विश्व आईवीएफ दिवस : पुरुषों तथा महिलाओं, दोनों में शारीरिक समस्याओं तथा कई अन्य कारणों से भी बांझपन की समस्या हो सकती है. चिकित्सकों के अनुसार 35 वर्ष से कम उम्र की महिला सामान्य संभोग या बिना किसी सुरक्षा के किए गए संभोग के बाद भी यदि गर्भधारण नहीं कर पाती है या किसी पुरुष में गर्भधारण के लिए जरूरी संख्या में तथा मजबूत स्पर्म नहीं बन पाते हैं तो यह बांझपन या गर्भ धारण करने में असमर्थता का कारण बन सकते हैं.
IVF - In Vitro Fertilization ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ) एक सहायक प्रजनन तकनीक ( Assisted reproductive techniques ) है जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी के रूप में भी जाना जाता है. इस तकनीक में पहले अंडाशय से परिपक्व अंडे एकत्र करके उन्हे प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है और फिर निषेचित अंडे (भ्रूण) को गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है. इस पूरे चक्र में लगभग तीन सप्ताह का समय लगता है. आईवीएफ करने से पहले दंपति की कई प्रकार की जांच तथा परीक्षण किए जाते हैं जैसे महिलाओं के लिए, ओव्यूलेशन का मूल्यांकन, फैलोपियन ट्यूब का परीक्षण, गर्भाशय गुहा मूल्यांकन और एक बुनियादी हार्मोनल प्रोफ़ाइल तथा पुरुषों के लिए, प्रारंभिक परीक्षण वीर्य विश्लेषण आदि. इनके आधार पर ही इन्हे इलाज की प्रक्रिया निर्धारित की जाती है.
वर्तमान समय में इस चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार प्रगति देखी जा रही है, तथा हमारे देश में आईवीएफ के क्षेत्र में ना सिर्फ काफी आधुनिक विधाओं का उपयोग होने लगा है बल्कि इसे अपनाने वाले लोगों का आंकड़ा भी काफी बढ़ रहा है. लेकिन यहां यह जानना भी जरूरी है कि आईवीएफ सभी मामलों में सफल नहीं होता है. यानी इस तकनीक के हमेशा शत प्रतिशत रिजल्ट नहीं होते हैं. कुछ मामलों में यह फेल भी हो सकती है. World Ivf Day 25 July 2023