शादी या प्रेम का रिश्ता ऐसा होता है, जिसे लंबे समय तक सुखद और खुशनुमा बनाए रखने के लिए दोनों साथियों को प्रयास करने पड़ते हैं. जीवन में सुख-दुख और परेशानियां तो आती ही रहती हैं लेकिन पति-पत्नी या प्रेमियों के बीच का आपसी संबंध इतना मजबूत होना चाहिए कि इन परेशानियों का असर न पड़े. और यह तभी संभव है, जब दोनों के बीच का संबंध खुशनुमा हो, दोनों एक दूसरे पर भरोसा करते हो और एक दूसरे से बिना किसी शर्त प्रेम करते हो. इसके साथ ही दो और चीजें बहुत जरूरी हैं, दोनों की एक दूसरे के प्रति तथा अपने रिश्ते के प्रति सकारात्मक सोच और खुशमिजाजी.
वर्ष 2018 में 'रिसर्च इन पर्सनैलिटी जर्नल' में प्रकाशित मार्टिन लूथर विश्वविद्यालय (MLU) हेले विटनबर्ग के मनोवैज्ञानिकों की एक शोध रिपोर्ट में सामने आया था कि खुशनुमा माहौल और हंसी, रोमांटिक रिश्तो को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. किसी भी रिश्ते में दोनों साथी, जब एक ही तरह खुलकर हंसते हैं तो उनका रिश्ता ज्यादा मजबूत होता है. वहीं जो लोग हंसने से डरते हैं या हंसी का पात्र बनने से डरते हैं, वे किसी भी रिश्ते में कम खुश रहते हैं. जिसका असर न सिर्फ उनका उनके साथी के साथ रिश्तों बल्कि उनके शारीरिक रिश्तों पर भी पड़ता है.
हाल ही में न्यू जर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी (Rutgers University) के एक शोध में भारत समेत 90 देशों के शादीशुदा जोड़ों पर एक अध्ययन किया गया था. लगभग 20,000 जोड़ों पर हुए इस सर्वे में पाया गया था कि खुशमिजाज या ज्यादातर हंसने वाली महिलाओं के साथी भी काफी खुश रहते हैं. इसके साथ ही उनका रिश्ता भी सुंदर और गहरा होता है. इंटरनेशनल जनरल ऑफ ह्यूमर रिसर्च में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया था कि मजाकिया स्वभाव वाली महिलाओं का रोमांटिक जीवन काफी अच्छा होता है. शोध में यह भी सामने आया था कि महिलाएं खुद ऐसे पुरुषों को ज्यादा पसंद करती है, जो उन्हें हंसा सकें तथा जिन का सेंस ऑफ ह्यूमर काफी अच्छा हो. ज्यादातर महिलाएं यह पूछे जाने पर कि उन्हें किस प्रकार का साथी चाहिए, अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर की बात अवश्य कहती हैं.
वहीं वर्ष 2020 में पीएलओएस वन जनरल में प्रकाशित यूनिवर्सिटी आफ बेसेल के क्लीनिकल साइकोलॉजी तथा एपिडेमियोलॉजी विभाग के एक शोध में शोधकर्ताओं ने अपनी परीक्षण के माध्यम से इस बात की पुष्टि की थी कि रिश्तो के बीच में तनाव तथा हंसी की कमी आपसी रिश्तों को तनावपूर्ण बना सकती है.
यह भी पढ़ें- दांपत्य जीवन की नींव हिला सकती है भावनात्मक दूरियां
इसी संबंध में ETV भारत सुखीभवा को अपनी राय बताते हुए रिलेशनशिप एक्सपर्ट तथा काउंसलर आरती बताती हैं, जब दो लोग एक दूसरे की हंसी और खुशी पर प्रतिक्रिया देते हैं तथा उनकी खुशी में शामिल होकर खुद हंसते हैं तो दोनों के बीच का बंधन और मजबूत होता है. यह सिर्फ प्रेम ही नहीं बढ़ाता है. बल्कि आपसी सम्मान, एक दूसरे पर विश्वास तथा किसी भी परिस्थिति में साथ रहने की क्षमता को भी बढ़ाता है. ऐसा नहीं है कि ऐसे लोगों में झगड़े या आपसी समस्याएं नहीं होती हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में पति-पत्नी या साथी उन समस्याओं और परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास बेहतर तरीके से करते हैं. जिससे उनके रिश्ते की आत्मीयता और खुशी प्रभावित न हो.