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क्यों होता हैं साइटिका का दर्द ?

साइटिका को साधारण जन हमेशा सिर्फ कमर दर्द से जोड़कर देखते हैं लेकिन ज्यादातर लोगों को यह जानकारी नहीं है कि यह समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो व्यक्ति के मल मूत्र जैसे नित्य कर्म को प्रभावित करती है साथ ही कई बार इस समस्या के चलते मनुष्य के पांव में लकवे जैसी स्थिति तक उत्पन्न हो सकती है।

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Back Pain- Sciatica
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Published : Nov 24, 2020, 10:48 AM IST

आजकल बहुत से लोग कमर में दर्द की शिकायत करते हैं, कई बार यह दर्द हमारी जीवनशैली में असंतुलन का नतीजा होती है तो कई बार हमारे शरीर की हड्डियों या तंत्रिकाओं में किसी कमी की वजह से होता है । साइटिका का दर्द भी हमारे शरीर की सायटिक तंत्रिका में होने समस्या का नतीजा होता है। क्यों होता है साइटिका का दर्द, उसके लक्षण तथा उसके कारणों के बारे में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हेम जोशी ने ईटीवी भारत सुखीभवा की टीम को विस्तार से जानकारी दी ।

क्या हैं साइटिका

साइटिका के बारे में जानकारी देते हुए डॉ हेम जोशी ने बताया की साइटिका नसों में होने वाला ऐसा दर्द है जो कमर के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों के नीचे तक जाता है। दरअसल साइटिक एक तंत्रिका का नाम है जो रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर कूल्हों और नितंबों के माध्यम से चलती हुई दोनों पैर में नीचे की तरफ जाती हैं । जब इस तंत्रिका में कोई समस्या उत्पन्न होती है यह किसी कारणवश यह नस दबने लगती है तब साइटिका का दर्द महसूस होना शुरू होता है। समस्या बढ़ने पर दर्द के साथ-साथ पाँव कई बार सुन्न भी पड़ जाता है। डॉक्टर जोशी बताते हैं कि समस्या ज्यादा बढ़ने पर कहीं पर फुट ड्रॉप होने या लकवा जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो जाती हैं जो काफी चिंतनीय अवस्था होती हैं ।

लक्षण

डॉ जोशी बताते हैं कि यदि आपको कमर में दर्द महसूस होता है या आपको किसी एक पांव में कमर का दर्द पांव में नीचे की तरफ जाता महसूस होता है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह साधारण कमर दर्द के बजाय साइटिका का दर्द हो सकता है। किसी एक कूल्हे और पांव में दर्द के अलावा और भी कुछ लक्षण हैं जिनकी नजर में आने या महसूस होने पर चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। यह लक्षण इस प्रकार हैं ।

  • कमर से पाँव की तरफ दर्द की लहर जाना, जो हिलने डुलने पर असहनीय हो जाता ।
  • बैठने पर किसी एक को लेने सारा दर्द महसूस होना।
  • लेटने तथा बैठ कर उठने के बाद चलने में किसी एक पाव में ज्यादा दर्द का महसूस होना या पिंडलियों तक नसों में खिंचाव महसूस होना।
  • बहुत देर तक बैठे रहने के बाद अपने आप किसी एक पैर का सुन्न हो जाना तथा पांव में सुई की चुभन जैसी अनुभूति होना।
  • मल मूत्र जैसी नित्य कर्म पर नियंत्रण में कमी होना।

कारण

सायटिक तंत्रिका में समस्या होना साइटिका दर्द का एकमात्र कारण नहीं होता है। हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी या विभिन्न तंत्रिकाओं से संबंधित विभिन्न समस्याओं के कारण भी साइटिका का दर्द हो सकता है। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

  • हर्नियेटेड डिस्क्स:- इसे स्लिप डिस्क भी कहते है। इस अवस्था में कमर से नीचे के हिस्से में पाँव से पंजे तक दर्द होने लगता हैं । साइटिका के अधिकांश मामलों में कारण यही समस्या होती है।
  • स्पाइनल स्टेनोसिस:- रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में संकुचन के कारण रीड की हड्डी उसके आसपास की नसों और सायटिक नस पर दबाव पड़ता हैं.
  • स्पोन्डयलोलिस्थेसिस:- स्पोन्डयलोलिस्थेसिस, डिजेनेरेटिव डिस्क विकार सम्बंधित स्थितियों में से एक है।
  • पिरिफोर्मिस सिंड्रोम:- पिरिफोर्मिस सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोमस्कुलर विकार है, जिसमें साइटिका के कारण आपकी पिरिफोर्मिस मांसपेशियां अनायास ही संकुचित या कस जाती है। आपकी पिरफॉर्मिस मांसपेशी वह मांसपेशी है जो आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को जांघों से जोड़ती है। जब यह कड़ी हो जाती है, तो यह आपकी साइटिक तंत्रिका पर दबाव डालता है, जिससे साइटिका हो जाती है।

इसके अतिरिक्त कई बार यदि साइटिक नस पर गलती से ऐसा इंजेक्शन लग जाए जिसमें स्ट्रांग केमिकल हो या किसी प्रकार का ट्यूमर साइटिक नस को दबा रहा हो तो भी यह समस्या हो सकती है।

आजकल बहुत से लोग कमर में दर्द की शिकायत करते हैं, कई बार यह दर्द हमारी जीवनशैली में असंतुलन का नतीजा होती है तो कई बार हमारे शरीर की हड्डियों या तंत्रिकाओं में किसी कमी की वजह से होता है । साइटिका का दर्द भी हमारे शरीर की सायटिक तंत्रिका में होने समस्या का नतीजा होता है। क्यों होता है साइटिका का दर्द, उसके लक्षण तथा उसके कारणों के बारे में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हेम जोशी ने ईटीवी भारत सुखीभवा की टीम को विस्तार से जानकारी दी ।

क्या हैं साइटिका

साइटिका के बारे में जानकारी देते हुए डॉ हेम जोशी ने बताया की साइटिका नसों में होने वाला ऐसा दर्द है जो कमर के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों के नीचे तक जाता है। दरअसल साइटिक एक तंत्रिका का नाम है जो रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर कूल्हों और नितंबों के माध्यम से चलती हुई दोनों पैर में नीचे की तरफ जाती हैं । जब इस तंत्रिका में कोई समस्या उत्पन्न होती है यह किसी कारणवश यह नस दबने लगती है तब साइटिका का दर्द महसूस होना शुरू होता है। समस्या बढ़ने पर दर्द के साथ-साथ पाँव कई बार सुन्न भी पड़ जाता है। डॉक्टर जोशी बताते हैं कि समस्या ज्यादा बढ़ने पर कहीं पर फुट ड्रॉप होने या लकवा जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो जाती हैं जो काफी चिंतनीय अवस्था होती हैं ।

लक्षण

डॉ जोशी बताते हैं कि यदि आपको कमर में दर्द महसूस होता है या आपको किसी एक पांव में कमर का दर्द पांव में नीचे की तरफ जाता महसूस होता है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह साधारण कमर दर्द के बजाय साइटिका का दर्द हो सकता है। किसी एक कूल्हे और पांव में दर्द के अलावा और भी कुछ लक्षण हैं जिनकी नजर में आने या महसूस होने पर चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। यह लक्षण इस प्रकार हैं ।

  • कमर से पाँव की तरफ दर्द की लहर जाना, जो हिलने डुलने पर असहनीय हो जाता ।
  • बैठने पर किसी एक को लेने सारा दर्द महसूस होना।
  • लेटने तथा बैठ कर उठने के बाद चलने में किसी एक पाव में ज्यादा दर्द का महसूस होना या पिंडलियों तक नसों में खिंचाव महसूस होना।
  • बहुत देर तक बैठे रहने के बाद अपने आप किसी एक पैर का सुन्न हो जाना तथा पांव में सुई की चुभन जैसी अनुभूति होना।
  • मल मूत्र जैसी नित्य कर्म पर नियंत्रण में कमी होना।

कारण

सायटिक तंत्रिका में समस्या होना साइटिका दर्द का एकमात्र कारण नहीं होता है। हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी या विभिन्न तंत्रिकाओं से संबंधित विभिन्न समस्याओं के कारण भी साइटिका का दर्द हो सकता है। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

  • हर्नियेटेड डिस्क्स:- इसे स्लिप डिस्क भी कहते है। इस अवस्था में कमर से नीचे के हिस्से में पाँव से पंजे तक दर्द होने लगता हैं । साइटिका के अधिकांश मामलों में कारण यही समस्या होती है।
  • स्पाइनल स्टेनोसिस:- रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में संकुचन के कारण रीड की हड्डी उसके आसपास की नसों और सायटिक नस पर दबाव पड़ता हैं.
  • स्पोन्डयलोलिस्थेसिस:- स्पोन्डयलोलिस्थेसिस, डिजेनेरेटिव डिस्क विकार सम्बंधित स्थितियों में से एक है।
  • पिरिफोर्मिस सिंड्रोम:- पिरिफोर्मिस सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोमस्कुलर विकार है, जिसमें साइटिका के कारण आपकी पिरिफोर्मिस मांसपेशियां अनायास ही संकुचित या कस जाती है। आपकी पिरफॉर्मिस मांसपेशी वह मांसपेशी है जो आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को जांघों से जोड़ती है। जब यह कड़ी हो जाती है, तो यह आपकी साइटिक तंत्रिका पर दबाव डालता है, जिससे साइटिका हो जाती है।

इसके अतिरिक्त कई बार यदि साइटिक नस पर गलती से ऐसा इंजेक्शन लग जाए जिसमें स्ट्रांग केमिकल हो या किसी प्रकार का ट्यूमर साइटिक नस को दबा रहा हो तो भी यह समस्या हो सकती है।

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