ETV Bharat / sukhibhava

भारत की दूसरी कोविड लहर ज्यादा संक्रामक, मगर कम घातक

लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना की दूसरी लहर पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक है। लेकिन इसके साथ ही इसमें मामला मृत्यु अनुपात (सीएफआर) पहले की तुलना में कम दर्ज की गई है, जिससे यह कम घातक प्रतीत हो रहा है।

Second wave of COVID
कोरोना की दूसरी लहर
author img

By

Published : Apr 19, 2021, 4:49 PM IST

भारत में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर सितंबर 2020 में आई पहली लहर से अलग है, क्योंकि नए मामले बढ़ने की दर काफी अधिक है। लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि फरवरी से अप्रैल तक प्रतिदिन 10,000 से 80,000 नए मामलों की वृद्धि 40 दिनों से भी कम समय में हुई। पिछले सितंबर में इस सफर में 83 दिन लगे थे।

दूसरा अंतर यह है कि सकारात्मक परीक्षण करने वाले कई और मामले स्पशरेन्मुख या हल्के रोगसूचक हैं, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होने और मृत्युदर की अपेक्षाकृत कम दरें होती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि स्पशरेन्मुख मामलों का उच्च अनुपात पूरी तरह से बेहतर संपर्क ट्रेसिंग (अधिक परिवार के सदस्यों, उदाहरण के लिए, परीक्षण किया जा रहा है) के कारण हैं।

मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से समग्र मामला मृत्यु अनुपात (सीएफआर) लगभग 1.3 प्रतिशत बताया गया है, जबकि 2021 की शुरुआत से वायरस का अनुबंध करने वाले रोगियों के बीच सीएफआर 0.87 प्रतिशत से काफी कम है।

अनंतिम रूप से, ऐसा लगता है कि सीएफआर दूसरी लहर में कम प्रतीत होता है। फिर भी भारत देश भर में प्रतिदिन 664 मौतों की सूचना मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मृत्यु संख्या संक्रमण दरों में अंतराल है, और संक्रमण बढ़ने के रूप में वृद्धि होने की संभावना है।

पिछले एक साल में 215 जिले ऐसे हैं, जो एक समय में केस इन्फेक्शन के मामले में टॉप 10 फीसदी में शामिल रहे हैं। लेकिन नौ जिले (चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, नासिक, नई दिल्ली, उत्तर 24 परगना, पुणे, ठाणे और सोलापुर) साल भर में शीर्ष 10 फीसदी का हिस्सा रहे हैं। दूसरी लहर भी अब तक भौगोलिक रूप से अधिक जटिल रही है।

पढे़: बढ़ती उम्र को लेकर लोगों का रवैया और उससे मुकाबला

शीर्ष 50 प्रतिशत वाले जिलों की संख्या पिछले शिखर के समय 40 से अधिक से गिरकर वर्तमान में 20 से भी कम हो गई है, जो अधिक केंद्रित महामारी का संकेत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तव में अगस्त और सितंबर 2020 के दौरान पहली वृद्धि के दौरान शीर्ष 75 प्रतिशत मामलों के लिए जिलों की संख्या 60-100 थी, जबकि इस लहर के दौरान यह लगभग 20-40 जिले रहे हैं।

(आईएएनएस)

भारत में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर सितंबर 2020 में आई पहली लहर से अलग है, क्योंकि नए मामले बढ़ने की दर काफी अधिक है। लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि फरवरी से अप्रैल तक प्रतिदिन 10,000 से 80,000 नए मामलों की वृद्धि 40 दिनों से भी कम समय में हुई। पिछले सितंबर में इस सफर में 83 दिन लगे थे।

दूसरा अंतर यह है कि सकारात्मक परीक्षण करने वाले कई और मामले स्पशरेन्मुख या हल्के रोगसूचक हैं, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होने और मृत्युदर की अपेक्षाकृत कम दरें होती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि स्पशरेन्मुख मामलों का उच्च अनुपात पूरी तरह से बेहतर संपर्क ट्रेसिंग (अधिक परिवार के सदस्यों, उदाहरण के लिए, परीक्षण किया जा रहा है) के कारण हैं।

मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से समग्र मामला मृत्यु अनुपात (सीएफआर) लगभग 1.3 प्रतिशत बताया गया है, जबकि 2021 की शुरुआत से वायरस का अनुबंध करने वाले रोगियों के बीच सीएफआर 0.87 प्रतिशत से काफी कम है।

अनंतिम रूप से, ऐसा लगता है कि सीएफआर दूसरी लहर में कम प्रतीत होता है। फिर भी भारत देश भर में प्रतिदिन 664 मौतों की सूचना मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मृत्यु संख्या संक्रमण दरों में अंतराल है, और संक्रमण बढ़ने के रूप में वृद्धि होने की संभावना है।

पिछले एक साल में 215 जिले ऐसे हैं, जो एक समय में केस इन्फेक्शन के मामले में टॉप 10 फीसदी में शामिल रहे हैं। लेकिन नौ जिले (चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, नासिक, नई दिल्ली, उत्तर 24 परगना, पुणे, ठाणे और सोलापुर) साल भर में शीर्ष 10 फीसदी का हिस्सा रहे हैं। दूसरी लहर भी अब तक भौगोलिक रूप से अधिक जटिल रही है।

पढे़: बढ़ती उम्र को लेकर लोगों का रवैया और उससे मुकाबला

शीर्ष 50 प्रतिशत वाले जिलों की संख्या पिछले शिखर के समय 40 से अधिक से गिरकर वर्तमान में 20 से भी कम हो गई है, जो अधिक केंद्रित महामारी का संकेत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तव में अगस्त और सितंबर 2020 के दौरान पहली वृद्धि के दौरान शीर्ष 75 प्रतिशत मामलों के लिए जिलों की संख्या 60-100 थी, जबकि इस लहर के दौरान यह लगभग 20-40 जिले रहे हैं।

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.