सेक्स किसी भी खुशहाल शादीशुदा जीवन की महत्वपूर्ण कड़ी होता है. लेकिन कई बार रिश्तों में नीरसता या सिर्फ एक आदत या दैनिक क्रिया के तौर पर किया गया सेक्स, दंपती के आपसी भावनात्मक रिश्तों पर हावी होने लगता है, और मन को प्रसन्न व आनंदित करने वाली यह क्रिया दिल, दिमाग और शरीर सभी को तनाव देने लगती है. रिलेशनशीप विशेषज्ञ तथा सेक्सोलॉजिस्ट दोनों ही ऐसे अवस्था से बचने के लिए रिश्तों में कभी-कभी सेक्स डिटॉक्स की सलाह देते हैं. रिश्तों को तरोताजा और प्रेमयुक्त बनाए रखने में सेक्स डिटॉक्स की भूमिका को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ , आइए जानते हैं.
भावनात्मक नजदीकी लाने में मदद करता है सेक्स डिटॉक्स
रिलेशनशिप एक्सपर्ट तथा काउंसलर आरती का कहना है कि सेक्स डिटॉक्स एक समय के उपरांत रिश्तों आने वाली एकरसता को कम कर सकता है तथा सेक्स को सिर्फ रिश्तों के बीच एक औपचारिकता बनने से बचा सकता है. वे बताती हैं कि सेक्स को रिश्तों में नजदीकी तथा प्रेम बढ़ाने तथा तनाव को कम करने का कारण भी माना जाता है , लेकिन एक समय के उपरांत लगातार या जरूरत से ज्यादा सेक्स ना सिर्फ परेशानियाँ बढ़ाता है बल्कि तनाव, भावनात्मक दूरी और रिश्तों में उलझनों का कारण बनता है.
वहीं यदि दंपती कभी-कभी शारीरिक संबंधों से ब्रेक लें तो दोबारा अंतरंग होते समय न सिर्फ उनके रिश्तों में शारीरिक संबंधों को लेकर ज्यादा उत्सुकता रहती है साथ ही ज्यादा प्रेम और भावनात्मक निजता भी नजर आती है. आरती बताती हैं कि सेक्स डिटॉक्स लोगों का ध्यान पुनः अपने साथी की और आकर्षित करने में मददगार हो सकता है, साथ ही यह लोगों को अपने साथी की भावनात्मक व अन्य जरूरतों को समझने का एक मौका भी देता हैं इसके साथ ही यह और भी कई तरह से रिश्तों को मजबूत करने, मानसिक समस्याओं को दूर करने तथा लोगों को भावनात्मक रूप से नजदीक लाने में सहायक हो सकता है. सेक्स डिटॉक्स के कुछ फायदे इस प्रकार हैं.
एक दूसरे के पास आने की चाहत बढ़ाता है
विशेषज्ञों के अनुसार सेक्स संबंधों के बीच का अंतराल एक-दूसरे के पास आने की चाहत को बढ़ा सकता है. जिससे तमाम सामाजिक, पारिवारिक व अन्य कारणों के चलते प्रभावित या कभी-कभी कम हो चुके प्रेम तथा रिश्तों के बीच उन्माद वापिस आ सकता है. ऐसा करने से सेक्स सिर्फ रूटीन नही बल्कि जरूरत लगने लगता है.
भावनात्मक नजदीकी बढ़ती है
कई बार शादी जैसे जिंदगी भर के या लंबे रिश्तों में, दो लोगों के बीच समस्याएं, जिम्मेदारियाँ, तथा परिवार, उनकी आपसी भावनाओं पर हावी होने लगते हैं और दोनों के बीच दूरियाँ बढ़ने लगती हैं तथा आपसी रिश्तें मात्र औपचारिकता बन कर रह जाते हैं. ऐसे में ज्यादातर जब दो लोग सेक्स से कुछ समय के लिए दूरी बनाते हैं तो स्वतः ही एक-दूसरे की गतिविधियां उनका ध्यान आकर्षित करने लगती हैं. उनके व्यवहार, भावनाओं तथा उनकी गतिविधियों पर दूसरा व्यक्ति ज्यादा ध्यान देने लगता है, और कहीं न कहीं जो आकर्षण समय के साथ कम होने लगा था वह धीरे-धीरे वापस आने लगता है. और जब भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है तो दोनों के बीच बॉन्डिंग भी ज्यादा मजबूत हो जाती है.
तनाव, गुस्से व बैचेनी में आती है कमी
सेक्स डिटॉक्स के उपरांत जब व्यक्ति पुनः इस क्रिया का साक्षी बनता है तो सम्पूर्ण प्रक्रिया का ज्यादा आनंद ले पाता है. वैसे भी सेक्स को स्ट्रेस बस्टर कहा जाता है, ऐसे में जब दोनों व्यक्ति सुखद सेक्स का अनुभव करते हैं तो उनके मानसिक स्वास्थ्य जैसे तनाव, बेचैनी तथा गुस्से जैसी समस्याओं में कमी आती है.