केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण विश्व अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है और इस वजह से भोजन, पोषण, स्वास्थ्य, प्रतिरोधक क्षमता और वहनीयता पर नए सिरे से ध्यान दिया जाने लगा है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, एफएसएसएआई के 'ईट राइट इंडिया' आंदोलन पर्यावरणीय दृष्टि से सभी के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है.
उन्होंने कहा कि इससे खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी प्रणालियों में सुधार होगा और हमारे नागरिकों की स्वच्छता और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसकी थीम इस साल 'ग्रो, नौरिश, सस्टेनेबल टुगेदर' रखी गई है.
एफएसएसएआई की ओर से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य से एक वर्ष पहले ही 2022 तक सरकार भारत को ट्रांस फैट से मुक्त करने का प्रयास कर रही है.
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक जारी वक्तव्य में कहा गया कि ट्रांस फैट आंशिक तौर पर हाइड्रोजनीकृत किए गए वनस्पति तेल, आहार वसा और मार्जरिन में पाया जाता है और यह भारत में गैर-संचारी रोगों के बढ़ने का प्रमुख कारण है.
हर्ष वर्धन ने स्कूलों के लिए 'ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज' की शुरूआत की. यह पोस्टर और फोटोग्राफी प्रतिस्पर्धा है, जिसका उद्देश्य सेहतमंद खानपान आदतों को बढ़ावा देना है.