दूसरी स्टेज में 60% से 70% फीसदी तक ठीक होने की सम्भावना रहती है. कैंसर की तीसरी या चौथी स्टेज में इलाज थोड़ा कठिन हो जाता है.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
शुरुआती दौर में लक्षण नजर आने के उपरांत मैमोग्राम जांच के माध्यम से स्तन कैंसर होने का पता लगाया जा सकता है. लेकिन जरूरी है की महिलायें अपने स्तनों में जरा सी असमानता को भी अनदेखा न करें. अलग-अलग महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण भी अलग पाए जाते हैं. इंडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार स्तन कैंसर के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं .
- स्तन में गांठ होना
- निप्पल के आकार या त्वचा के रंग में बदलाव होना
- स्तन का सख्त होना
- निप्पल पर खुजली
- निप्पल से रक्त या द्रव्य निकलना
- स्तन में दर्द
- बाहों के नीचे गांठ
- स्तन में सूजन आना
स्तन कैंसर के कारण
शारीरिक अस्वस्थता के अलावा स्तन कैंसर के लिये आनुवांशिक कारणों को भी जिम्मेदार माना जाता है. आमतौर यदि परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास रहा हो तो काफी आशंका है की अन्य पीढ़ी के लोगों में यह रोग नजर आए. ऐसे लोगों के लिये चिकित्सक बगैर लक्षण नजर आए भी नियमित तौर पर जांच करने की सलाह देते हैं. इसके अतिरक्त स्तन कैंसर के प्रमुख कारण इस प्रकार है.
- स्तन की कोशिकाओं का असमय विकास
- हार्मोन असंतुलन
- अनियमित जीवनशैली
- स्तनपान कम करवाना या ना करवाना
- ओबेसिटी या मोटापा
- असंतुलित खानपान
- गर्भनिरोधक दवाएं लेने पर
- नशे और धूम्रपान की आदत
- व्यायाम न करना
- अधिक उम्र में गर्भधारण करना या शिशु को जन्म देना
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