लगभग साल की शुरुआत से ही पूरा विश्व कोरोना महामारी से एक जंग लड़ रहा है. लेकिन इतने महीनों के बाद भी यह जंग खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. बल्कि इतना समय बीत जाने के बाद भी कोविड-19 पर रोक लगाना दुनिया भर के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है. जंगल में आग की तरह फैलते इस संक्रमण की वजह से दुनिया भर में लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं. इस महामारी के डर से कोई भी अछूता नहीं है. उस पर मानसून के कारण मौसम के लगातार बदलते रंगों से दो-चार हो रहे लोग अब मानसून बीमारियों तथा संक्रमणों से भी डरने लगे हैं. साथ ही यह डर भी सता रहा है की कहीं कोरोना के दौर में मानसून बीमारियों के चलते उन्हें ज्यादा समस्याओं का सामना तो नहीं करना पड़ेगा? कोरोना काल में मौसमी बीमारियों व संक्रमणों के असर को लेकर ETV भारत सुखीभवा टीम ने अपने विशेषज्ञ एमबीबीएस, एमडी (मेडिसन) डॉ. संजय के. जैन से बात की.
कैसे फैलता है मानसून संक्रमण
मानसून संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. जैन ने बताया की मौसम में बदलाव ही मानसून बीमारियों का कारण है. कभी उमस और कभी बरसात के कारण मौसम में बढ़ती ठंडक और नमी के चलते हमारे शरीर का तापमान भी बदलता रहता है. इसके अलावा कई बार बारिश में भीग जाने के कारण भी लोगों को जुखाम, बुखार तथा डायरिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दरअसल हमारे शरीर में बहुत से वायरस तथा बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, जिन्हें कॅमेन्सॅल कहा जाता है. ये बारिश में भीगने या मौसम के बदलने के चलते शरीर के तापमान में आने वाले बदलाव के कारण सक्रिय हो जाते है और मानसून बीमारियों का कारण बनते हैं. इनमें से कफ, जुकाम, बुखार जिसे साधारण शब्दों में सर्दी होना भी कहते है, फैलने वाला संक्रमण होता है.
कैसे करें बचाव
इन मानसून बीमारियों तथा उनसे फैलने वाले संक्रमणों के बीच आजकल एक बड़ा खतरा कोरोना का भी है. ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि बीमार होने के बाद इलाज कराने के बारे में सोचने की बजाय बीमार होने से बचने के बारे में सोचा जाए. किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए क्या तरीके अपनाने चाहिए, इस बारे में डॉ. जैन ने जानकारी दी.
- आपने हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर में पानी और साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक मल-मल कर धोएं, या फिर अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग करें.
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें यानि दो लोगों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखें. और भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें.
- आपके आसपास यदि कोई व्यक्ति खांसता या छींकता हुआ नजर आए या फिर किसी को कफ की समस्या हो, तो उससे दूरी बना कर रखें.
- घर से बाहर बगैर मास्क के या फिर नाक व मुंह ढके बिना ना निकलें.
- घर हो या फिर बाहर, अपने आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- अपने आसपास के वातावरण और मौसम को लेकर सचेत रहें और कोशिश करें की बदलते तापमान का आपके शरीर पर ज्यादा असर ना पड़े. बारिश से बचने के लिए हमेशा छाता या फिर रेनकोट अपने पास रखें.
- सिर्फ घर का बना ताजा और हल्का भोजन ग्रहण करने को कोशिश करें और बाहर के खाने को बाय-बाय बोल दें.
- संक्रमणों से बचने के लिए जरूरी है की शरीर को पूरा आराम मिले तभी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. देर तक जागने की आदत छोड़ कर पूरी और गहरी नींद लेने की कोशिश करें.
- शरीर तथा उसके सभी तंत्रों जैसे पाचन तंत्र, स्वसन तंत्र तथा तंत्रिका तंत्र आदि सही तरीके से काम करते रहें, इसके लिए योग तथा व्यायाम बहुत जरूरी है.
- जो व्यक्ति पहले से ही मधुमेह या रक्तचाप जैसे बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए तो इस मौसम में खुद की देखभाल करना और भी अधिक जरूरी हो जाता है. ऐसे में बहुत जरूरी है की पीड़ित नियमित तौर पर आपनी जांच करवाए और अपनी दवाइयों का नियमित सेवन करे. खानपान का ज्यादा ध्यान रखें और हल्की सी परेशानी महसूस होते ही तुरंत अपने चिकित्सक से बात करें.
डॉ. जैन कहते है की देर हो या सबेर हम कोरोना को हरा देंगे. लेकिन अभी हाल फिलहाल में ऐसा होना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है की हम कोविड-19 के साथ जीना सीख लें. ज्यादा सचेत रहें, सावधान रहें तथा नियमों का पालन करें. तभी मानसून संक्रमण हो या कोरोना सभी से जीत पाएंगे.