कोविड-19 के असर के चलते वर्ष 2020 में लोगों का ज्यादातर समय उनके घर पर ही निकला. वर्क फ्रॉम होम, अनलाइन पढ़ाई यहां तक की लोगों की बर्थ डे पार्टी और सत्संग जैसे आयोजन भी ऑनलाइन भी हुए. ऐसी अवस्था में लोगों में कमर के दर्द, उच्च व निम्न रक्तचाप, आलस और तनाव जैसे बहुत सी समस्याओं के मामले भी बढ़े. इस परिस्थिति में योग, एरोबिक्स और साधारण व्यायाम को लेकर लोगों में काफी रुझान बढ़ा है. अखबारों, टीवी चैनल्स, यू ट्यूब और विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए जानकारी लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने व्यायामों और कसरतों को अपनी दिनचर्या में शामिल किया. इसके लिए कई लोगों ने ऑनलाइन योग कक्षाओं की भी मदद ली.
वर्ष 2020 में वर्क फ्रॉम होम कल्चर में जिन योग क्रियाओं और व्यायामों का चलन बढ़ा, उनमें से कुछ इस प्रकार है.
वर्ष 2020 में प्रचलित कुछ योग आसन
पश्चिमोत्तासन
⦁ इस आसन में दोनों पांव सामने की तरफ सीधे खोलकर बैठ जाए. कमर सीधी होनी चाहिए.
⦁ अब सांस अंदर की तरफ लेते हुए हाथों को सर से ऊपर की तरफ खींचे, फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए हाथों को सामने की तरफ ले जाएं और पांव के अंगूठों को छूने की कोशिश करें.
⦁ इस अवस्था में 20 से 60 सेकेंड तक रुकने का प्रयास करें. अंगूठों को छूने के लिए शरीर पर ज्यादा दबाव नहीं डालना है, जितना हो सके उतनी ही कोशिश करें.
⦁ अब सांस वापस से अंदर खींचे और हाथों को दोबारा सिर से ऊपर की तरफ ले जाएं.
⦁ इस प्रक्रिया को दो से तीन बार दोहराएं.
सर्वांगासन
⦁ इस आसन को करने के लिए पहले आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं. इसके बाद एक साथ अपने पैरों, कूल्हे और फिर कमर को ऊपर की तरफ उठाएं. इस दौरान आपका सारा भार आपके कंधों पर आ जाएगा.
⦁ अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें. अब अपनी कोहनियों को पास में ले आएं. हाथों को पीठ के साथ रखें, कंधों को सहारा देते रहें.
⦁ कोहनियों को जमीन पर दबाते हुए और हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें.
⦁ इस दौरान आपको ध्यान रखना होगा कि आपके शरीर का पूरा भार आपके कंधों और हाथों के ऊपरी हिस्से पर हो, ना कि आपके सिर और गर्दन पर. साथ ही अपने पैरों को सीधा और मजबूत रखें.
⦁ अपने पैरों की अंगुलियों को नाक की सीध में ले आएं. साथ ही अपनी गर्दन को जमीन पर ना दबाएं, उसे मजबूत रखें और उसकी मांस-पेशियों को सिकोड़ कर अपनी छाती को ठोड़ी से लगा लें.
⦁ यदि गर्दन में तनाव महसूस हो रहा है, तो आसन से बाहर आ जाएं.
⦁ इस आसन के दौरान लंबी गहरी सांसें लेती रहें और 30-60 सेकेंड तक आसन में ही रहें.
⦁ आसन से बाहर आने के लिए, घुटनों को धीरे से माथे के पास लेकर आएं. हाथों को जमीन पर रखें. बिना सिर को उठाए धीरे-धीरे कमर को नीचे लेकर आएं. पैरों को जमीन पर लें आएं.
⦁ कम से कम 60 सेकेंड के लिए आराम करें. इसके बाद आप दोबारा इस आसन को दोहरा सकते हैं.
हलासन
⦁ इस आसान के लिए जमीन पर सीधे लेट जाए और हाथों को शरीर से सटा लें. इस प्रक्रिया में हथेलियां जमीन की तरफ रहेंगी.
⦁ अब सांस भीतर की ओर खींचते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं और 90 डिग्री के कोण में पांव को हवा में उठाए. इस प्रक्रिया में अपने हाथों से कमर को सहारा दें.
⦁ अब सीधी टांगों को सिर की तरफ झुकाएं और पैरों को सिर के पीछे ले जाने का प्रयास करें और पैरों के अंगूठे से जमीन को छूने की कोशिश करें.
⦁ अब हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रख लें. हथेली नीचे की तरफ रहेगी और कमर जमीन के समानांतर रहेगी.
⦁ इसी स्थिति में एक मिनट तक बने रहें, सांसों पर ध्यान केंद्रित करें, सांस छोड़ते हुए टांगों को वापस जमीन पर ले आएं.
⦁ आसन को छोड़ते हुए जल्दबाजी ना करें. टांगों को एक समान गति से ही सामान्य स्थिति में वापस लेकर आए.
सेतु बंधासन
⦁ इस आसन के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं.
⦁ इसके बाद हाथों को बगल में रख लें. अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर कमर के पास ले आएं.
⦁ अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए जितना हो सके कमर को उतना ऊपर की तरफ उठाएं. इस अवस्था में एक या दो मिनट तक सांस रोक कर रुके रहे.
⦁ इसके पश्चात धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस पहले वाली अवस्था में यानि जमीन पर आ जाए.
⦁ इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार तक दोहराएं.
भुजंगासन
- इस आसन के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं. फिर दोनों परों को अच्छी तरह से लंबा कर के फैला लें और ठोड़ी को जमीन पर लगा दें.
- दोनों कुहनियां दोनों तरफ की पसलियों से सटी हुई होनी चाहिए और दोनों हाथों की हथेलियां जमीन पर.
- अब अपने सिर को जमीन से लगा दें और फिर अपनी दोनों आंखें बंद कर के सांस शरीर के अंदर भरते हुए धीरे-धीरे ठोड़ी को ऊपर उठाएं, उसके बाद गर्दन को ऊपर आकाश की तरफ उठाएं.
- फिर अपनी छाती को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, और उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे-धीरे ऊपर उठा लें. अब आगे, गर्दन को ऊपर की ओर ले जाते हुए पीठ को पीछे की ओर कमान की तरह झुकाएं.
- ध्यान में रखें की दोनों पैरों के अग्र भाग को जमीन पर लगा कर सामान्य गति से शरीर के अग्र भाग को ऊपर उठाने का प्रयास करना है.
- भुजंगासन की इस मुद्रा में आने के बाद अपनी दोनों आंखें खोलें और सामान्य गति से सांस लेते रहे.
- पहली बार में इस मुद्रा को 20-30 सेकंड तक बनाए रखने का प्रयास करें. जिस के बाद धीरे-धीर शरीर के आगे वाले हिस्से को सामने की तरफ पहले वाली अवस्था में ले आएं.
इस श्रेणी में धनुरासन, वीरभद्रासन, पदहस्तासन, ताड़ासन, मार्जरीआसन तथा त्रिकोणासन का लोगों में काफी प्रचलित रहा.
श्वसन क्रियाएं
अपने फेफड़ों और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए कोविड-19 के दौर में बड़ी संख्या में लोगों ने विभिन्न प्रकार के प्राणायामों का अभ्यास किया.
जानकारों के अनुसार इन आसनों के नियमित अभ्यास से शरीर में प्राण वायु (ऑक्सीजन) की मात्रा बढ़ती है. प्राणायाम के विभिन्न प्रकार ये है;
⦁ नाड़ी शोधन प्राणायाम
⦁ उज्जैनी प्राणायाम
⦁ कपालभारती
⦁ दीर्घ प्राणायाम
⦁ अनुलोम प्राणायाम
⦁ विलोम प्राणायाम
⦁ भ्रामरी प्राणायाम
⦁ भस्त्रिका प्राणायाम
⦁ शीतली प्राणायाम
काम के दौरान व्यायाम
ये साल वर्क फ्रॉम होम के नाम रहा. ज्यादातर लोग इस दौरान कभी बिस्तर, कभी सोफा, तो कभी कुर्सी पर बैठ कर घंटों तक लैपटॉप पर काम करते नजर आए. ऐसे में योग विशेषज्ञों ने विभिन्न स्ट्रेचिंग व्यायामों को नियमित रूप से अपनाने की सलाह दी. जिससे ना सिर्फ कमर और गर्दन, बल्कि सारे शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखा जा सकता है. उनमें से कुछ इस प्रकार है;
- पेक्ट्रोरल स्ट्रेच : अपने दोनों हाथों की उंगलियों को कमर के पीछे ले जाकर आपस में मिला लें यानि लॉक कर लें और जमीन की दिशा में खिचने का प्रयास करें. इससे कंधों के मांसपेशियों में खिचांव आता है और शरीर का पोश्चर सही होता है.
- ट्रेपज़िउस नेक स्ट्रेच : इस व्यायाम में अपने उलटे हाथ से अपनी कुर्सी को नीचे से पकड़े. अब अपने सीधे हाथ को उलटे हाथ वाली तरफ के कान के उपर रखें और उसे सीधे हाथ वाले कंधे की तरफ दबाने की कोशिश करें. इस प्रक्रिया में अपने कान को कंधे से छुआने का पूरा प्रयास करें. अब यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराएं.
- गलूट स्ट्रेच : इस व्यायाम में अपनी कमर को सीधे रखते हुए दाये पांव के टखने को बायें पांव की जांघ घुटने से थोड़ा ऊपर रखें और उसे दोनों हाथ से कुछ देर के लिए पकड़े रहें. इसके उपरांत आगे की तरफ झुकने का प्रयास करें, जिससे आपके गलूट पर जोर पड़े. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने के उपरांत सीधे हो जाए और फिर दूसरी तरफ से इस प्रक्रिया को दोहराएं.
इन व्यायामों के अतिरिक्त लोगों ने कुछ अन्य व्यायामों को अपने अभ्यास में शामिल किया है. इससे ना सिर्फ शरीर चुस्त होता है, बल्कि मन भी दुरुस्त होता है. वे इस प्रकार है;
⦁ माउंटेन क्लाइंबिंग यानि पहाड़ की चढ़ाई
⦁ बर्पीज
⦁ हाई नीज
⦁ बट ब्रिज
⦁ चेयर स्क्वाट
⦁ जंपिंग जैक्स
⦁ प्लैंक
वर्ष 2020 की हाईलाईट रहे इन व्यायामों के नियमित अभ्यास से आप कभी भी बगैर जिम जाए, घर पर रह कर ही स्वयं को चुस्त और स्वस्थ रख सकते है. इस सभी व्यायामों को करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है, यानि बच्चे हो या बूढ़े कोई भी किसी भी उम्र में इनका अभ्यास कर सकते है. सिर्फ कोविड-19 की गंभीरता के चलते ही नहीं, बल्कि आमतौर पर भी चिकित्सक मानते और कहते है की प्रतिदिन कम से कम 30 से 40 मिनट तक व्यायाम जरूर करना चाहिए, क्योंकि उससे शरीर में रक्त का दौरा नियंत्रित रहता है, और शरीर स्वस्थ रहता है.