तिरुवनंतपुरम : जल्द ही भारत का पहला 'नेचर लैब' तिरुवनंतपुरम में खुलने वाला है. इस लैब में छात्र और प्रकृति प्रेमी प्राकृतिक जंगल लगाना और जैव विविधता को संरक्षित रखना सीख सकेंगे. Nature Lab एम आर हरि की देन है, जिन्होंने तिरुवनंतपुरम में ढाई एकड़ से ज्यादा रकबे में फैले अपने 'मियावाकी जंगल' को 'Nature lab ' में तब्दील किया है. Miyawaki forest बनाने वाले M R Hari ने कहा कि ...
"नेचर लैब बनाने का विचार बच्चों को प्राकृतिक वन संरक्षण के लिए शिक्षित करने को लेकर आया.वे जान सकते हैं कि प्राकृतिक वातावरण में बिना इंसानी दखल के पेड़-पौधों का कैसे विकास होता है."
हरि अपने जंगल में एक प्राकृतिक तालाब भी बना रहे हैं. इससे छात्रों को सीख मिलेगी कि जल निकाय के आसपास किस तरह प्राकृतिक इकोसिस्टम विकसित होता है. हरि का कहना है कि मियावाकी जंगल बनाने से उन इलाकों में कार्बन की हालत सुधर सकती है, जहां जमीन की कीमत बहुत ज्यादा है. Miyawaki forest बनाने वाले M R Hari ने कहा कि ...
"पारंपरिक वनीकरण में, हम प्रति एकड़ 400 पौधे लगा सकते हैं. मियावाकी में, हम प्रति 10 सेंट भूमि में 16,000 पौधे लगा सकते हैं.यदि उनमें से आधे भी जीवित रहते हैं, तो रूपांतरण प्रतिशत बहुत अधिक है."
हरि का मियावाकी जंगल तिरुवनंतपुरम के पुलियाराकोनम में है.जंगल में टहलते हुए उन्होंने बताया कि इसे बनाने का विचार उन्हें कैसे आया. M R Hari ने कहा कि ...
"मैं उन पेड़ों और हरियाली को याद कर रहा था, जिनसे मैं तब परिचित था जब मैंने शहरी जीवन जीना शुरू किया था. इस तरह के हरे भरे स्थान को फिर से बनाना मेरा जुनून था.शहर में जमीन की कीमत बहुत अधिक है, इसलिए मैंने सस्ती जमीन की तलाश की और यही जमीन मुझे मिली."
Puliyarakonam Thiruvananthapuram के अलावा M R Hari ने शहर के बीचोंबीच कनककुन्नू में और चाल गवर्मेंट स्कूल परिसर में भी छोटा सा और घना मियावाकी जंगल बनाया है.
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