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कमर दर्द में मददगार फिजियोथेरेपी तथा योग

बड़े बुजुर्गों की समस्या कहा जाने वाला कमर दर्द आज सिर्फ वयस्कों ही नहीं बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है. आसीन जीवन शैली, पोषण की कमी, मांसपेशियों या हड्डियों में कमजोरी हो या फिर चोट, कारण चाहे जो भी हो, कमर दर्द आज की सबसे सामान्य बीमारी बन चुकी है.

Get rid of back pain
कमर दर्द से पाएं छुटकारा
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Published : Jan 19, 2021, 1:19 PM IST

कमर दर्द एक ऐसी समस्या है. इससे आजकल लगभग हर तीसरा वयस्क जूझ रहा होता है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी हमारे रोजमर्रा के कामों को पुरा करने में आती है. घर हो या दफ्तर कमर का दर्द हमारे काम की गति और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करता है. कमर दर्द क्यों होता है और फिजियोथेरेपी तथा योग इस समस्या में कितने मददगार हैं, इस बारे में ETV भारत सुखीभवा की टीम को फिजियोथेरेपिस्ट, योग प्रशिक्षक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धती अभ्यासकर्ता डॉ. जान्हवी कथरानी ने विस्तार से जानकारी दी.

क्यों होता हैं कमर दर्द?

डॉ. कथरानी बताती है की हमारी हड्डियों का फ्रेम कॉलम संरचना पर आधारित होता हैं. जिसमें हड्डियां एक के बाद एक जुड़ी होती है. इस संरचना में जरा सी गड़बड़ी कमर दर्द को जन्म देती है. हमारी हड्डियों के फ्रेम को हमारी मांसपेशियां तथा तन्तु एक ऐसी बुनियाद देते है, जिससे हमारे शरीर के जोड़ तथा शरीर का हर भाग आराम से गतिविधि कर सके. इस पूरी संरचना में हड्डियों या मांसपेशियों के स्थान में थोड़ा सा भी अंतर या परेशानी दर्द जैसी समस्या को जन्म दे सकता है. चूंकि हमारे शरीर का आधार हमारी कमर होती है तथा हर शारीरिक गतिविधी में हमारी रीढ़ की हड्डी जरूर प्रभवित होती है. इसलिए शरीर में किसी भी प्रकार के तनाव या दबाव का सीधा असर हमारी कमर पर पड़ता है.

कमर के आसपास की हड्डियों और मांसपेशियों में यह तनाव या दबाव कई कारणों से हो सकता है, जैसे ज्यादा शारीरिक गतिविधियां या खेलकूद, भारी समान उठाना, कमजोरी, चोट, हमारा खड़े होने या बैठने के पोश्चर का गलत होना या आसीन जीवनशैली यानी आराम परास्त जीवनशैली जीना. कमर में दर्द होने की अवस्था में शरीर में पोषण की कमी या कमजोरी इस समस्या को ज्यादा बढ़ा सकती है.

डॉ. कथरानी बताती हैं की जो लोग कम मात्रा में पानी पीते हैं या तनाव तथा अवसाद जैसी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, उनमें भी गर्दन से लेकर कमर में दर्द होने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है.

कैसे बनाए रखें कमर का स्वास्थ्य

कमर दर्द का एक बहुत बड़ा कारण माना जाता हैं, हमारा गलत पोश्चर, बैठते या खड़े होते समय कमर या कंधों का सीधा ना होना, हमारी कमर के निचले हिस्से पर दबाव बनाता है. स्वस्थ कमर तथा रीढ़ की हड्डी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है की हमारा पोश्चर हमेशा सही हो. वहीं मांसपेशियों में कमजोरी भी छोटी सी समस्या के गंभीर परिणाम दे सकती है. इसलिए मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने की जरूरत होती है. जिसके लिए पोषक व संतुलित भोजन के साथ नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है. क्योंकि व्यायाम से ही शरीर में खून का संचालन संयमित रहता है तथा शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंच पाती है.

डॉ. कथरानी बताती हैं की हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन्स हमारे लीवर, लिम्फेटिक तथा अन्य अंगों पर दबाव बढ़ाते हैं. यदि समय पर यह टॉक्सिन्स शरीर से बाहर ना निकले तो यह मांसपेशियों तथा जोड़ों पर दबाव बढ़ा कर कमर दर्द जैसी समस्या को ज्यादा विकराल बना सकते हैं. इसलिए शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.

कैसे पाए कमर दर्द से छुटकारा

  • फिजियोथेरेपी

कमर दर्द की अवस्था में यह एक बेहतरीन विकल्प होता है. इस चिकित्सा पद्धती में विभिन्न इलाजों तथा स्ट्रेचिंग व कमर को मजबूती देने वाले अभ्यासों व उपचारों से रीढ़ की हड्डी तथा उससे जुड़ी मांसपेशियों की समस्या तथा उनमें व्याप्त तनाव को दूर करने का प्रयास किया जाता है. मांसपेशियों में चोट या लिगामेंट जैसी अवस्था में भी फिजियोथेरेपिस्ट कमर तथा पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों, तथा कूल्हों के आसपास के हिस्सों की नसों, मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूती देने तथा दबाव मुक्त करने के लिए चिकित्सा देते है, जो काफी असरदार होती है तथा शरीर के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती है.

  • योग

डॉ. कथरानी बताती है की योग के गुणों और फायदों से पूरी दुनिया वाकिफ है. कमर दर्द जैसी समस्या तथा हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी योग में काफी आसन बताये गए हैं. यदि प्रशिक्षित योग शिक्षक के दिशा निर्देशन में उन आसनों का अभ्यास किया जाए, तो ना सिर्फ कमर दर्द बल्कि कई प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है.

इसके साथ ही बहुत जरुरी है की सही जीवनशैली का निर्वहन किया जाए तथा संतुलित व पोषक भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए.

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डॉ. जान्हवी कथरानी से jk.swasthya108@gmail.com ईमेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है.

कमर दर्द एक ऐसी समस्या है. इससे आजकल लगभग हर तीसरा वयस्क जूझ रहा होता है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी हमारे रोजमर्रा के कामों को पुरा करने में आती है. घर हो या दफ्तर कमर का दर्द हमारे काम की गति और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करता है. कमर दर्द क्यों होता है और फिजियोथेरेपी तथा योग इस समस्या में कितने मददगार हैं, इस बारे में ETV भारत सुखीभवा की टीम को फिजियोथेरेपिस्ट, योग प्रशिक्षक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धती अभ्यासकर्ता डॉ. जान्हवी कथरानी ने विस्तार से जानकारी दी.

क्यों होता हैं कमर दर्द?

डॉ. कथरानी बताती है की हमारी हड्डियों का फ्रेम कॉलम संरचना पर आधारित होता हैं. जिसमें हड्डियां एक के बाद एक जुड़ी होती है. इस संरचना में जरा सी गड़बड़ी कमर दर्द को जन्म देती है. हमारी हड्डियों के फ्रेम को हमारी मांसपेशियां तथा तन्तु एक ऐसी बुनियाद देते है, जिससे हमारे शरीर के जोड़ तथा शरीर का हर भाग आराम से गतिविधि कर सके. इस पूरी संरचना में हड्डियों या मांसपेशियों के स्थान में थोड़ा सा भी अंतर या परेशानी दर्द जैसी समस्या को जन्म दे सकता है. चूंकि हमारे शरीर का आधार हमारी कमर होती है तथा हर शारीरिक गतिविधी में हमारी रीढ़ की हड्डी जरूर प्रभवित होती है. इसलिए शरीर में किसी भी प्रकार के तनाव या दबाव का सीधा असर हमारी कमर पर पड़ता है.

कमर के आसपास की हड्डियों और मांसपेशियों में यह तनाव या दबाव कई कारणों से हो सकता है, जैसे ज्यादा शारीरिक गतिविधियां या खेलकूद, भारी समान उठाना, कमजोरी, चोट, हमारा खड़े होने या बैठने के पोश्चर का गलत होना या आसीन जीवनशैली यानी आराम परास्त जीवनशैली जीना. कमर में दर्द होने की अवस्था में शरीर में पोषण की कमी या कमजोरी इस समस्या को ज्यादा बढ़ा सकती है.

डॉ. कथरानी बताती हैं की जो लोग कम मात्रा में पानी पीते हैं या तनाव तथा अवसाद जैसी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं, उनमें भी गर्दन से लेकर कमर में दर्द होने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है.

कैसे बनाए रखें कमर का स्वास्थ्य

कमर दर्द का एक बहुत बड़ा कारण माना जाता हैं, हमारा गलत पोश्चर, बैठते या खड़े होते समय कमर या कंधों का सीधा ना होना, हमारी कमर के निचले हिस्से पर दबाव बनाता है. स्वस्थ कमर तथा रीढ़ की हड्डी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है की हमारा पोश्चर हमेशा सही हो. वहीं मांसपेशियों में कमजोरी भी छोटी सी समस्या के गंभीर परिणाम दे सकती है. इसलिए मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने की जरूरत होती है. जिसके लिए पोषक व संतुलित भोजन के साथ नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है. क्योंकि व्यायाम से ही शरीर में खून का संचालन संयमित रहता है तथा शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंच पाती है.

डॉ. कथरानी बताती हैं की हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन्स हमारे लीवर, लिम्फेटिक तथा अन्य अंगों पर दबाव बढ़ाते हैं. यदि समय पर यह टॉक्सिन्स शरीर से बाहर ना निकले तो यह मांसपेशियों तथा जोड़ों पर दबाव बढ़ा कर कमर दर्द जैसी समस्या को ज्यादा विकराल बना सकते हैं. इसलिए शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.

कैसे पाए कमर दर्द से छुटकारा

  • फिजियोथेरेपी

कमर दर्द की अवस्था में यह एक बेहतरीन विकल्प होता है. इस चिकित्सा पद्धती में विभिन्न इलाजों तथा स्ट्रेचिंग व कमर को मजबूती देने वाले अभ्यासों व उपचारों से रीढ़ की हड्डी तथा उससे जुड़ी मांसपेशियों की समस्या तथा उनमें व्याप्त तनाव को दूर करने का प्रयास किया जाता है. मांसपेशियों में चोट या लिगामेंट जैसी अवस्था में भी फिजियोथेरेपिस्ट कमर तथा पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों, तथा कूल्हों के आसपास के हिस्सों की नसों, मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूती देने तथा दबाव मुक्त करने के लिए चिकित्सा देते है, जो काफी असरदार होती है तथा शरीर के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती है.

  • योग

डॉ. कथरानी बताती है की योग के गुणों और फायदों से पूरी दुनिया वाकिफ है. कमर दर्द जैसी समस्या तथा हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी योग में काफी आसन बताये गए हैं. यदि प्रशिक्षित योग शिक्षक के दिशा निर्देशन में उन आसनों का अभ्यास किया जाए, तो ना सिर्फ कमर दर्द बल्कि कई प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है.

इसके साथ ही बहुत जरुरी है की सही जीवनशैली का निर्वहन किया जाए तथा संतुलित व पोषक भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए.

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डॉ. जान्हवी कथरानी से jk.swasthya108@gmail.com ईमेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है.

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