ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम में परिवर्तन हो या प्रदूषण, साधारण फ्लू या वायरल संक्रमण हो या फिलहाल की परिस्थिति को देखते हुए कोरोना, सभी का सबसे ज्यादा असर मनुष्य के श्वसन तंत्र विशेषकर फेफड़ों पर पड़ता है.
फेफड़ों के स्वास्थ्य को कुछ बातों को ध्यान में रख कर स्वस्थ रखा जा सकता है. खासतौर पर कुछ विशेष प्रकार के भोजन को अपनी नियमित खुराक में शामिल कर हम फेफड़ों से संबंधित कुछ समस्याओं से बच सकते है.
फाइबर युक्त भोजन
फाइबर युक्त भोजन सिर्फ फेफड़ों ही नहीं, बल्कि हमारे पाचन तंत्र और हृदय के लिए भी जरूरी होता है. जानकार बताते है की फाइबर से भरपूर भोजन खाने वालों के फेफड़े सबसे स्वस्थ होते हैं. फाइबर युक्त भोजन में साबुत गेहूं, साबुत अनाज, फल, स्पेगेटी, बेक्ड बीन्स, चिया बीज, क्विनोआ, नाशपाती और ब्रोकली शामिल कर सकते हैं.
साबुत या मोटा अनाज हो भोजन में शामिल
बेहतर स्वास्थ्य को लेकर सजग लोग आजकल होल ग्रेन को अपने खाने में तवज्जो देते है. इस बात को चिकित्सक भी मानते हैं की होल ग्रेन्स यानी कि साबुत अनाज का सेवन स्वास्थ के लिए बेहतरीन है. साथ ही इससे आपके फेफड़े भी स्वस्थ रहते हैं. होल ग्रेन्स में ब्राउन राइस, चोकर वाले गेहूं के आटे की रोटी, गेहूं का पास्ता, जई, क्विनोआ और जौ शामिल हैं. साबुत अनाज में फाइबर, विटामिन ई, सेलेनियम, एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक फैटी एसिड होते हैं.
धूम्रपान और नशीले पदार्थों से दूरी
फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है सिगरेट, शराब या किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहा जाए. भूम्रपान से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है. इस बारे में ज्यादातर लोग जानते है, लेकिन यह जानना भी जरूरी है की शराब में उपस्थित सल्फेट्स अस्थमा के लक्षणों को बढ़ावा दे सकता है. अगर आप शराब लगातार पीते हैं, तो आपको निमोनिया की समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है. इसके अलावा नशा चाहे किसी भी प्रकार का हो, किसी ना किसी तरीके से हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता ही है. इसलिए नशे से दूरी जरूरी है.
कॉफी से करें दोस्ती
कॉफी थकान को दूर भगाने के साथ फेफड़ों को स्वस्थ रखने का भी काम करता है. बशर्ते संयमित मात्रा में इसका सेवन किया जाए. नियमित एक कप कॉफी स्वस्थ फेफड़ों के लिए काफी अच्छी है. कॉफी में मौजूद कैफीन में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और इसके अलावा कॉफी में मिलने वाले पॉलीफेनोल तथा एंटीऑक्सिडेंट हमारे फेफड़ों को सुरक्षित करने में मदद करते हैं.
प्रोसेस्ड भोजन विशेषकर मीट से करें परहेज
आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में लोग समय बचाने के लिए ताजे भोजन या ताजे मीट की बजाय प्रोसेस्ड खाद्य सामग्री तथा मीट का इस्तेमाल करते हैं. बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है की ज्यादा समय तक या ज्यादा मात्रा में प्रोसेस्ड भोजन का सेवन ना करें. यह शरीर के सभी तंत्रों पर नकारात्मक असर डालता है. विशेषकर मीट की बात करें तो चिकित्सक तथा जानकारों का मानना है कि रखा हुआ मीट खाने से उसमें मौजूद केमिकल और नाइट्राइट फेफड़ों में सूजन और तनाव पैदा कर सकते हैं. बेकन, हैम, और सॉसेज सभी प्रोसेस्ड मांस की श्रेणी में आते हैं.
जरा सी सावधानी और देखभाल से हम ना सिर्फ फेफड़ों, बल्कि अपने शरीर के सभी तंत्रों के आसपास सुरक्षा चक्र बना सकते है.