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रोजाना अखरोट खाने से 'खराब' कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है

आहार में अखरोट को नियमित तौर पर शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल (जिसे लोग अक्सर "खराब" कोलेस्ट्रॉल के रूप में संदर्भित करते हैं) में कुछ हद तक कमी देखी जा सकती है। “क्या अखरोट खाने से हृदय संबंधी जोखिम कारक कम हो सकते हैं?” इस विषय को लेकर किए गए एक शोध-विश्लेषण में यह बात सामने आई है।

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अखरोट
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Published : Sep 9, 2021, 12:28 PM IST

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक शोध पत्र में सामने आया है प्रतिदिन लगभग आधा कप अखरोट का सेवन करने वालों में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है। कैलिफ़ोर्निया वॉलनट कमीशन के अनुदान से समर्थित यह अध्ययन वृद्ध वयस्कों पर केंद्रित था।

इस शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि आहार में अखरोट को शामिल करने से कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में मामूली कमी आई, जिसे लोग अक्सर "खराब" कोलेस्ट्रॉल के रूप में संदर्भित करते हैं।

गौरतलब है की अखरोट खाने से हृदय संबंधी जोखिम कारकों को लेकर पूर्व में किए गए कई अध्ययनों के नतीजों में यह बात सामने आई है की अखरोट खाने से हृदय संबंधी जोखिम कारक कम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2019 का मेटा-विश्लेषण भी अखरोट के अधिक सेवन से हृदय रोग की घटनाओं में कमी और उसके कारण मृत्यु दर में भी कमी की बात कहता है।

क्या कहते हैं अनुसंधान के नतीजे?

मेडिकल न्यूज टुडे में इस शोध के संबंध में जानकारी देते हुए स्पेन में बार्सिलोना के अस्पताल क्लिनिक के एंडोक्रिनोलॉजी एंड न्यूट्रिशन सर्विस में वर्तमान अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और लिपिड क्लिनिक के निदेशक डॉ. एमिलियो रोस ने बताया की उन्होंने और उनके सहयोगियों ने कई वर्षों तक अखरोट के स्वास्थ्य लाभों का अध्ययन किया है। वह बताते हैं की इस अध्धयन के दौरान उन्होंने हमेशा, कोलेस्ट्रॉल कम करने (मानक लिपिड प्रोफाइल), बेहतर एंडोथेलियल फ़ंक्शन, कम रक्तचाप, और विरोधी भड़काऊ प्रभाव के बारे में अच्छे परिणाम प्राप्त किए।

अध्ध्यन डॉ. रोस अखरोट को अपने आहार में शामिल करने की वकालत करते हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्वों और बायोएक्टिव्स की एक इष्टतम संरचना होती है, जिसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, वनस्पति ओमेगा-3 फैटी एसिड, सभी नट्स की उच्चतम पॉलीफेनोल सामग्री और फाइटोमेलाटोनिन पाई जाती है।

डॉ. रोस बताते हैं की यह अध्ययन अपने अनुसंधान के नतीजों में इंगित करता है कि "नियमित रूप से अखरोट खाने से व्यक्ति का एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होगा और एलडीएल कणों की गुणवत्ता में सुधार होगा। जिससे उन्हें एथेरोजेनिक (धमनी की दीवार में प्रवेश करने और एथेरोस्क्लेरोसिस का निर्माण करने की संभावना कम होगी) हृदय रोगों का खतरा कम होगा और अखरोट की उच्च वसा (स्वस्थ वनस्पति वसा) प्राप्त होगी। तसल्ली वाली बात यह है की इससे व्यक्ति का वजन भी नहीं बढ़ेगा।

शोध विश्लेषण

इस शोध में 63 से 79 वर्ष की आयु के कुल 636 प्रतिभागियों को विषय बनाया गया था। प्रतिभागियों में से 67% महिलाएं थीं। सभी प्रतिभागी संज्ञानात्मक रूप से स्वस्थ थे। लेकिन कुल प्रतिभागियों में से आधे, उच्च रक्तचाप या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के लिए दवाएं ले रहे थे। जोकी वृद्ध वयस्क आबादी के लिए सामान्य होता है। इस शोध में परिभागियों को दो समूहों में बाँटा गया। जिनमें से एक समूह को अखरोट नहीं खाने का निर्देश दिया गया। वहीं दूसरे समूह ने अपने दैनिक भोजन में आधा कप कच्चे अखरोट को शामिल किया। शोध में चिकित्सकों ने आहार के आधार पर तथा प्रतिभागियों के वजन की निगरानी की, उनके कोलेस्ट्रॉल के स्तर का परीक्षण किया और परमाणु चुंबकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोस्कोपी के साथ लिपोप्रोटीन की एकाग्रता और आकार का विश्लेषण किया।

शोध में वैज्ञानिकों ने प्रतिभागियों के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के उपवर्गों को भी मापा था। जिसमें उन्होंने पाया कि अखरोट के दैनिक सेवन से कुल एलडीएल कणों और छोटे एलडीएल कणों (जिसमें धमनियों में वसा जमा हो जाती है) दोनों की संख्या में कमी आई है।

नतीजों में सामने आया की अखरोट का सेवन करने वाले प्रतिभागियों ने अपने एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को औसतन 4.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) और अपने कुल कोलेस्ट्रॉल को 8.5 मिलीग्राम/डीएल के औसत से कम कर दिया था। अखरोट समूह के प्रतिभागियों ने कुल एलडीएल कणों की संख्या में 4.3% और छोटे एलडीएल कणों की संख्या में 6.1% की कमी थी। यह अंतर महिलाओं और पुरुषों में अलग अलग देखा गया। पुरुषों में, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 7.9% गिर गया। महिलाओं में यह 2.6% गिर गया।

पढ़ें: हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में दिल के दौरे का खतरा बढ़ाता है कोविड : शोध

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक शोध पत्र में सामने आया है प्रतिदिन लगभग आधा कप अखरोट का सेवन करने वालों में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है। कैलिफ़ोर्निया वॉलनट कमीशन के अनुदान से समर्थित यह अध्ययन वृद्ध वयस्कों पर केंद्रित था।

इस शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि आहार में अखरोट को शामिल करने से कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में मामूली कमी आई, जिसे लोग अक्सर "खराब" कोलेस्ट्रॉल के रूप में संदर्भित करते हैं।

गौरतलब है की अखरोट खाने से हृदय संबंधी जोखिम कारकों को लेकर पूर्व में किए गए कई अध्ययनों के नतीजों में यह बात सामने आई है की अखरोट खाने से हृदय संबंधी जोखिम कारक कम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2019 का मेटा-विश्लेषण भी अखरोट के अधिक सेवन से हृदय रोग की घटनाओं में कमी और उसके कारण मृत्यु दर में भी कमी की बात कहता है।

क्या कहते हैं अनुसंधान के नतीजे?

मेडिकल न्यूज टुडे में इस शोध के संबंध में जानकारी देते हुए स्पेन में बार्सिलोना के अस्पताल क्लिनिक के एंडोक्रिनोलॉजी एंड न्यूट्रिशन सर्विस में वर्तमान अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और लिपिड क्लिनिक के निदेशक डॉ. एमिलियो रोस ने बताया की उन्होंने और उनके सहयोगियों ने कई वर्षों तक अखरोट के स्वास्थ्य लाभों का अध्ययन किया है। वह बताते हैं की इस अध्धयन के दौरान उन्होंने हमेशा, कोलेस्ट्रॉल कम करने (मानक लिपिड प्रोफाइल), बेहतर एंडोथेलियल फ़ंक्शन, कम रक्तचाप, और विरोधी भड़काऊ प्रभाव के बारे में अच्छे परिणाम प्राप्त किए।

अध्ध्यन डॉ. रोस अखरोट को अपने आहार में शामिल करने की वकालत करते हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्वों और बायोएक्टिव्स की एक इष्टतम संरचना होती है, जिसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, वनस्पति ओमेगा-3 फैटी एसिड, सभी नट्स की उच्चतम पॉलीफेनोल सामग्री और फाइटोमेलाटोनिन पाई जाती है।

डॉ. रोस बताते हैं की यह अध्ययन अपने अनुसंधान के नतीजों में इंगित करता है कि "नियमित रूप से अखरोट खाने से व्यक्ति का एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होगा और एलडीएल कणों की गुणवत्ता में सुधार होगा। जिससे उन्हें एथेरोजेनिक (धमनी की दीवार में प्रवेश करने और एथेरोस्क्लेरोसिस का निर्माण करने की संभावना कम होगी) हृदय रोगों का खतरा कम होगा और अखरोट की उच्च वसा (स्वस्थ वनस्पति वसा) प्राप्त होगी। तसल्ली वाली बात यह है की इससे व्यक्ति का वजन भी नहीं बढ़ेगा।

शोध विश्लेषण

इस शोध में 63 से 79 वर्ष की आयु के कुल 636 प्रतिभागियों को विषय बनाया गया था। प्रतिभागियों में से 67% महिलाएं थीं। सभी प्रतिभागी संज्ञानात्मक रूप से स्वस्थ थे। लेकिन कुल प्रतिभागियों में से आधे, उच्च रक्तचाप या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के लिए दवाएं ले रहे थे। जोकी वृद्ध वयस्क आबादी के लिए सामान्य होता है। इस शोध में परिभागियों को दो समूहों में बाँटा गया। जिनमें से एक समूह को अखरोट नहीं खाने का निर्देश दिया गया। वहीं दूसरे समूह ने अपने दैनिक भोजन में आधा कप कच्चे अखरोट को शामिल किया। शोध में चिकित्सकों ने आहार के आधार पर तथा प्रतिभागियों के वजन की निगरानी की, उनके कोलेस्ट्रॉल के स्तर का परीक्षण किया और परमाणु चुंबकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोस्कोपी के साथ लिपोप्रोटीन की एकाग्रता और आकार का विश्लेषण किया।

शोध में वैज्ञानिकों ने प्रतिभागियों के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के उपवर्गों को भी मापा था। जिसमें उन्होंने पाया कि अखरोट के दैनिक सेवन से कुल एलडीएल कणों और छोटे एलडीएल कणों (जिसमें धमनियों में वसा जमा हो जाती है) दोनों की संख्या में कमी आई है।

नतीजों में सामने आया की अखरोट का सेवन करने वाले प्रतिभागियों ने अपने एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को औसतन 4.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) और अपने कुल कोलेस्ट्रॉल को 8.5 मिलीग्राम/डीएल के औसत से कम कर दिया था। अखरोट समूह के प्रतिभागियों ने कुल एलडीएल कणों की संख्या में 4.3% और छोटे एलडीएल कणों की संख्या में 6.1% की कमी थी। यह अंतर महिलाओं और पुरुषों में अलग अलग देखा गया। पुरुषों में, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 7.9% गिर गया। महिलाओं में यह 2.6% गिर गया।

पढ़ें: हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में दिल के दौरे का खतरा बढ़ाता है कोविड : शोध

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