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Zero Malaria : मलेरिया को खत्म करने का समय आ गया है,जानिए विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम व इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2007 में आयोजित विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तावित किया गया था. उसके बाद 25 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मलेरिया दिवस के रूप में घोषित किया गया . विश्व मलेरिया दिवस पहली बार 2001 में विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में मनाया गया था. Time to deliver zero malaria invest innovate implement theme for World Malaria Day 2023 .

Time to deliver zero malaria invest innovate implement theme for World Malaria Day 2023
विश्व मलेरिया दिवस 2023
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Published : Apr 25, 2023, 10:03 AM IST

विश्व मलेरिया दिवस : दुनिया भर में हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है और आम लोगों को दुनिया को मलेरिया मुक्त बनाने के महत्व को याद दिलाने का प्रयास किया जाता है. मच्छर जनित इस बीमारी से बच्चों से लेकर बूढ़ों तक लाखों लोगों की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के तत्वावधान में, मलेरिया की रोकथाम और जागरूकता में शामिल सभी सदस्य राज्यों और अन्य संगठनों द्वारा यह दिन मनाया जाता है.

क्यों मनाया जाता है: गर्मी का मौसम कई समस्याओं के साथ आता है और मलेरिया उनमें से एक है. नागरिकों के बीच मलेरिया बुखार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. गर्मी के मौसम में मच्छरों से तरह-तरह की बीमारियां होती हैं. आंकड़ों के मुताबिक मलेरिया से हर साल सात लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2007 में आयोजित विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तावित किया गया था. उसके बाद 25 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मलेरिया दिवस के रूप में घोषित किया गया . इसके बाद अफ्रीका में आयोजित एक सम्मेलन में 44 मलेरिया प्रभावित देशों ने भाग लिया. विश्व मलेरिया दिवस पहली बार 2001 में विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में मनाया गया था, तभी से विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम- Time to deliver zero malaria: invest, innovate, implement ( मलेरिया को खत्म करने के लिए निवेश करें, नया करें, लागू करें ) है .

मलेरिया बुखार एक संक्रामक रोग (Infectious disease) है,यह रोग मादा एनोफिलीज मच्छर ( Anopheles mosquito ) के काटने से फैलता है. Female Anopheles mosquitoes (मादा एनोफिलीज मच्छर ) अपनी लार ( saliva ) के माध्यम से मलेरिया फैलाने वाले Plasmodium parasite ( प्लाज्मोडियम परजीवी ) का संचार करती हैं. मादा एनोफिलीज गड्ढों, नदी नालों, सिंचाई नहरों, धान के खेतों, कुओं, उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों, तालाबों, रेतीले तटों और अशुद्ध पानी वाले क्षेत्रों में प्रजनन करती है. मादा एनोफिलीज मच्छर ज्यादातर सुबह और शाम के वक्त काटते हैं. साथ ही शहरीकरण, औद्योगीकरण, वनों की कटाई और निर्माण परियोजनाओं जैसी मानवीय गतिविधियों में वृद्धि के कारण समस्या बढ़ी है.

मलेरिया के लक्षण:
मलेरिया का सबसे खतरनाक रूप या प्लाज्मोडियम विवैक्स ( P vivax or Plasmodium vivax) और पी फाल्सीपेरम ( Plasmodium falciparum ) मलेरिया है. इन रोगों के लक्षणों में ठंड लगना, तेज बुखार, सिरदर्द और सनसनी या उल्टी की घटना शामिल है. इस स्थिति का जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए अन्यथा जटिलताएं बढ़ सकती हैं और लोगों की मृत्यु हो सकती है. यदि मलेरिया बिगड़ जाता है, तो इससे पीलिया, एनीमिया और लीवर या किडनी की समस्या जैसी समस्याएं हो सकती हैं. Time to deliver zero malaria invest innovate implement theme for World Malaria Day 2023

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विश्व मलेरिया दिवस : दुनिया भर में हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है और आम लोगों को दुनिया को मलेरिया मुक्त बनाने के महत्व को याद दिलाने का प्रयास किया जाता है. मच्छर जनित इस बीमारी से बच्चों से लेकर बूढ़ों तक लाखों लोगों की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के तत्वावधान में, मलेरिया की रोकथाम और जागरूकता में शामिल सभी सदस्य राज्यों और अन्य संगठनों द्वारा यह दिन मनाया जाता है.

क्यों मनाया जाता है: गर्मी का मौसम कई समस्याओं के साथ आता है और मलेरिया उनमें से एक है. नागरिकों के बीच मलेरिया बुखार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. गर्मी के मौसम में मच्छरों से तरह-तरह की बीमारियां होती हैं. आंकड़ों के मुताबिक मलेरिया से हर साल सात लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2007 में आयोजित विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तावित किया गया था. उसके बाद 25 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मलेरिया दिवस के रूप में घोषित किया गया . इसके बाद अफ्रीका में आयोजित एक सम्मेलन में 44 मलेरिया प्रभावित देशों ने भाग लिया. विश्व मलेरिया दिवस पहली बार 2001 में विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में मनाया गया था, तभी से विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम- Time to deliver zero malaria: invest, innovate, implement ( मलेरिया को खत्म करने के लिए निवेश करें, नया करें, लागू करें ) है .

मलेरिया बुखार एक संक्रामक रोग (Infectious disease) है,यह रोग मादा एनोफिलीज मच्छर ( Anopheles mosquito ) के काटने से फैलता है. Female Anopheles mosquitoes (मादा एनोफिलीज मच्छर ) अपनी लार ( saliva ) के माध्यम से मलेरिया फैलाने वाले Plasmodium parasite ( प्लाज्मोडियम परजीवी ) का संचार करती हैं. मादा एनोफिलीज गड्ढों, नदी नालों, सिंचाई नहरों, धान के खेतों, कुओं, उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों, तालाबों, रेतीले तटों और अशुद्ध पानी वाले क्षेत्रों में प्रजनन करती है. मादा एनोफिलीज मच्छर ज्यादातर सुबह और शाम के वक्त काटते हैं. साथ ही शहरीकरण, औद्योगीकरण, वनों की कटाई और निर्माण परियोजनाओं जैसी मानवीय गतिविधियों में वृद्धि के कारण समस्या बढ़ी है.

मलेरिया के लक्षण:
मलेरिया का सबसे खतरनाक रूप या प्लाज्मोडियम विवैक्स ( P vivax or Plasmodium vivax) और पी फाल्सीपेरम ( Plasmodium falciparum ) मलेरिया है. इन रोगों के लक्षणों में ठंड लगना, तेज बुखार, सिरदर्द और सनसनी या उल्टी की घटना शामिल है. इस स्थिति का जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए अन्यथा जटिलताएं बढ़ सकती हैं और लोगों की मृत्यु हो सकती है. यदि मलेरिया बिगड़ जाता है, तो इससे पीलिया, एनीमिया और लीवर या किडनी की समस्या जैसी समस्याएं हो सकती हैं. Time to deliver zero malaria invest innovate implement theme for World Malaria Day 2023

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