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दिल्ली में कोरोना की चपेट में आने वाले पहले डॉक्टर को मिली वैक्सीन - कोरोनावायरस महामारी

पिछले साल कोरोनावायरस महामारी की शुरूआत में इलाज करने के दौरान संक्रमित हुए दिल्ली के पहले डॉक्टर को टीके की पहली खुराक दी गई है. उन्होंने वैक्सीन की खुराक लेकर खुशी जाहिर करते हुए टीके को सुरक्षित बताया है और लोगों को आगे आकर खुराक लेने का आग्रह किया है.

Doctor received the first jab of vaccine
डॉक्टर को मिली वैक्सीन की पहली खुराक
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Published : Jan 27, 2021, 8:29 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल मार्च में कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आने वाले पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर को सोमवार को कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई. वह खुशी से झूम उठे. पूर्वी दिल्ली के एक मोहल्ला क्लीनिक में तैनात गोपाल झा 12 मार्च को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. सऊदी अरब की यात्रा कर लौटी एक संक्रमित महिला इलाज के लिए क्लीनिक पहुंची थी. उसके संपर्क में आने पर वह संक्रमित हो गए थे. ठीक होने में उन्हें दो सप्ताह लगे थे.

झा ने आईएएनएस को बताया, 'जिस महिला का इलाज करते हुए मैं संक्रमित हुआ, वह भारत में कोविड-19 का 10वां मामला था. मैं दिल्ली में संक्रमित होने वाले डॉक्टरों में पहला व्यक्ति था. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आज टीका लगने के बाद मैं प्रफुल्लित महसूस कर रहा हूं. मेरा परिवार भी अब चिंतामुक्त हो गया है.'

उनकी पत्नी अल्पना झा, जो जाफराबाद क्षेत्र में एक मोहल्ला क्लिनिक में काम करती हैं, उन्हें भी टीका लगाया गया है. वह अपनी बेटी के साथ मार्च में ही संक्रमित हो गई थी.

51 वर्षीय डॉक्टर ने कहा कि उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है और इसे लेने के बाद उन्हें कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि वे वैक्सीन लें, संकोच ना करें.'

झा ने कहा कि जब भी उनकी बारी आएगी, तो वह अपनी 87 वर्षीय मां, जो लंबे समय से फेफड़े संबंधी बीमारी से जूझ रही हैं, उन्हें भी वैक्सीन दिए जाने पर जोर देंगे.

उन्होंने कहा, 'टीके सुरक्षित हैं, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोहराया है कि वैक्सीन (टीका) दिए जाने के बाद लोगों को मामूली दुष्प्रभाव जैसे बुखार, दर्द, सिरदर्द, उल्टी, मितली आदि की शिकायत हो सकती है.

झा ने कहा, 'मामूली दुष्प्रभाव होना सामान्य बात है.'

उन्होंने याद किया कि कैसे वह 12 मार्च 2020 को वायरस की चपेट में आ गए थे. झा ने कहा, 'एक महिला क्लिनिक में सांस लेने में कठिनाई, खांसी और बुखार की शिकायत लेकर आई थी. जैसे ही उसने कहा कि वह सऊदी अरब से लौटी है, मैंने उसे एक मास्क दिया और खुद भी एन95 मास्क पहना.'

डॉक्टर ने कहा, 'हमारे मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ने बाद में मुझे सूचित करने के लिए फोन किया कि वह रोगी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गई है.'

यह सुनने के बाद झा गुरु तेग बहादुर अस्पताल में जांच के लिए गए. उनके परिवार ने भी परीक्षण के लिए अपने नमूने दिए. उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी.

राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल मार्च में कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आने वाले पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर को सोमवार को कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई. वह खुशी से झूम उठे. पूर्वी दिल्ली के एक मोहल्ला क्लीनिक में तैनात गोपाल झा 12 मार्च को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. सऊदी अरब की यात्रा कर लौटी एक संक्रमित महिला इलाज के लिए क्लीनिक पहुंची थी. उसके संपर्क में आने पर वह संक्रमित हो गए थे. ठीक होने में उन्हें दो सप्ताह लगे थे.

झा ने आईएएनएस को बताया, 'जिस महिला का इलाज करते हुए मैं संक्रमित हुआ, वह भारत में कोविड-19 का 10वां मामला था. मैं दिल्ली में संक्रमित होने वाले डॉक्टरों में पहला व्यक्ति था. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आज टीका लगने के बाद मैं प्रफुल्लित महसूस कर रहा हूं. मेरा परिवार भी अब चिंतामुक्त हो गया है.'

उनकी पत्नी अल्पना झा, जो जाफराबाद क्षेत्र में एक मोहल्ला क्लिनिक में काम करती हैं, उन्हें भी टीका लगाया गया है. वह अपनी बेटी के साथ मार्च में ही संक्रमित हो गई थी.

51 वर्षीय डॉक्टर ने कहा कि उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है और इसे लेने के बाद उन्हें कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि वे वैक्सीन लें, संकोच ना करें.'

झा ने कहा कि जब भी उनकी बारी आएगी, तो वह अपनी 87 वर्षीय मां, जो लंबे समय से फेफड़े संबंधी बीमारी से जूझ रही हैं, उन्हें भी वैक्सीन दिए जाने पर जोर देंगे.

उन्होंने कहा, 'टीके सुरक्षित हैं, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोहराया है कि वैक्सीन (टीका) दिए जाने के बाद लोगों को मामूली दुष्प्रभाव जैसे बुखार, दर्द, सिरदर्द, उल्टी, मितली आदि की शिकायत हो सकती है.

झा ने कहा, 'मामूली दुष्प्रभाव होना सामान्य बात है.'

उन्होंने याद किया कि कैसे वह 12 मार्च 2020 को वायरस की चपेट में आ गए थे. झा ने कहा, 'एक महिला क्लिनिक में सांस लेने में कठिनाई, खांसी और बुखार की शिकायत लेकर आई थी. जैसे ही उसने कहा कि वह सऊदी अरब से लौटी है, मैंने उसे एक मास्क दिया और खुद भी एन95 मास्क पहना.'

डॉक्टर ने कहा, 'हमारे मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ने बाद में मुझे सूचित करने के लिए फोन किया कि वह रोगी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गई है.'

यह सुनने के बाद झा गुरु तेग बहादुर अस्पताल में जांच के लिए गए. उनके परिवार ने भी परीक्षण के लिए अपने नमूने दिए. उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी.

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