लिम्फोमा से पीड़ित मरीजों में प्रतिरक्षा स्तर कम होने से कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है. ऐसे में इन्हें उच्च जोखिम वाले समूहों में शामिल किया गया है. क्योंकि लिम्फोमा पीड़ितों को जानलेवा वायरस का शिकार होना पड़ता है. लेकिन किसी भी अध्ययन में यह सिद्ध नहीं हुआ है कि वायरस का सीधा प्रभाव लिम्फोमा या कैंसर पीड़ितों पर पड़ता है.
विश्व लिम्फोमा जागरूकता दिवस पर चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह दिन उन लोगों की रक्षा करने के साधनों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो संक्रमण के जोखिम, और इसके प्रतिकूल प्रभाव में हैं.
जिन रोगियों को कैंसर के उपचार से गुजरना पड़ता है, उन्हें प्रतिरक्षा प्रणाली से समझौता करना पड़ता है, जिससे वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, जिनमें कोरोनोवायरस भी शामिल है. और हेमैटोकोलॉजिकल विकृतियों जैसे कि तीव्र माइलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल), लिम्फोमा और मायलोमा विशेष रूप से कमजोर हो सकते हैं, क्योंकि ये कैंसर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं.
'किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से कमजोर पड़ जाता है, तो इन उपचारों से गुजरने वाले रोगियों के SARS-CoV-2/ कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है.' डॉ. भानु प्रकाश, कंसल्टेंट मेडिकल, हेमाटो-ऑन्कोलॉजी, मेडिकवेर हॉस्पिटल्स का कहना है कि यहां तक कि वे मरीज जो सक्रिय कैंसर का इलाज नहीं करा रहे है, उनको भी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि पिछले थेरेपी का प्रभाव आमतौर पर लंबे समय तक रहता हैं.
'लिम्फोमा के रोगियों को कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. सामान्य निवारक उपायों के अलावा, भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने, गैर-आवश्यक यात्रा से बचने, तनाव के स्तर को कम करके प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, पर्याप्त नींद लेने, मध्यम शारीरिक व्यायाम करने, और पौष्टिक भोजन का सेवन करने से मदद मिलेगी. डॉ. पी. अवंती, कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल्स का कहना है कि कुछ लिम्फोमा रोगियों के लिए उपचार एक निरंतर प्रक्रिया है. इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इस कठिन समय में उनकी रक्षा करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जाए.
विशेषज्ञों का कहना है कि लिम्फोमा पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और देखभाल करने वालों को उचित सावधानी और घर पर कोरोनावायरस लाने से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें रोगियों की लगातार निगरानी, दवाओं को स्टॉक और अन्य आवश्यक आपूर्ति करनी चाहिए, जो कई हफ्तों तक चल सके. जल्दी खराब ना होने वाले भोजन को संग्रहीत करने से बाहर जाने की आवृत्ति को कम किया जा सकता है.