अगर कोई आपसे यह पूछे कि जीवन के अंतिम क्षण तक क्या चीज है जो आपके साथ रहेगी तो सही जवाब है आपका शरीर. यह एक शाश्वत सत्य है लेकिन इसके बावजूद लोग अपने शरीर की देखभाल के लिए ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. बहुत कम प्रतिशत में लोग अपने शरीर की बेहतरी के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और अच्छी जीवन शैली का पालन करते हैं. लेकिन जो लोग इन अच्छी आदतों का पालन करते हैं उनमें से भी बड़ी संख्या में लोग एक बड़ी जरूरी मूलभूत चीज को भूल जाते हैं ,वह है हमारा सही पॉश्चर.
आज हम अपने पाठकों के साथ साझा करने जा रहे हैं कुछ टिप्स जिनकी मदद से वह सही पॉश्चर अपनाकर कई प्रकार के शारीरिक दर्द और समस्याओं से बच सकते हैं.
क्या है सही पोश्चर
हमारा शरीर एक ऐसी मशीन है जो अलग-अलग तंत्रों के मेल से चलती है . लेकिन हम अपने पाँव खड़े हैं यह पूरी तरह से हमारी मांसपेशियों और हड्डियों विशेषकर हमारी रीढ़ की हड्डी पर निर्भर करता है. कई बार गलत तरीके से बैठना, चलना, लंबी अवधि तक कार्य करने के दौरान शरीर को ढीला छोड़ देने सहित बहुत सी पॉश्चर संबंधी गलत आदतों के कारण हमारी रीढ की हड्डी पर दबाव पड़ता है.
देहरादून के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हेम जोशी बताते हैं कि हमारे शरीर में ज्यादातर कमर दर्द, गर्दन में अकड़न तथा शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द के लिए हमारा गलत पॉश्चर जिम्मेदार होता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि उठने, बैठने, झुकने, सोने और यहां तक कि खड़े होने के दौरान सही पॉश्चर अपनाया जाए.
सही पॉश्चर के लिए टिप्स
विभिन्न विशेषज्ञों की राय के आधार पर सही पॉश्चर पाने के लिए कुछ टिप्स को अपनाया जा सकता है. जो इस प्रकार है.
- सही तरह से बैठे
यदि आप हमेशा आगे की तरफ झुक कर या टेढ़े-मेढ़े होकर बैठते हैं तो उसका दबाव हमारी रीढ की हड्डी पर पड़ता है, इसलिए जब भी बैठे तो कोशिश करें कि आपकी कमर बिल्कुल सीधी हो. यदि आाप कुर्सी पर बैठे हो तो ध्यान दें की आपकी पीठ, पूरी तरह से कुर्सी की बैक से सटी हो. बैठने के अलावा सही पॉश्चर के लिए यह देखना भी जरूरी है कि मेज पर पढ़ते या कार्य करते समय आप जिस कुर्सी पर बैठे हो, उसके और मेज के बीच की दूरी अधिक ना हो, साथ ही कुर्सी और मेज की ऊंचाई भी अनुपातिक तौर पर सही हो, यानी आपको मेज पर काम करने के लिए बहुत ज्यादा झुक कर ना बैठना पड़े. ज्यादा देर तक कुर्सी पर बैठे रहना निसंदेह कमर पर दबाव बनाता है और दर्द का कारण बन सकता है इसलिए यदि संभव हो तो नियमित अंतराल पर अपनी कुर्सी से उठते रहे और थोड़ा चलते फिरते रहे.
- सही तरह से खड़े हों
आमतौर पर खड़े होकर किसी से बात करते या कोई कार्य करते समय लोग ज्यादातर अपने कंधे झुका कर और कंधे ढीला छोड़ते हुए खड़े होते हैं. यह आपकी शारीरिक समस्याएं तो बढ़ाता ही है साथ ही आपके व्यक्तित्व को भी प्रभावित करता है. इसलिए खड़े होते समय ध्यान रखें कि आपके कंधे सीधे हों तथा आपकी कमर , गर्दन और घुटने भी सीधे हो. खड़े होने का सही पॉश्चर हमारी चाल को भी बेहतर बनाता है.
- टेक्स्ट नेक से सावधान रहें
आजकल महिला हो या पुरुष, बच्चे हो या बुजुर्ग, हर कोई अपना अधिकतम समय मोबाइल फोन पर बिताता हैं. लगातार गर्दन झुकाए हुए स्मार्टफोन की स्क्रीन देखने का असर टेक्स्ट नेक के रूप में सामने आता है. जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति को गर्दन में दर्द, आंखों में दर्द तथा सिर का भारी होना जैसी समस्याएं महसूस होने लगती हैं. टेक्स्ट नेक से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि जब भी आप मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप पर कार्य करें वह आपकी आंखों की सिधाई में हो , यानी उसे देखने के लिए आपको लंबे समय तक अपनी गर्दन को झुकाना ना पड़े.
- लो राइडर ना बने
यदि हम किसी लंबी ड्राइव पर जा रहे हैं तो यह बहुत सामान्य है कि ड्राइव के दौरान व्यक्ति थोड़ा सा झुककर और आरामदायक अवस्था में बैठ जाए. लेकिन इस तरह बैठकर गाड़ी चलाने की पोजीशन सही नहीं होती है. गाड़ी चलाते समय जहां तक संभव हो अपनी पीछे की सीट को सीधा रखें. आजकल लगभग सभी गाड़ियों में सीट एडजेस्टमेंट का फंक्शन आने लगा है. यानी ड्राइवर अपनी कद के अनुसार अपनी सीट या स्टेरिंग व्हील को एडजस्ट कर सकता है. इस तकनीक का फायदा उठाएं और अपनी सीट का एडजस्टमेंट इस तरह से करें कि आपका स्टेरिंग व्हील आपके कंधों के बिल्कुल सामने हो ना कि ऊपर और नीचे. साथ ही आपकी और स्टेरिंग व्हील के बीच की दूरी में अनुपातिक होनी चाहिए ताकि ड्राइव करते समय ब्रेक और गियर के लिए आपको अपने शरीर को ज्यादा खींचना ना पड़े. ऐसा करने से लंबी ड्राइव के उपरांत होने वाले कमर दर्द और गर्दन में अकड़न से काफी हद तक बचा जा सकता है.
- मोटे तकिए से करें परहेज
कई बार जब हम मोटा तकिया लेकर सोते हैं तो सुबह उठने के बाद हमें गर्दन में दर्द और अकड़न जैसी समस्या महसूस होती है. दरअसल ज्यादा ऊंचाई वाला तकिया लेकर सोने से ना सिर्फ हमारे शरीर के संतुलन पर असर पड़ता है बल्कि हमारी गर्दन पर जोर भी पड़ता है. विशेष तौर पर ऐसे लोग जो पहले से ही कमर दर्द या रीढ की हड्डी से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हो उन्हें पतला तकिया लेकर सोना चाहिए और यदि संभव हो तो तो किसी भी प्रकार का तकिया ना ले.
- झुकते समय ध्यान रखें
जब भी हम किसी कारणवश विशेषकर कोई सामान उठाने के लिए आगे की तरफ झुकते हैं तो सही पॉश्चर का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है अन्यथा हमारी कमर में दर्द जैसी समस्या बढ़ सकती है. कभी भी झटके से आगे की तरफ नहीं झुकना चाहिए. यदि आपको सीधे-सीधे आगे की तरफ झुक कर कोई सामान उठाने में कमर पर दबाव या किसी अन्य प्रकार की समस्या महसूस हो तो आगे की तरफ झुक कर सामान उठाने के बजाय घुटनों के बल बैठ कर सामान उठाने का प्रयास करें. इससे लोअर बैक पर सीधे-सीधे दबाव नहीं पड़ता है.