राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह : क्या आप जानते हैं कि स्तन कैंसर के कई प्रकारों में यदि समय पर जांच व इलाज हो जाए तो रोग का निदान संभव है! स्तन कैंसर को महिलाओं में देखे जाने वाले सबसे आम कैंसर के प्रकारों में से एक माना जाता है. चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ सालों में इससे पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. लेकिन इस चिंता के साथ राहत की एक बात यह भी है कि स्तन कैंसर के कुछ मामलों में सही समय पर जांच व सही इलाज से इस रोग का निदान संभव है.
ज्यादा से ज्यादा लोग इस रोग इस रोग के लक्षणों को लेकर सचेत हो सके जिससे समय रहते वे इस रोग का इलाज करवा सकें, इसके लिए स्तन कैंसर के लक्षणों तथा जांच व इलाज के बारे में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है. गौरतलब है कि अक्टूबर को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है. यह आयोजन जिसे पिंक टोबर या पिंक अक्टूबर ( Pinktober ) नाम से भी जाना जाता है, दुनियाभर में विभिन्न संस्थाओं व संगठनों को स्तन कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने का मौका तथा इस संबंध में इलाज व अन्य जरूरी मुद्दों को लोगों के संज्ञान में लाने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है.
क्या कहते हैं आँकड़े
दुनिया भर में महिलाओं में पिछले कुछ सालों में स्तन कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही हैं. हालांकि ऐसा नहीं है की पुरुषों में स्तन कैंसर नहीं होता है. लेकिन पुरुषों में स्तन कैंसर से जुड़े मामले काफी कम देखे जाते है. विशेषतौर पर भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर से जुड़े आंकड़ों की माने तो भारत में महिलाओं में कैंसर के कुल मामलों में से 14% स्तन कैंसर के मामले होते हैं. इसलिए स्तन कैंसर को महिलाओं में सबसे प्रचलित कैंसर में से एक माना जाता है.
हर साल समय पर जांच व इलाज के अभाव में बड़ी संख्या में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलायें या तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करती हैं या कई बार जान भी गंवा देती हैं. विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संगठनों द्वारा उपलब्ध आंकड़ों की माने तो भारत में हर चार मिनट में एक महिला में स्तन कैंसर के होने की पुष्टि होती है. ऐसा नहीं है कि स्तन कैंसर के मामले सिर्फ सिर्फ शहरों में ज्यादा देखने सुनने में आते हैं. स्तन कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की माने तो वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर 2.3 मिलियन महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान किया गया था, वहीं इस वर्ष तक इस रोग के कारण लगभग 685,000 मौतें भी हुईं थी. वहीं वर्ल्ड हेल्थ सोसाइटी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में लगभग 1,62,468 स्तन कैंसर के मामले सामने आए थे. जिनमें से इस बीमारी के कारण 87,090 महिलाओं की मृत्यु की जानकारी मिली है. लेकिन इन आंकड़ों के बीच राहत पहुंचाने वाली बात है कि उच्च आय वाले देशों में स्तन कैंसर मृत्यु दर में 1980 और 2020 के बीच लगभग 40% तक की गिरावट देखी गई. वहीं उन्नत चिकित्सा पद्धतियों की मदद से प्रतिवर्ष वार्षिक स्तन कैंसर मृत्यु दर में भी कमी देखने में आ रही है.
बढ़ रही है जागरूकता
चिकित्सकों व विभिन्न स्वास्थ्य व समाजसेवी संस्थाओं के प्रयास, सोशल नेटवर्किंग साइट्स तथा अन्य माध्यमों पर विभिन्न जागरूकता अभियानों तथा अन्य प्रयासों का नतीजा है कि पहले के मुकाबले लोगों में स्तन कैंसर को लेकर जानकारी व जागरूकता, दोनों देखने में आ रही है. बहुत से अब लोग जानने लगे हैं कि स्तन कैंसर एक इलाज योग्य बीमारी है और अगर समय पर इसका पता चल जाए तो इसके कई प्रकारों में पीड़ित के बचने की संभावना काफी बढ़ सकती है.
चिकित्सकों की भी माने तो स्तन कैंसर से जुड़े लक्षणों को लेकर विशेषतौर पर युवा महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है. वहीं महिलाओं में स्तन कैंसर की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट कराने वालों की संख्या भी पहले के मुकाबले बढ़ी है. लेकिन यह जागरूकता शहरी क्षेत्रों की महिलाओं में अपेक्षाकृत ज्यादा देखने में आ रही है. शहरी तथा ग्रामीण सभी क्षेत्रों में , महिलाओं तथा पुरुषों सभी में स्तन कैंसर के लक्षणों तथा जांच व इलाज के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैल सके, इसलिए इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए सतत प्रयास की काफी ज्यादा जरूरत है.
इतिहास, महत्व तथा उद्देश्य
भले ही वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है लेकिन आम लोगों में कैंसर का डर आज भी काफी नजर आता है. ऐसे में सिर्फ रोग के लक्षणों की जानकारी के साथ जांच व इलाज के बारें में जागरूकता फैलाना ही नहीं , इस रोग से जुड़े भ्रमों तथा गलतफहमियों को दूर करने के प्रयास करना और साथ ही इस रोग से संघर्ष के दौरान पीड़ित व उसके परिजनों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किस प्रकार के प्रयास किए जा सकते हैं इस बारे में भी जागरूकता फैलाना इस आयोजन के मुख्य उद्देश्यों में शामिल है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह को मनाए जाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 1985 में अमेरिकन कैंसर सोसाइटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा की गई थी. इस वर्ष यह आयोजन 'थ्राईव 365' थीम के साथ मनाया जा रहा है. ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह के दौरान दुनिया भर में मैराथन, सेमीनर, गोष्ठियों , पोस्टर व वाद-विवाद प्रतियोगिताओं व जांच शिविरों जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. Thrive 365 . Breast cancer awareness month . pinktober .