लखनऊ : योग और मिलेट्स को विश्वस्तर पर चमकाने की कोशिश करने वाले भारत की झोली में एक और नई उपलब्धि जुड़ गई है. काशी से वॉशिंगटन तक पहुंचा बाजरा न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और वहां के राष्ट्रपति जो बाइडन के टेबल पर सजा, बल्कि गुड़ को भी आगे बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं. यह मिलेट्स को और गुणकारी बनाएगा. कुछ दिनों पहले खूबियों से भरपूर गुड़ और मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर उसे और उपयोगी बनाने के लिए गन्ना एवं चीनी विभाग ने भी पहल की. गन्ना शोध परिषद ने एक निजी संस्था के साथ इस बाबत एमओयू (मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) किया.
इस एमओयू के तहत गुड़ को मिलेट्स के अलावा औषधीय मसलों के साथ प्रसंस्कृत कर पहले से ही गुडकारी गुड़ सेहत के लिहाज से और उपयोगी बनाया जाएगा. इससे विभाग से जुड़ी महिला समितियों को भी जोड़ा जाएगा. इससे स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा. एक तरीके से यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मिशन नारी सशक्तिकरण का ही एक कड़ी होगा. ज्ञात हो कि दुनियां इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना रही है. यह आयोजन भारत की पहल पर हो रहा है. लिहाजा इसे सफल बनाने में भारत की भूमिका भी सबसे महत्वपूर्ण है.
भारत को इसका अहसास है, और वह यह कर भी रहा है. हाल के कुछ इवेंट्स को देखें तो काशी से लेकर वाशिंगटन तक मिलेट्स का जलवा रहा. वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भोज में अन्य व्यंजनों के साथ बाजरा के व्यंजन और मिलेट्स के केक भी थे. इसके ग्रेमी अवार्ड विजेता भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक फालू के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिलेट को प्रोत्साहित करने के लिए "द अवंडंस ऑफ मिलेट्स" के नाम से एक गाना भी लिखा था. यह गाना गत 16 जून को रिलीज हुआ था.
पिछले दिनों काशी में आयोजित जी20 के सम्मेलन में भी विदेशी मेहमानों और अन्य गणमान्य लोंगों के लिए मिलेट्स के व्यंजन को तरजीह दी गई थी. भारत 2018 में ही राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना चुका है. उत्तर प्रदेश में हजारों वर्षों से मोटे अनाजों की खेती की परंपरा रही है. अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के लिए योगी सरकार की पहल पर घोषणा होने के साथ ही इसकी सफलता की रणनीति बन चुकी थी. यह क्रम लगातार जारी है.
कृषि के जानकर अमोदकांत कहते हैं कि गुड़ न सिर्फ खाने में टेस्टी होता है बल्कि यह कई औषधिय गुणों से भरपूर है. यह एक ऐसा सुपर फूड है जिसके फायदों के बारे बहुत कम लोग ही जानते हैं. गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रेमनारायण मिश्र का कहना है कि गुड़ को मिलेट्स के साथ खाने से कई गंभीर बीमारियों के इलाज में जायदा सहूलियत मिल सकती है. रोगी शीघ्र ही स्वस्थ हो सकता है.
मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री खुद, उनके मंत्री और शासन के वरिष्ठ लोग कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते. आयोजन कोई हो उसके मेनू में मिलेट्स के व्यंजन जरूर रहते हैं. इस साल अक्टूबर नवंबर में उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित कृषि कुंभ की थीम भी अंर्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष पर ही केंद्रित रहने की संभावना है. यह प्रदेश सरकार का दूसरा कृषि कुंभ होगा. पहले कृषि कुंभ का आयोजन योगी एक में हुआ था. इन कारणों से मिलेट्स हमारे जरूरी है.
- मिलेट्स स्वस्थवर्धक-पोषण आहार में योगदान कर सकता है.
- बाजरा जलवायु-लचीला है.
- बाजरा किसानों की आजीविका बढ़ाने में मददगार
- बाजरे का व्यापार विश्व की खाद्य प्रणाली की विविधता में सुधार ला सकता है.
- बाजरे का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है.
बाजरा मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं
- ज्वार :सोरघम Sorghum
- बाजरा : pearl millet
- रागी : Finger Millet
छोटे बाजरे 5 प्रकार के होते हैं
- काकुम : Foxtail Millet
- कोदों : Kodo Millet
- सानवा : Barnard Millet
- कुटकी/शावन : Small Millet
- चेन्ना या बरी : Proso Millet
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