नई दिल्ली: गर्मी का मौसम त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी कई तरह की समस्याएं लेकर आता है. अत्यधिक धूप, पसीना, हवा में नमी की कमी और धूल त्वचा की विभिन्न समस्याओं और एलर्जी जैसे त्वचा की एलर्जी, सूरज की एलर्जी, घमौरियों, खुजली, शुष्क त्वचा, रूखी त्वचा, बालों में रूसी और सिर पर फुंसी या चकत्ते का कारण बनते हैं. उत्तराखंड की त्वचा विशेषज्ञ डॉ. आशा सकलानी (Dermatologist Dr Asha Saklani) गर्मी के कारण होने वाली त्वचा और बालों से संबंधित समस्याओं के बारे में बताती हैं और उनसे बचने के तरीके बताती हैं. डॉ. आशा कहती हैं कि गर्मी के मौसम में त्वचा और बालों का खास ख्याल रखना जरूरी होता (Precautionary measures for summer skin care) है, क्योंकि गर्मियों में धूप, पसीना, वातावरण में नमी की कमी और अत्यधिक धूल जैसे कारकों के प्रभाव से त्वचा में रूखापन आ जाता है. बालों और त्वचा में कई तरह की समस्याएं होने की संभावना है.
तेज धूप के संपर्क से बढ़ती हैं त्वचा संबंधी समस्याएं: वह कहती हैं कि इस मौसम में कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं और जो लोग बाहर ज्यादा समय बिताते हैं या तेज धूप के संपर्क में रहते हैं, उन्हें आमतौर पर त्वचा में जलन, त्वचा की अधिक टैनिंग, पोषक तत्वों की कमी के कारण अधिक रूखापन की समस्या का सामना करना पड़ता है. त्वचा में नमी और कई अन्य समस्याएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. साथ ही इस मौसम में अधिक पसीना आने के कारण घमौरियां, रैशेज और दाद जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. घमौरियां और घमौरियां त्वचा की एलर्जी के प्रकार हैं. इनमें से घमौरियां आमतौर पर पीठ, गर्दन और चेहरे पर छोटे-छोटे लाल धब्बों के रूप में देखी जाती हैं. पसीने के कारण पोर्स बंद होने से ऐसा होता है.
पसीने से और गर्मी के कारण चिपचिपेपन से भी त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं. रैशेस में प्रभावित हिस्से पर लाल रंग के धब्बे बन जाते हैं, त्वचा रूखी और खुश्क हो जाती है और कभी-कभी उस जगह पर छोटे-छोटे दाने भी निकल आते हैं. चकत्ते अत्यधिक खुजली, जलन और दर्द का कारण भी बन सकते हैं. दूसरी ओर, शरीर के अंग जो सीधे हवा के संपर्क में नहीं होते हैं जैसे कि जांघों, बगल और जननांगों के जोड़ों में पसीने और गंदगी के जमा होने और उचित वेंटिलेशन की कमी के कारण फंगल और बैक्टीरिया के संक्रमण का अधिक खतरा होता है.
तेज केमिकल वाले शैंपू का ना करें नियमित इस्तेमाल: वह आगे कहती हैं कि कई लोग सन एलर्जी से भी पीड़ित होते हैं, जिसे सनलाइट सेंसिटिविटी भी कहा जाता है, जहां तेज धूप के संपर्क में आने पर उनकी त्वचा का रंग बदल जाता है और ज्यादातर मामलों में त्वचा काली पड़ जाती है. इसके अलावा त्वचा पर पिंपल्स या लाल रैशेज बनने लगते हैं. डॉ. आशा के मुताबिक गर्मियों में त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे दाद, एथलीट फुट, नाखून में संक्रमण, उंगलियों के बीच की जगह में संक्रमण और सोरायसिस भी बढ़ जाती हैं. वह कहती हैं कि गर्मियों में सिर में ज्यादा पसीना आने की वजह से लोग रोजाना सिर धोने लगते हैं. ऐसे में अगर तेज केमिकल वाले शैंपू का नियमित इस्तेमाल किया जाए तो स्कैल्प रूखी हो जाती है और डैंड्रफ, पिंपल्स, खुजली, बालों का कमजोर होना या ज्यादा टूटना जैसी समस्याएं लोगों को होने लगती हैं.
शरीर की साफ-सफाई और स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान: वहीं सिर में ज्यादा पसीना आने की स्थिति में अगर पसीना नहीं सूखता है तो इसके कण बालों की जड़ों में जमा होने लगते हैं. अब इन्हें धूल, मिट्टी और हेयर स्टाइलिंग उत्पादों के साथ मिलाएं, जो स्कैल्प पर रोम छिद्रों के बंद होने का मूल कारण बन जाते हैं. इससे फोड़े-फुंसियां और खुजली होती है और कई बार सिर में जुएं भी बढ़ जाती हैं. डॉ. आशा के अनुसार, आमतौर पर लोगों को त्वचा और पूरे शरीर की साफ-सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, लेकिन संवेदनशील त्वचा वाले, सन एलर्जी वाले लोगों, त्वचा संबंधी स्थितियों या सोरायसिस या एक्जिमा जैसी बीमारियों वाले लोगों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. गर्मी के दिनों में अधिक सावधान.
वह कहती हैं कि साफ-सफाई और साफ-सफाई के साथ-साथ त्वचा संबंधी समस्याओं से बचने में आहार अहम भूमिका निभाता है. आहार और आवश्यक पोषण त्वचा को नम रहने में मदद करते हैं, जिससे गर्मियों में होने वाली समस्याओं का प्रभाव कम हो जाता है. वह कहती हैं कि गर्मियों के दौरान कुछ एहतियाती उपाय करने से पहले बताई गई अधिकांश समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- हमेशा हल्का और ताजा खाना खाएं, जो आसानी से पचने योग्य हो. अपने आहार में फलों और पानी के साथ स्वस्थ और प्राकृतिक तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं.
- हमेशा हल्का और ताजा खाना ही लें जो आसानी से पचने वाला हो. इसके अलावा, आहार में फल और पानी के साथ स्वस्थ और प्राकृतिक तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, दही, छाछ, मट्ठा और गर्मी के प्रभाव को कम करने वाले सीरप जैसे खसखस सिरप और गुलाब सिरप की मात्रा बढ़ाएं.
- गर्मियों में नियमित रूप से नहाएं और ज्यादा पसीना आने की स्थिति में दिन में दो बार नहाने से भी मदद मिलती है, लेकिन नहाने से पहले पसीने को सुखाने की कोशिश करें.
- मजबूत केमिकल वाले साबुन या शैंपू के इस्तेमाल से बचें, क्योंकि इससे त्वचा और बालों में रूखापन आ सकता है.
- रोजाना त्वचा पर मॉइश्चराइजर या क्रीम का इस्तेमाल करें.
- घर से निकलने से पहले हमेशा अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन लगाएं.
- ज्यादा देर तक पसीने से तर कपड़ों में रहने से बचें, क्योंकि इससे फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
- सूती और ढीले कपड़े पहनने को प्राथमिकता दें क्योंकि ये पसीने को जल्दी सुखाने में मदद करते हैं.
- ढीले सूती अंडरवियर पहनने पर स्विच करें.
- अपने बालों को नियमित रूप से शैंपू से धोने से बचें, इसके बजाय बाहर जाते समय या बाइक पर यात्रा करते समय अपने सिर पर दुपट्टा या कपड़ा बाँधने की कोशिश करें. ज्यादा पसीना आने की स्थिति में अपने बालों को हवा में सुखाने की कोशिश करें.
- यदि आवश्यक हो, तो अपने बालों को नियमित रूप से हल्के शैम्पू से धोएं
- घमौरियां होने पर विशेष 'घमराहट दूर करने वाला चूर्ण', एलोवेरा जैल या लोशन का प्रयोग करें, लेकिन खुजली और बेचैनी बढ़ने पर चिकित्सक से परामर्श लें.
डॉ. आशा कहती हैं कि एलर्जी या त्वचा पर किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि अगर समस्या फंगस या बैक्टीरिया के कारण हो, या ज्यादा खुजली, जलन, सूजन या दर्द हो किसी भी संक्रमित स्थान पर, तो चिकित्सा उपचार बहुत महत्वपूर्ण है.
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